क्रिकेट में अगर कोई बल्लेबाज अर्धशतक या शतक के करीब आकर आउट हो जाता है तो उसे बहुत दुख होता है। लेकिन, कोई बल्लेबाज अगर शतक के नजदीक पहुंच जाए और कप्तान पारी घोषित करे तो यह अजीबोगरीब स्थिति होती है। 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में जिस टेस्ट में वीरेंद्र सहवाग ने तिहरा शतक लगाया था, उसी में सचिन तेंदुलकर 194 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे थे। तब कार्यवाहक कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी थी। ठीक वैसा मामला ऑस्ट्रेलिया से सामने आया है।

दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में घरेलू सीरीज शेफील्ड शील्ड में न्यू साउथ वेल्स और तस्मानिया के बीच खेले गए मैच के दौरान मिशेल स्टार्क के साथ अजीबोगरीब वाकया हुआ। मंगलवा (10 नवंबर) को एडिलेड में न्यू साउथ वेल्स की ओर से खेल रहे स्टार्क अपने पहले फर्ल्स क्वलास सेंचुरी के करीब पहुंच गए थे। तभी कप्तान पीटर नेविल ने पारी घोषित करने का ऐलान कर दिया। इससे स्टार्क भड़क गए। ड्रेसिंग रूम में पहुंचने से पहले उन्होंने अपना बैट फेंक दिया।

मैच की पहली पारी में तस्मानिया की टीम पहले बल्लेबाजी करने के लिए उतरी। टीम 239 रनों पर ऑलआउट हो गई। खेल के दूसरे दिन न्यू साउथ वेल्स ने मैच पर पकड़ बनाए रखा। उसके लिए निक लारकिन ने 161 और अनुभवी मोइसेस हेनरिक्स ने 113 रन की पारी खेली। इन दोनों के तेज गेंदबाज स्टार्क ने सीन एबॉट के साथ पारी के संभाला। दोनों की मदद से टीम ने 6 विकेट पर 522 रन रन बनाए। एबॉट ने जैसे ही अपना शतक लगाया, नेविल ने पारी घोषित कर दी। उस समय स्टार्क 132 गेंद पर नाबाद 86 रन बना चुके थे।


स्टार्क आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे थे। लग रहा था कि वो शतक पूरा कर लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ड्रेसिंग रूम की तरफ लौटते समय बाउंड्री लाइन क्रॉस कर स्टार्क ने अपना बल्ला पटक दिया। बल्ले के साथ-साथ ग्लव्स को जमीन पर फेंक दिया। न्यू साउथ वेल्स और ऑस्ट्रेलिया की ओर से 103 मैच खेलने के बाद भी स्टार्क अभी तक शतक नहीं लगा सके हैं। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और एक छक्का लगाया। वे 2013 में भारत के खिलाफ मोहाली में 99 रन पर आउट हो गए थे।