ऑस्ट्रेलिया की ट्रेनिंग सेशन में रविवार को ओपनर उस्मान ख्वाजा अपने बल्ले और जूते पर शांति का प्रतीक माने जाने वाला ब्लैक डव (Black Dove) का स्ट्रीकर लगाकर उतरे थे। फिलिस्तीन सहित कई अलग-अलग संस्कृतियों में ब्लैक डव को शांति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने ख्वाजा को यह स्टिकर इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं दी है।
ख्वाजा मेलबर्न में पाकिस्तान के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट पर जूते और बैट पर यह स्टिकर लगाकर नहीं खेल पाएंगे। इससे पहले उनके जूते पर रोक लग चुका है। वहीं ब्लैकआर्म बैंड पहनकर पहले मैच में खेलने पर जुर्माना भी लग चुका है। आईसीसी की रोक के कारण ऑस्ट्रेलियाई ओपनर पर्थ टेस्ट के लिए ‘सभी जीवन बराबर हैं’ लिखे जूते पहनकर नहीं खेल पाए थे।
ब्लैक डव के स्टिकर का क्या मतलब है
एमसीजी में नेट्स पर ब्लैक डव के स्टिकर वाले जूते पहनकर ट्रेनिंग किया था। उनके बल्ले पर स्टिकर लगा था। यह स्टिकर यूनिवर्सल डिकलरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स का चिन्ह् है। यह आर्टिकल कहता है, “सभी मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुए हैं और उनका सम्मान तथा अधिकारों पर समान अधिकार है। वे तर्क और विवेक से संपन्न हैं और उन्हें एक-दूसरे के प्रति भाईचारे की भावना से काम करना चाहिए।”
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन को नहीं थी दिक्कत
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार, ख्वाजा के स्टिकर लगाने से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन दोनों में से किसी आपत्ति नहीं थी, लेकिन रविवार सुबह आईसीसी ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया। ऑस्ट्रेलिया 3 मैचों की टेस्ट में 1-0 से आगे है। पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया जीता था। दूसरा टेस्ट मंगलवार से मेलबर्न में खेला जाएगा। पाकिस्तान 1996 के बाद से ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट नहीं जीता है।