23 सितंबर से चीन के हांगझू में शुरू होने वाले एशियन गेम्स में भारत की मेन्स और वुमेंस फुटबॉल टीम शामिल होंगी। कई दिनों से भारतीय फुटबॉल टीम के एशियन गेम्स में शामिल होने को लेकर अनिश्चितताओं के बादल मंडरा रहे थे, लेकिन बुधवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक ट्वीट कर इस बात की पुष्टि कर दी। बता दें कि पहले खेल मंत्रालय के कुछ मानदंडों के तहत फुटबॉल टीम को एशियन गेम्स के लिए नहीं भेजा जा रहा था।
क्या कहा अनुराग ठाकुर ने?
अनुराग ठाकुर ने अपने ट्वीट में कहा कि भारतीय फुटबॉल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर! हमारी राष्ट्रीय फुटबॉल टीमें पुरुष और महिला दोनों आगामी एशियन गेम्स में शिरकत करने को तैयार हैं। खेल मंत्रालय ने दोनों टीमों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए नियमों में ढील देने का निर्णय लिया है जो मौजूदा मानदंड के अनुसार मान्य नहीं थीं। खेल मंत्री ने आगे कहा कि खेल मंत्रालय ने उनके हालिया प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए खेल मंत्रालय ने उन्हें छूट देने का फैसला किया है। मुझे यकीन है कि दोनों टीमें एशियन गेम्स में देश का नाम रौशन करेंगी।
खेल मंत्रालय के पैमाने पर सेट नहीं थी फुटबॉल टीम
आपको बता दें कि भारत की पुरुष और महिला फुटबॉल टीम के एशियन गेम्स में जाने पर सस्पेंस इसलिए बना हुआ था, क्योंकि खेल मंत्रालय ने कुछ मापदंड सेट किए थे और उन मापदंडों के तहत भारतीय फुटबॉल टीम क्वालीफाई नहीं कर पा रही थी। इसको लेकर भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमक ने पीएम मोदी को खत भी लिखा था। माना जा रहा है कि यह उनके खत का भी असर है।
क्या था खेल मंत्रालय का पैमाना?
एशियन गेम्स से पहले खेल मंत्रालय ने पैमाना सेट किया था कि जो टीमें एशियाई स्तर पर टॉप 8 की रैंक में होंगी उन्हें ही एशियन गेम्स के लिए भेजा जाएगा और फुटबॉल टीम 18वें स्थान पर है। इसी से आहत होकर भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के कोच ने पीएम मोदी को खत लिख कहा था कि हमारी टीम का हालिया प्रदर्शन बेहतर रहा है, हम एशियन गेम्स में जाकर तिरंगा लहरा सकते हैं। स्टिमक ने पीएम से एशियन गेम्स में शिरकत करने की अनुमति मांगी थी।