प्रत्युष राज। एशिया कप 2023 में शनिवार को जब रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे भारत के दिग्गज बल्लेबाजों ने पाकिस्तान के खिलाफ घुटने टेक दिए तब इशान किशन ने बेहतरीन बल्लेबाजी की। पाकिस्तान के खिलाफ मैच से एक दिन पहले इशान किशन की अपने दोस्त सत्यम कुमार से बात हो रही थी तो उन्होंने कहा था कि इस मैच नंबर 5 उनके लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। हुआ भी एकदम ऐसा ही। इशान ने नंबर 5 पर 82 रन ठोक दिए। इशान और उनके दोस्त सत्यम के बीच क्या बातचीत हुई इसके बारे में इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले सत्यम कुमार ने अपने दोस्त इशान को मैसेज करके पूछा, “कहां खेल रहे हो?” इशान ने जवाब दिया, “नीचे शायद पांच पर।” इशान किशन का जवाब सुनकर सत्यम ने उन्हें फोन कर दिया। इशान और सत्यम रांची में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) के हॉस्टल में रूममेट थे। सत्यम ने इशान का हौसला बढ़ाने के लिए फोन किया।
फाइट करेंगे भैया
इशान ने सत्यम से कहा, ” फाइट करेंगे भैया। पाकिस्तान के खिलाफ नंबर 5 पर खेलना मेरे लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। वह हमेशा पॉजिटिव लड़का रहा है। मैं उसे पिछले 13 साल से जानता हूं। इशान, मोनू कुमार (झारखंड के सीमर) और मैंने एक साथ बहुत समय बिताया है। मैंने ही उसे मैगी बनाना सिखाया था।”
इशान को खाना पकाने नहीं आता था
इशान किशन 12 साल के थे जब वह रांची के डोरंडा में सेल क्वार्टर में शिफ्ट हुए। उन्होंने अपने से दोगुनी उम्र के दो अन्य लोगों के साथ फ्लैट शेयर किया। सत्यम ने याद करते हुए कहा, “वे खाना बनाते थे और इशान को खाना पकाने नहीं आता था तो वह बर्तन साफ करते थे। एक दिन मैंने उससे पूछा कि रात के खाने में क्या बनाया है और उन्होंने कहा, चिप्स और कोक। फिर मैंने उन्हें मैगी बनाना सिखाया। उसके बाद वह यह खाने लगे।”
इशान को कोई दिक्कत क्यों नहीं हुई
इशान किशन शनिवार को पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे तो उनके पास इस नंबर पर खेलने का अनुभव नहीं था, लेकिन 82 रन की अपनी पारी के दौरान उन्होंने दिखाया कि वह किसी भी स्थिति में खेल सकते हैं। सत्यम ने बताया कि इशान को कोई दिक्कत क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा, ” इशान ने क्रिकेट मैटिंग विकेट पर खेला है, चाहे वह पटना हो या रांची। बिहार और झारखंड में केवल जमशेदपुर में ही कीनन स्टेडियम के कारण टर्फ विकेट हुआ करते थे। रांची में पहला टर्फ विकेट जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम में था, जिसका उद्घाटन 2013 में हुआ था। वह कुछ अन्य बाएं हाथ के बल्लेबाजों की तरह बेहतरीन नहीं दिखते, लेकिन वह काफी तूफानी बल्लेबाज हैं और जानते हैं कि रन कैसे करना है। यह रांची क्रिकेट का डीएनए है। माही भैया भी ऐसे ही खेलते थे।