पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) एशिया कप की मेजबानी गंवा सकता है। उसकी मेजबान भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की हां और ना पर टिकी हुई है। बीसीसीआई यदि पाकिस्तान की मेजबानी में खेलने से इनकार कर देता है तो फिर यह टूर्नामेंट किसी दूसरी जगह होगा। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के कार्यक्रम के मुताबिक, अगले साल सितंबर में एशिया कप होना है, लेकिन अब तक भारत ने पाकिस्तान में खेलने की पुष्टि नहीं की है। वैसे भी भारत और पाकिस्तान के रिश्ते जिस तरह से तनावपूर्ण हैं, उसे देखते हुए बहुत कम ही उम्मीद बची है कि टीम इंडिया पड़ोसी मुल्क में कोई टूर्नामेंट खेलने जाए।
हालांकि, पीसीबी अब भी बीसीसीआई की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। उसका कहना है कि बीसीसीआई के फैसले का जून 2020 तक इंतजार करेगा। पीसीबी के सीईओ वसीम खान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘हमें इंतजार करना होगा कि टीम इंडिया एशिया कप में खेलने के लिए पाकिस्तान आने पर सहमत है या नहीं? चूंकि टूर्नामेंट अगले साल सितंबर में होना है। ऐसे में अभी काफी समय है। हां, लेकिन जून 2020 तक हमें पता होना चाहिए कि यह टूर्नामेंट कहां होगा? भारत के हिस्सा नहीं लेने के कारण इसकी मेजबानी यहां नहीं पाएगी?’
बता दें कि एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के पास टूर्नामेंट का वेन्यू बदलने का विशेषाधिकार है। वसीम खान ने कहा, ‘हम एशिया कप में भारतीय टीम की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि, इस पर एशियाई क्रिकेट परिषद और आईसीसी को फैसला लेना है कि वह टूर्नामेंट कहां कराती है?’
वसीम खान ने दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते होने की बात स्वीकार की। उनकी नजर में द्विपक्षीय सीरीज नहीं होने के पीछे यही एक कारण है। वसीम खान ने कहा, ‘दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों के बीच रिश्तों की बात करें तो यह बहुत अच्छे हैं। लेकिन भारत में सरकार का काफी हस्तक्षेप है। हम द्विपक्षीय सीरीज के लिए उनके पीछे नहीं भाग सकते। अगर वे खेलना चाहते हैं तो वे हमें बताएं। उन्हें अपनी प्रतिबद्धता साबित करनी होगी। हमें तटस्थ मैदान पर खेलने में भी कोई परेशानी नहीं है।’