मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किसी खिलाड़ी को पुरस्कार दिए जाने वाले वर्ष से ठीक पहले चार वर्षों की अवधि में सबसे शानदार और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। अर्जुन पुरस्कार के लिए पात्र होने के लिए, एक खिलाड़ी को न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार वर्षों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए, बल्कि जिस साल पुरस्कार की सिफारिश की जाती है, उसमें भी उत्कृष्टता होनी चाहिए। खिलाड़ी में नेतृत्व, खेल कौशल और अनुशासन भी दिखना चाहिए।
क्या हैं नियम
ओलंपिक गेम्स (समर, विंटर और पैरालिंपिक), एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल खेलों की विभिन्न अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप और खेल आयोजनों में जीते गए पदकों का 90% वेटेज होता है। पदक जीतने के लिए प्रत्येक पात्र खिलाड़ी को पिछले 4 वर्षों के दौरान उसके प्रदर्शन के लिए अंक दिए जाते हैं। ये अंक कैसे मिलते नीचे टेबल में देख सकते हैं।
S. No. | Event | Medal | ||
Gold | Silver | Bronze | ||
1 | World Championship/World Cup (once in 4 years) | 40 | 30 | 20 |
2 | Asian Games | 30 | 25 | 20 |
3 | Commonwealth Games | 25 | 20 | 15 |
4 | World Championship/World Cup (biennial/annual) | 25 | 20 | 15 |
5 | Asian Championship | 15 | 10 | 7 |
6 | Commonwealth Championship | 15 | 10 | 7 |
किसी भी अन्य खेल/टूर्नामेंट जो सूचीबद्ध नहीं है उसे लेकर चयन समिति ऊपर टेबल में मौजूद 6 श्रेणियों के हिसाब से वैल्यू तय करती है। इसके अनुसार अंक आवंटित किए जाते हैं।
अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को ऊपर टेबल के अनुसार 90 अंक दिए जाते हैं। शेष खिलाड़ियों को उस खिलाड़ी के अनुपात में अंक दिए जाते हैं। मान लें कि एक खिलाड़ी को टेबल के अनुसार उच्चतम अंक 45 मिले हैं और दूसरे खिलाड़ी को 40 अंक मिले हैं, तो ‘ए’ को 90 अंक मिलेंगे और ‘बी’ को (90 x 40/45) = 80 अंक प्राप्त होंगे।
खिलाड़ी को बाकी 10 प्रतिशत अंक देने के समय चयन समिति उन स्पोर्ट्स इवेंट के प्रोफाइल और स्टैंडर्ड जैसे फैक्टर्स को ध्यान में रखती, जिसमें उसने पदक जीते हैं। इस दौरान लीडरशिप, स्पोर्ट्समैनशिप, टीम स्पिरिट, फेयर प्ले और अनुशासन भी देखा जाता है।
ओलंपिक और पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पदक के प्रकार के आधार पर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न या अर्जुन पुरस्कार के लिए ऑटोमेटिक विचार किया जाता है। हालांकि, यह तभी होता अगर उन्हें पहले से ही दोनों पुरस्कारों में से किसी एक से सम्मानित नहीं किया गया है।
क्रिकेट और कोई स्वदेशी खेल जो ओलंपिक/एशियन गेम्स/कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल नहीं हैं, उनके लिए चयन समिति पुरस्कारों की सिफारिश खिलाड़ियों के योगदान,लीडरशिप, स्पोर्ट्समैनशिप, टीम स्पिरिट, फेयर प्ले और अनुशासन को देखकर करती है। इनमें दो से अधिक अवार्ड नहीं मिलते।
आमतौर पर, किसी साल एक खेल में एक से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जाते, बशर्ते योग्य खिलाड़ी उपलब्ध हों। दिव्यांग और महिलाओं के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाता है।
प्रति खेल एक पुरस्कार का सिद्धांत टीम स्पोर्ट्स और सभी लिंगों के मामले में लागू नहीं होगा। टीम स्पोर्ट्स और दोनों लिंगों के खिलाड़ियों के संबंध में एक से अधिक खिलाड़ी को सम्मान मिल सकता है।
सामान्यतः किसी भी कैलेंडर वर्ष में 15 से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जाते। हालांकि, किसी विशेष वर्ष के दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और ओलंपिक गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए और ऊपर पैरा 7 में दिए गए कारणों से चयन समिति अर्जुन पुरस्कार के लिए 15 से अधिक खिलाड़ियों की सिफारिश कर सकती है।
चयन समिति की सिफारिशों को अंतिम निर्णय के लिए केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री के समक्ष रखा जाता है।