कुश्ती कोच अनूप सिंह और पैरालंपिक कोच नवल सिंह सहित पांच प्रशिक्षकों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 29 अगस्त को खेल दिवस के दिन प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित करेंगे। कुश्ती कोच अनूप सिंह के अलावा पैरालंपिक कोच नवल सिंह ,हरबंस सिंह (एथलेटिक्स), स्वतंत्र राज सिंह

(मुक्केबाजी) और निहार अमीन(तैराकी) को अपने अपने खेलों में खिलाड़ियों को तैयार करने और उनके अभूतपूर्ण योगदान के लिये द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। द्रोणाचार्य अवार्ड समिति ने इन कोचों के नामों की द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये सिफारिश की थी और खेल मंत्रालय ने मंगलवार को इन सिफारिशों पर अपनी मुहर लगा दी।

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने समिति की सिफारिशों और जांच पड़ताल के बाद अनूप और नवल के नाम पर उनके वर्ष 2011 से 2014 के बीच प्रदर्शन को ध्यान में रखकर सहमति दी है जबकि निहार, स्वतंत्र सिंह और हरबंस के नामों को लाइफटाइम वर्ग के तहत उनके पिछले 20 वर्षों में इन खेलों में योगदान के लिये द्रोणाचार्य अवार्ड के लिये चुना गया है।

द्रोणाचार्य पुरस्कार 1985 से ऐसे जानेमाने प्रशिक्षकों को दिया जाता है, जिन्होंने सफलतापूर्वक खिलाड़ियों या टीमों को प्रशिक्षित किया, जिसकी वजह से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में बेहतरीन सफलता हासिल की। तीन बार के राष्ट्रीय चैंपियन और अंतरराष्ट्रीय पहलवान अनूप ने देश के शीर्ष पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता सुशील, योगेश्वर तथा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में देश को कई पदक दिला चुके सत्यव्रत कादियान, बजरंग और अमित दहिया को प्रशिक्षित किया है। इसके अलावा उन्होंने अन्य 58 पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिये तैयार किया है।

द्रोणाचार्य अवार्ड के अलावा इस वर्ष ध्यानचंद पुरस्कारों के लिये रोमियो जेम्स (हॉकी), शिव प्रकाश मिश्रा (टेनिस), टी.पी.पी. नायर(वॉलीबॉल) को चुना गया है। वर्ष 2002 में शुरू किए गए ध्यान चंद पुरस्कार, खेल-कूद में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार ऐसे खिलाड़ियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से खेल के क्षेत्र में योगदान दिया और खेल जीवन से संन्यास लेने के बाद भी खेल-कूद को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।

इसके अतिरिक्त वर्ष 2009 से ही राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार भी शुरू किये गये हैं जिसे खेल विकास में सरकारी और निजी क्षेत्र की संस्थाओं तथा गैर-सरकारी संगठनों के योगदान को सम्मानित करने के लिए प्रदान किया जाता है। राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार की चार श्रेणियां हैं। इस वर्ष नये-युवा प्रतिभा की पहचान कर उसे विकसित करने के लिये पहली श्रेणी में यह पुरस्कार सैन्य प्रशिक्षण महानिदेशालय को दिया जा रहा है।

कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के जरिए खेल को बढ़ावा देने के लिये वर्ग में कोल इंडिया लिमिटेड , खिलाड़ियों को रोजगार और खेल कल्याण उपाय के लिये हरियाणा पुलिस तथा विकास के लिए खेल-कूद वर्ग में स्पोट्र्स कोचिंग फाउंडेशन, हैदराबाद को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में खेल दिवस के दिन ये पुरस्कार प्रदान करेंगे। द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार पाने वालों को लघु प्रतिमा , प्रमाण पत्र और पांच-पांच लाख रुपए पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार पाने वालों को प्रमाण पत्र और ट्रॉफी दी जाएगी।