पुडुचेरी की महिला आईपीएस अधिकारी अनीता राय ने वो कमाल कर दिया जो पावरलिफ्टिंग के इतिहास में किसी ने नहीं किया था। 4 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका के सन सिटी में आयोजित कॉमनवेल्थ इंटरनेशनल क्लासिक बेंच प्रेस इवेंट में अनीता राय ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश के लिए गोल्ड मेडल जीता। 46 साल की उम्र में 70 किलोग्राम वजन उठाकर इस पावरलिफ्टिंग इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली वो देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बन गईं।

अनीता राय ने जीता गोल्ड मेडल

इस इवेंट में 43 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था और अनीता ने सभी को पीछे छोड़ते हुए ये उपलब्धि अपने नाम किया। ​​एसएसपी पुडुचेरी के पद पर तैनात इस महिला आईपीएस अधिकारी ने कहा कि इस प्रतियोगिता में उन्हें कड़ी मेहनत के दम पर ऐसी सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि उनका शेड्यूल काफी बिजी होता है, लेकिन इसके बावजूद वो अपनी फिटनेस का खास ख्याल रखती हैं और इसके लिए समय निकाल लेती हैं।

अनीता राय ने साल 2019 में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शुरू की थी। हालांकि साल 2021 में वो कोरोना से पीड़ित हो गईं थीं और इसके बारे में उन्होंने बताया कि उस दौरान मुझे अहसास हुआ था जीवन में सबसे अहम स्वथ्य रहना है। इसके बाद मैंने फिटनेस और अपने खेल की ट्रेनिंग पर और ज्यादा ध्यान देने का फैसला किया। साल 2022 में उन्होंने दिल्ली की राज्य स्तरीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में जीत दर्ज की।

पिता का कैंसर से हुआ था निधन

अनीता जब इस खेल में सफल हो रही थीं और उन्हें लगा था कि उनका लिफ्टिंग करियर सफल हो जाएगा, तो उनके घुटने में चोट लग गई। उन्होंने कहा कि इसके बाद मुझे लगा कि मैं स्क्वाट और डेडलिफ्ट नहीं कर पाऊंगी, लेकिन फिर मैंने बेंच प्रेस पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया। साल 2023 में उन्होंने टेक्सास में आयोजित विश्व बेंच प्रेस चैंपियनशिप में क्वालिफाई होने के लिए बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय बेंच प्रेस चैंपियनशिप जीती। हालांकि लिफ्ट में तकनीकी खामी के कारण वह पदक नहीं जीत पाईं। फिर साल 2023 में उनके पिता का कैंसर से निधन हो गया।

मां की खुशियों के लिए खेलना जारी रखा

उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था और मैंने अपना वेटलिफ्टिंग करियर लगभग छोड़ ही दिया था। उन्होंने आगे कहा कि पावरलिफ्टिंग में प्रतिस्पर्धा करने के लिए मानसिक एकाग्रता सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने बताया कि अपनी विधवा मां सुमित्रा रॉय के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए उन्होंने इसे रखा। उन्होंने कहा कि जब मैंने कॉमनवेल्थ बेंच प्रेस में जीत हासिल की, तो वह मुझे बधाई देने वाली पहली व्यक्ति थीं। मुझे लगता है कि मेरी जीत ने उनकी जिंदगी में भी खुशियां वापस ला दीं। रॉय ने कहा कि मैं 40 की उम्र पार कर चुकी महिलाओं को यह संदेश देना चाहती थी कि खुद की देखभाल के लिए हमेशा समय होता है।