टीम इंडिया के दिग्गज गेंदबाज रहे अनिल कुंबले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह सोमवार यानी 20 जनवरी 2020 को ‘परीक्षा पे चर्चा‘ के दौरान छात्रों में ऊर्जा का संचार करने के लिए कुछ उदाहरण दिए थे।। इसमें उन्होंने क्रिकेट की दुनिया के कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके अनिल कुंबले का जिक्र किया था। उन्होंने क्रिकेट के उस मैच का उदाहरण दिया था, जिसमें अनिल कुंबले टूटा जबड़ा होने के बावजूद पट्टी बांध कर गेंदबाजी करने उतरे थे। पीएम मोदी ने कहा था कि यह सिर्फ अनिल कुंबले के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी फख्र की बात है।
प्रधानमंत्री ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ का भी जिक्र किया था। उन्होंने इन दोनों महान क्रिकेटरों के बीच कोलकाता के ऐतिहासिक टेस्ट मैच में हुई साझेदारी का उदाहरण देकर छात्रों को मोटिवेट करने की कोशिश की थी। बता दें कि राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के बीच हुई साझेदारी के दम पर टीम इंडिया ने कोलकाता में फॉलोऑन खेलने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
खुद की तारीफ करने पर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा है। कुंबले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वीडियो के साथ ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘मैं परीक्षा पर चर्चा 2020 में अपने नाम के जिक्र से गर्वान्वित हूं। पीएम नरेंद्र मोदी को शुक्रिया। परीक्षा में बैठे सभी स्टूडेंट्स को शुभकामनाएं।’
मोदी ने कहा था कि अनिल कुंबले ने 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टूटे जबड़े के साथ गेंदबाजी की और मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई। इस दौरान उनके चेहरे पर पट्टी बंधी थी। अनिल कुंबले ने मुश्किल हालत होने के बावजूद भी वेस्टइंडीज के विस्फोटक ब्रायन लारा को आउट किया था। इसके बाद भारत की हार आशंका खत्म हो गई और टीम इंडिया वह मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रहा।
Honoured to have been mentioned in #ParikshaPeCharcha2020 Thankyou Hon. PM @narendramodi ji. Best wishes to everyone writing their exams. pic.twitter.com/BwsMXDgemD
— Anil Kumble (@anilkumble1074) January 22, 2020
कुंबले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा था, ‘अनिल कुंबले बाउंसर की चपेट में आने के बाद घायल हो गए थे। यह तय नहीं था कि वे मैच में गेंदबाजी कर पाएंगे या नहीं। अगर उन्होंने गेंदबाजी नहीं भी की होती तो भी देश उन्हें दोषी नहीं ठहराता, लेकिन उन्होंने खेलने का फैसला किया और ब्रायन लारा का विकेट लिया। उस विकेट के साथ उन्होंने मैच का रुख मोड़ दिया। एक व्यक्ति का दृढ़ संकल्प दूसरों को भी प्रेरित कर सकता है।’