महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) आमतौर पर उन व्यक्तियों के समर्थन के लिए जाने जाते हैं जो जीवन में असाधारण प्रतिभा और दृढ़ता का प्रदर्शन करते हैं। हालिया उदाहरण में बिजनेस टाइकून (Business Tycoon) आनंद महिंद्रा ने असाधारण शीतल देवी (Sheetal Devi) के प्रति हार्दिक संवेदना जाहिर की। तीरंदाज शीतल देवी ने हाल ही में खत्म हुए चौथे एशियाई पैरा खेलों (Asian Para Games) में भारत के लिए गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते। खास यह है कि उनके दोनों हाथ नहीं हैं। उन्होंने मुंह और पैरों की मदद से अपने लक्ष्य पर निशाना साधा।

आनंद महिंद्रा ने चीन के हांगझू में हुए एशियन पैरा गेम्स (Asian Para Games) में भारतीय तीरंदाज 16 साल की शीतल देवी को स्वर्ण पदक जीतने वाला वीडियो देखा। वह शीतल के अदम्य साहस से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर भविष्य में कभी भी छोटी-मोटी चुनौतियों को लेकर शिकायत नहीं करने की कसम खाई। उन्होंने शीतल को सभी के लिए मार्गदर्शक बताया।

छोटी-मोटी समस्या होने पर कभी शिकायत नहीं करेंगे आनंद महिंद्रा

आनंद महिंद्रा ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मैं अपने जीवन में कभी भी छोटी-मोटी समस्याओं के बारे में शिकायत नहीं करूंगा। शीतल देवी आप हम सभी के लिए एक शिक्षक हैं। कृपया हमारी श्रेणी (महिंद्रा ग्रुप) में से कोई भी कार चुनें। हम इसे आपके इस्तेमाल करने लायक तैयार करेंगे और आपको उपहार में देंगे।’

शीतल ने मिक्स्ड तीरंदाजी में जीता गोल्ड मेडल

शीतल देवी ने शुक्रवार 27 अक्टूबर को हांगझू एशियन पैरा गेम्स में राकेश कुमार के साथ मिलकर मिक्स्ड टीम कंपाउंड तीरंदाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। इससे एक दिन पहले शीतल ने सरिता के साथ मिलकर महिला युगल तीरंदाजी का रजत पदक अपने नाम किया था। शीतल की सफलता के शिखर तक की यात्रा दुर्गम बाधाओं से भरी है।

शीतल का साहस और दृढ़ता आत्मा की शक्ति का प्रमाण है। अपनी शारीरिक कमियों पर काबू पाते हुए शीतल ने खेलों में इतिहास रच दिया। शीतल देवी का जन्म फोकोमेलिया के साथ हुआ था। यह एक दुर्लभ जन्मजात विकार है जिसके कारण अंग अविकसित होते हैं। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और पदक जीतने वाली बिना हाथों वाली पहली महिला तीरंदाज हैं।