इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से संन्यास लेने के बाद अंबाती रायुडू ने वर्ल्ड कप 2019 के लिए टीम इंडिया में चयन न होने पर ट्वीट को लेकर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि 3D Glass वाला ट्वीट विजयशंकर के लिए नहीं था, जिसको उनकी जगह चुना गया था। रायुडू का क्रिकेट करियर विवादों से भरा रहा है। हाल ही में टीवी इंटरव्यू के दौरान एक इंटरव्यू में रायुडू ने अपने करियर के बारे में खुलासा किया। उन्होंने नाम लिए बगैर पद का हवाला देते हुए टीम इंडिया के पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद और शिवलाल यादव से संबंधों के बारे विस्तार से बात की। उन्होंने एमएसके प्रसाद के लिए ‘हैदराबादी व्यक्ति’ शब्द का इस्तेमाल किया।

2019 वर्ल्ड कप टीम में रायुडू की जगह विजयशंकर को चुना गया था। इसके बाद तत्कालीन मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने ट्वीट करके कहा था कि ‘थ्री डेमिनसनल’ पहलू के कारण शंकर को चुना गया। रायुडू ने उनके ट्वीट पर निशाना साधते हुए लिखा था, “विश्व कप देखने के लिए अभी-अभी 3डी चश्मे का नया सेट ऑर्डर किया है।”

रायुडू ने टीवी9 तेुलुगू पर इंटरव्यू के दौरान कहा, ” टीम का चयन एक व्यक्ति नहीं करता है। वह जानबूझकर कुछ करना चाहता है या नहीं, इसके के कई कारण हैं। टीम मैनेजमेंट में कुछ लोग थे। एक हैदराबादी व्यक्ति था। जब मैं युवा था तब हमारी नहीं बनती थी। कुछ बातें मुझे उनकी अच्छी नहीं लगी और कुछ उन्हें मेरी अच्छी नहीं लगीं। ये वही लोग थे, जिनसे मैंने अपने पूरे करियर जूझता रहा।”

रायुडू की मुश्किलें 2004-05 सीजन से शुरू हुईं

घरेलू क्रिकेट में रायुडू की मुश्किलें 2004-05 सीजन से शुरू हो गई थीं। भारत के पूर्व खिलाड़ी शिवलाल यादव हैदराबाद क्रिकेट के सचिव थे और उनके भाई राजेश यादव हैदराबाद के कोच थे। उन्होंने पिछले सत्र में 45.55 के औसत से रन बनाए थे। इसके बाद केन्या में भारत ए के लिए शानदार प्रदर्शन किया, जहां उनका औसत 152 था। उनका भविष्य उज्ज्वल दिख रहा था। अचानक चीजें बदलीं। उन्होंने उस वर्ष 13 पारियों में 11.92 का औसत से रन बनाए, जिसमें 36 का उच्चतम स्कोर था।

एमएसके प्रसाद और शिवलाल यादव को लेकर क्या बोले रायुडू

प्रबंधन के साथ समस्याओं के बाद रायुडू अगले सीजन में आंध्र चले गए, जहां एमएसके प्रसाद कप्तान थे। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा, “2005 में, मैं आंध्र के लिए खेलने गया था। उस समय हैदराबाद सचिव के साथ कई समस्याएं थीं। उनके भाई कोच थे और उनका बेटा हैदराबाद टीम का कप्तान था। यहां उस समय चीजें ठीक नहीं चल रही थीं। मैं आंध्र गया और वहां एमएसके प्रसाद कप्तान थे। उनकी वजह से मुझे वहां कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन मुझे उनके कुछ तरीके पसंद नहीं आए इसलिए मैं हैदराबाद लौट आया। जिस तरह से उन्होंने खेल को देखा और उस उम्र में उन्होंने जो चीजें कीं, वह मुझे पसंद नहीं आई।”

रायुडू को कब मिली न चुने जाने की खबर

2019 विश्व कप टीम चयन को लेकर रायुडू ने कहा कि उन्हें अपने आईपीएल टीम के साथियों के साथ फ्लाइट से डी-बोर्ड होने के बाद न चुने जाने की खबर मिली थी। उन्होंने कहा, ” मैं उस दिन फ्लाइट में था। ऐसे संकेत मिले थे कि मुझे नहीं चुना जाएगा, लेकिन तब तक पूरी बात सामने नहीं आई थी। यह आईपीएल के दौरान की बात है और हम एक जगह से दूसरी जगह यात्रा कर रहे थे। जैसे ही मैं फ्लाइट से उतरा और फोन चालू किया मुझे कई संदेश मिले और समाचार देखे। तब मुझे एहसास हुआ कि मैं टीम में नहीं था। मैं स्टैंडबाय पर था और उस समय यह बहुत निराशाजनक था। मैं भारत के लिए खेलना चाहता था और विश्व कप में हिस्सा लेना चाहता था।”

विजय शंकर को लेकर गुस्सा नहीं था

रायुडू ने कहा, ” अजिंक्य रहाणे या किसी अनुभवी और वरिष्ठ खिलाड़ी को चुना होता यह समझ में आता। हर कोई चाहता है कि भारत जीते। उन्होंने मुझे किस कारण से नहीं चुना, ये केवल वे ही जानते होंगे, लेकिन जब आप मेरी जगह किसी को खिलाते हैं तो इससे टीम को भी फायदा मिलना चाहिए। यही कारण है कि मुझे गुस्सा आ गया। विजय शंकर को लेकर गुस्सा नहीं था। वह क्या कर सकते थे? वह अपना क्रिकेट खेल रहे थे। इसके पीछे जो भी सोच हो, मैं समझ नहीं पाया। मैं समझ नहीं पा रहा था कि वे विश्व कप खेल रहे हैं या सामान्य लीग मैच।”

3d Glass ट्वीट पर क्या बोले रायुडू

3d Glass ट्वीट को लेकर रायुडू ने कहा, ” हर कोई विजय शंकर को लेकर ट्वीट समझने लगा। मेरा वह इरादा नहीं था। मैं उनकी सोच और तर्क को समझ नहीं पाया। अगर आपने मेरी जगह लेने का फैसला किया होता तो आप मेरे जैसे ही खिलाड़ी को चुन सकते थे। आप एक ऐसे खिलाड़ी को कैसे चुन सकते हैं, जो संख्या 6 और 7 पर खेलता है और उसे 4 पर कैसे खिला सकते हैं? मुझे विजय शंकर और एमएसके प्रसाद को लेकर कोई व्यक्तिगत दिक्कत नहीं है। मैं विश्व कप से पहले न्यूजीलैंड में ऐसी ही परिस्थितियों में खेल चुका था। मैं अच्छी तैयारी कर रहा था। क्या हुआ इसका जवाब वही लोग दे सकते हैं।”