अंजिक्य रहाणे ने कप्तान के रूप में अपने पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में ही जीत दर्ज की और यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह भारत के नौवें कप्तान बन गये। नियमित कप्तान विराट कोहली चोटिल होने के कारण आस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में चौथे टेस्ट मैच में नहीं खेल पाये। उनकी अनुपस्थिति में रहाणे ने टीम की अगुवाई की। भारत ने यह मैच आठ विकेट से जीतकर श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की। इस तरह से रहाणे की अगुवाई में भारत पहले टेस्ट मैच में ही जीत दर्ज करने में सफल रहा। रहाणे से पहले पाली उमरीगर, सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, अनिल कुंबले और महेंद्र सिंह धोनी ने भी कप्तान के तौर पर अपने टेस्ट मैच में जीत दर्ज की थी। इनमें से उमरीगर, गावस्कर, शास्त्री और तेंदुलकर भी रहाणे की तरह मुंबई की तरफ से खेला करते थे।
उमरीगर यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले कप्तान थे। उनकी अगुवाई में भारत ने दो से सात दिसंबर 1955 को मुंबई में न्यूजीलैंड को पारी और 27 रन से हराया था। गावस्कर इस श्रेणी में जुड़ने वाले अगले कप्तान बने जिन्होंने कप्तान के रूप में अपने पहले टेस्ट मैच में ही जीत का स्वाद चखा। भारत ने तब आकलैंड में जनवरी 1976 को खेले गये मैच में न्यूजीलैंड को आठ विकेट से हराया था।
वेस्टइंडीज की टीम जब 1988 में भारत दौरे पर आयी थी तब दिलीप वेंगसरकर के चोटिल होने के कारण चेन्नई टेस्ट मैच में रवि शास्त्री ने टीम की कमान संभाली। भारत ने नरेंद्र हिरवानी की करिश्माई गेंदबाजी से यह मैच 255 रन से जीता था।
बता दें तीसरे मैच में विराट कोहली के कंधे में चोट लग गई थी जिसकी वजह से विराट को बाहर बैठना पड़ा था। विराट के ना खेलने की वजह से अंजिक्य रहाणे को भारतीय टीम की कमान मिली थी। रहाणे की कप्तानी में भारत ने आखिरी मैच आठ विकेट से जीतकर इतिहास रच दिया। के.एल. राहुल ने स्टीव ओकीफ की गेंद पर दो रन लेकर अपना पचासा पूरा किया और साथ ही टीम इंडिया की जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया। रविंद्र जडेजा को मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज चुना गया