Sikandar Raza, ICC bans Zimbabwe: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने गुरुवार शाम लंदन में हुए वार्षिक सम्मेलन के दौरान जिम्बाब्वे क्रिकेट को तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया। आईसीसी के इस एक निर्णय से सैकड़ों लोग एक झटके में बेरोजगार हो गए। जिम्बाब्वे के खिलाड़ी पहले ही समय पर वेतन न मिलने की वजह से आर्थिक समस्याओं से गुजर रहे थे। लेकिन इस फैसले के बाद उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। इस फैसले से निराश आलराउंडर सिकंदर रजा ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से बात करते हुए पूछा “क्या अब हम सब को अपनी किट जला देनी चाहिए और कोई नौकरी तलाशनी चाहिए।”

रजा ने बताया कि इस फैसले से आते ही टीम में सब की भावनाएं ठीक वैसी ही थीं जैसे पिछले साल विश्व कप क्वालीफायर में यूएई से हारने के बाद हम महसूस कर रहे थे। क्वालीफायर में यूएई से हारने के बाद जिम्बाब्वे विश्वकप 2019 में जगह नहीं बना पाई थी। जिम्बाब्वे इस साल सितंबर में ट्राई सिरीज़ के लिए बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान की मेजबानी करने वाला था। उसके अलावा अक्टूबर में यूएई में होने वाले टी20 विश्व कप क्वालीफायर में हिस्सा लेने वाला था। बैन होने के चलते अब वह किसी भी आईसीसी इवैंट में नहीं खेल पाएगा।

रजा ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा “हम सभी का दिल से टूट गया हैं, हम सदमे में हैं ये देखते हुए कि किस तरह हमारा अंतर्राष्ट्रीय कैरियर समाप्त होता दिख रहा है। ये सिर्फ एक खिलाड़ी की बात नहीं है, बल्कि पूरे देश की है। हम यहां से कहां जायेंगे? क्या और कोई रास्ता है?” रजा ने आगे कहा “मुझे नहीं पता कि क्या रास्ता है। हमें बताया गया है कि हमें निलंबित कर दिया गया है लेकिन कब तक ये नहीं बताया गया। दो साल का निलंबन मूल रूप से बहुत सारे खिलाड़ियों का करियर खत्म कर देगा। मैं शर्तों को नहीं जनता, लेकिन हमें क्रिकेट खेलने से पूरी तरह निलंबित कर दिया गया है। मैं नहीं जानता कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है लेकिन यह हमारे साथ हुआ है।”

रजा ने भावुक होते हुए कहा “मुझे नहीं पता कि एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर होने के नाते हम कहां जाएं। क्या अब हम सब को अपनी किट जला देनी चाहिए और कोई नौकरी तलाशनी चाहिए। मुझे नहीं पता कि हमें अभी क्या करना है।” बता दें रजा ने एक ट्वीट भी किया है। उस ट्वीट में उन्होंने लिखा है “कैसे एक निर्णय ने टीम के सदस्यों को आपस में अजनबी बना दिया। कैसे एक निर्णय ने बहुत से लोगों को बेरोजगार कर दिया। कैसे एक निर्णय ने बहुत से परिवारों पर असर डाला। कैसे एक फैसले से कई करियर खत्म हो गए। मैं इस तरह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा नहीं कहना चाहता था।”