भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने हार्दिक पंड्या को केंद्रीय अनुबंध देने के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के फैसले का समर्थन किया। बीसीसीआई ने 28 फरवरी, बुधवार को 2023-24 के लिए केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची की घोषणा की। हार्दिक को ग्रेड ए श्रेणी में शामिल किया गया था और श्रेयस अय्यर और इशान किशन जैसे खिलाड़ियों को अनुबंध से बाहर कर दिया गया था।
हार्दिक पांड्या को दंडित नहीं किया जा सकता
सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने बीसीसीआई के कदम पर सवाल उठाते हुए तर्क दिया कि पंड्या ने विश्व कप 2023 में चोट लगने के बाद से न तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है और न ही घरेलू क्रिकेट, तो उन्हें केंद्रीय अनुबंध में ए ग्रेड में क्यों शामिल किया गया। यह बात सही भी है कि पांड्या ने पिछले कुछ साल में नियमित रूप से घरेलू क्रिकेट में हिस्सा नहीं लिया है। हालांकि पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने बीसीसीआई के फैसले का बचाव किया। अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हार्दिक को प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलने के लिए दंडित नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह भारत की टेस्ट टीम में जगह के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं।
आकाश चोपड़ा ने कहा कि हार्दिक पंड्या का मामला बहुत सरल है और अगर उसने कोई गलती नहीं की है तो आप उसे सजा क्यों देंगे? वह रेड-बॉल क्रिकेट नहीं खेल रहा हैऔर किसी भी टेस्ट सीरीज के लिए बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए यदि आप टेस्ट के लिए ऑडिशन नहीं दे रहे हैं, तो कोई भी आपको प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने के लिए नहीं कहेगा। आप चार दिवसीय मैच क्यों खेलेंगे जब आपके शरीर में इतने ओवर फेंकने की ताकत नहीं है और चोट की समस्या है।
हार्दिक का बचाव करते हुए आकाश चोपड़ा ने कहा कि आइए क्रोनोलॉजी को थोड़ा समझने की कोशिश करें। इससे आपके दिमाग में यह बात साफ हो जाएगी कि उनके लिए अलग नियम क्यों रखा गया है और उन्हें ईशान और श्रेयस के साथ शामिल करना गलत क्यों है। वह अक्टूबर-नवंबर में विश्व कप के दौरान चोटिल हो गए थे उस वक्त सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खत्म हो गई थी। वह उस समय भारत के लिए विश्व कप खेल रहे थे। बड़ौदा ने विजय हजारे ट्रॉफी में आखिरी मैच 5 दिसंबर को खेला था और उस समय वह फिट और उपलब्ध नहीं थे। वह कहीं भी अभ्यास नहीं कर रहे थे लेकिन एनसीए में अपनी चोट से उबर रहे थे।
