आधुनिक क्रिकेट में तकनीक का बहुत ज्यादा रोल हो गया है। हालांकि, क्या यह तकनीक क्रिकेट नैसर्गिकता खत्म कर रही है? यह एक बड़ा सवाल है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा और वर्ल्ड कप विनिंग टीम के सदस्य आशीष नेहरा भी इसे लेकर काफी चिंतित हैं। आकाश चोपड़ा का कहना है कि महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा जैसे कप्तान रणनीति तय करने के लिए डेटा पर बहुत ज्यादा भरोसा नहीं करते। आशीष नेहरा कंप्यूटर के इस्तेमाल को बुरा नहीं मानते हैं, लेकिन उनका कहना है कि गोल्ड मेडल आपके दिमाग वाले कंप्यूटर का होना चाहिए।
क्रिकबज के शो के दौरान आशीष नेहरा ने एंकर गौरव कपूर से कहा, ‘टी20 खेलते समय आपको अपनी सोच सिंपल रखनी चाहिए। मेरे हिसाब से लोग बहुत ज्यादा डाटा, कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मैं हमेशा बोलता रहता हूं। जी हां, यह बहुत फॉस्टेस्ट गेम है। आप कंप्यूटर का इस्तेमाल कीजिए, लेकिन ये जो आपका कंप्यूटर (अपने सिर की ओर इशारा करते हुए) है, गोल्ड मेडल उसका होना चाहिए। दूसरे कंप्यूटर का जिस पर हम अभी बात कर रहे हैं, इसका सिल्वर मेडल होना चाहिए, पूरे जीवन। हर जगह। मतलब मेरी तो सोच हमेशा ऐसी ही रहती है। क्योंकि देखिए अगर आप टी20 मुकाबलों में तभी अच्छा कर पाएंगे, जब बॉलर्स का अच्छा इस्तेमाल करेंगे। जी हां, गलतियां होंगी।’
इस पर गौरव कपूर ने कहा, ‘आशीष ये नहीं कह रहे डेटा और एनालिटिक्स महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन कह रहे हैं कि आपका जो अपना प्रोसेसर है, उसकी जो डेटा और एनालिटिक्स है, उस पर भरोसा करें, कंप्यूटर तो चलता रहता है, लेकिन चाचा चौधरी का दिमाग तो कंप्यूटर से भी तेज चलता है।’ इस बीच आशीष नेहरा ने दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच टी20 मैच के दौरान अंग्रेज कप्तान इयोन मॉर्गन को उनके एनालिस्ट द्वारा कोड के जरिए इशारा देने का मुद्दा उठाया।
आशीष नेहरा ने कहा, ‘देखिए वर्ल्ड कप विनिंग कैप्टन हैं इयोन मॉर्गन। ऐसा नहीं है कि अभी-अभी कैप्टन बने हैं। बाहर से मदद देने की बात पर मैं कहता हूं कि कोच हैं, उनकी जरूर आप हेल्प लीजिए। कंप्यूटर एनालिस्ट की मदद लीजिए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह वहां से बता रहे हैं। आप उनको (कप्तान को) मैसेज भिजवाइए और वह जो मैसेज है, वह कंप्यूटर एनालिस्ट से नहीं आना चाहिए, वह आपके कोच के पास से आना चाहिए। कोई भी सलाह हो, लेकिन वह कोच के जरिए ही आनी चाहए।’
आशीष ने आकाश चोपड़ा से भी इस विषय में अपनी राय रखने को कहा। आकाश चोपड़ा ने कहा, ‘यह हार्सेज और फोर्सेज वाली कहानी है। हालांकि, आप यही मानते हैं कि जब इंटरनेशनल टीम का कप्तान है तो उसको इतनी समझ तो होगी, उसको इतना आइडिया तो होगा कि खेल कैसे चल रहा है। दो कप्तान मेरी जेहन में आते हैं। अगर महेंद्र सिंह धोनी कप्तान हैं तो फिर उनको बाहर से मैसेज भेजने का भी कोई फायदा नहीं है। क्योंकि वह पढ़ रहे होते हैं खेल को। यही मैं रोहित शर्मा के लिए भी कहूंगा। वे इतना अच्छा खेल को पढ़ रहे हैं और खेल की नज्ब को पढ़ना एक काबिलियत है। यही वजह है कि वह फिर गेम से हमेशा आगे चल रहे होते हैं।’