आज के समय में लोगों के जीने का तरीका कुछ ऐसा हो गया कि 40-50 की उम्र आते-आते उनका शरीर बीमारियों की जड़ बन जाए। फिटनेस के लिहाज से आज की पीढ़ी अपने पुरखों से काफी पीछे हैं। ऐसे लोगों के लिए देहरादून की रामबाई एक बड़ा उदाहरण हैं जो 106 साल की उम्र में न सिर्फ एक एथलीट बनी बल्कि मेडल भी जीत रही हैं।

हरियाणा की रहने वाली 106 साल की रामबाई स्प्रिंट एथलीट हैं। दो साल पहले उन्होंने 104 साल की उम्र में अपनी कैटेगरी में 100 मीटर के इवेंट में वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था। देहरादून में आयोजित हो रही 18वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने तीन गोल्ड मेडल जीते और फिर से चर्चा में आ गई।

रामबाई ने लगाई गोल्डन हैट्रिक

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक रामबाई 85 और उससे ज्यादा उम्र के लोगों की कैटेगरी में हिस्सा लेती हैं। नेशनल ओपन में उन्होंने 100 मीटर, 200 मीटर और शॉटपुट में गोल्ड मेडल जीता था। उनकी कैटेगरी में पांच और खिलाड़ी थे। हरियाणा के कदमा में रहने वाली रामबाई के जिंदगी ज्यादा औरतों की तरह घर का काम करने में बीत गई। उनके एथलेटिक्स सफर की शुरुआत 2016 में हुई।

मान कौर को देखकर प्रेरित हुईं रामबाई

रामबाई पंजाब की मान कौर को देखकर प्रेरित हुई जिन्होंने 100 साल की उम्र में अमेरिकन मास्टर्स गेम में गोल्ड मेडल जीतकर सुर्खियां बटोरीं थी। कौर ने एक मिनट 21 सेकंड का समय निकाला था। पोती शर्मिला के कहने पर रामबाई ने एथलेटिक्स से नाता जोड़ा। पहले उन्हें भी थोड़ी झिझक थी लेकिन अब केवल खुश महसूस होती है। वह युवाओं को खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं।

बीते दो साल में रामबाई ने 14 अलग-अलग इवेंट में 200 मेडल जीते हैं। वह देश के बाहर जाकर भी मेडल जीतकर लाई हैं। रामबाई का खेलों से जुड़ने का विचार उनके परिवार के कई लोगों को पसंद नहीं आया था। उन्हें रामबाई की चिंता थी। हालांकि मान कौर की कहानी ने उनकी चिंता दूर कर दी।