OP Munjal Success Story: हीरो साइकिल्स आज दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी है। कंपनी की शुरूआत ओम प्रकाश मुंजाल ने अपने तीन भाईयों के साथ मिलकर 1956 में थी। साल 1986 में कंपनी का नाम दुनिया के सबसे बड़े साइकिल निर्माता के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया।

यहां हम ओपी मुंजाल और उनके भाईयों के संघर्ष (Success Story) की कहानी बात रहे हैं, जिन्होंने साइकिल के पुर्जे बेचने से शुरूआत कर दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बनाई।

मुंजाल भाईयों का जन्म पाकिस्तान के कमालिया में हुआ। इनके पिता का नाम बहादुर चंद मुंजाल अनाज की दुकान चलाते थे और मां ठाकुर देवी हाउस वाइफ थी। मीडिया रिपोट्स के अनुसार बटवारे समय सत्यानंद मुंजाल, ओमप्रकाश मुंजाल, ब्रजमोहनलाल मुंजाल और दयानंद मुंजाल लुधियाना आ गए।

Munjal Brothers Success Story: यू नहीं कोई बन जाता है हीरो
लुधियाना आने के बाद चारों भाई साइकिल का पार्ट्स बेचने लगें। काम अच्छा चलने लगा तो मुंजाल भाईयों ने बैंक से 50 हजार रूपए का लोन लेकर खुद से साइकिल पार्ट्स बनाकर बेचना शुरू कर दिया। साइकिल पार्ट्स बनाने की पहली यूनिट लुधियाना में लगाई और फिर धीरे-धीरे साइकिल मैन्युफैक्चरिंग की ओर बढ़े। पहली बार में कंपनी ने करीब 600 साइकिलें बनाई। हर दर साल सिलसिला बढ़ता गया। मौजूदा समय में हीरो साइकिल की यूपी और बिहार में भी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है।

Munjal Brothers Success Story in Hindi: हर साल 75 लाख साइकिल बनाती है कंपनी
कंपनी हर साल करीब 75 लाख साइकिलों बनाती है। देश में कंपनी के 200 से अधिक सप्लायर्स और 2700 के करीब डीलरशिप है। हीरो साइकिल ने 1984 में जापान की कंपनी होंडा के साथ मिलकर एक नई कंपनी हीरो होंडा मोटर्स लिमिटेड बनाई और मोटरसाइकिल मैन्युफैक्चरिंग करने लगी। कंपनी देश के बाहर भी साइकिल निर्यात करती है।

Hero Cycles: एक साल के अंदर तीन भाईयों का हुआ निधन, अब पंकज संभाल रहें कंपनी
सबसे बड़े भाई दयानंद मुंजाल का निधन 1960 के दशक में हुआ। वहीं ओमप्रकाश मुंजाल का निधन 13 अगस्त 2015 को, बृजमोहन लाल मुंजाल का निधन 1 नवंबर 2015 को और सत्यानंद मुंजाल का निधन 14 अप्रैल 2016 को हुआ। वर्तमान में ओम प्रकाश मुंजाल के बेटे पंकज मुंजाल हीरो साइकिल्स के एमडी व चेयरमैन हैं.