युवाओं में अपने शरीर को स्वस्थ और आर्कषक दिखाने का जुनून लगातार बढ़ रहा है। आम लोग खुद को फिट रखने के लिए फिटनेस प्रशिक्षक रखने लगे हैं जबकि पहले सिर्फ खिलाड़ी अपने खेलों में सुधार के लिए और अभिनेता-अभिनेत्री अपने को आकर्षक बनाए रखने के लिए फिटनेस प्रशिक्षक रखते थे। आज आपको जिम में युवाओं के साथ बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी व्यायाम करते दिख जाएंगे। फिटनेस में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए यह क्षेत्र काफी अच्छा है। फिटनेस प्रशिक्षक विभिन्न प्रकार के व्यायाम तो सिखाता ही है, साथ ही वह प्रेरक, कोच और एक दोस्त के रूप में भी काम करता है। वह अपने प्रशिक्षणार्थियों को स्वास्थ्य, खान-पान और जीवन शैली में बदलाव जैसे विभिन्न आधारभूत प्रशिक्षण भी देता है।

फिटनेस प्रशिक्षक का काम – फिटनेस प्रशिक्षक अरुण चौहान ने बताया कि फिटनेस प्रशिक्षक लोगों को चुस्त दुरुस्त शरीर की बारीकियां बताता है, उनके फिटनेस लक्ष्य तय करता है, लोगों की जीवनशैली एवं उम्र के हिसाब से कार्यक्रम तैयार करता है, शरीर को सही आकार देने में मदद करता है, शरीर को लोचदार बनाने और वजन कम करने में अहम भूमिका निभाता है। इसके अलावा वह सही खान-पान की जानकारी भी देता है। सही फिटनेस के लिए एरोबिक्स, किक बॉक्सिंग, योग, स्पिनिंग, कराटे, साइक्लिंग, वजन उठाने का प्रशिक्षण देता है।
विशेष प्रशिक्षक : ये किसी विशेष क्षेत्र के फिटनेस विशेषज्ञ होते हैं।

इन पदों पर मिलता है काम

व्यक्तिगत प्रशिक्षक: ये एक बार में एक ही व्यक्ति को प्रशिक्षण देते हैं। इनके कार्य में सेहत के साथ खान-पान का ध्यान रखना भी शामिल होता है।

जिम प्रशिक्षक: ये जिम में एक साथ कई लोगों को अपनी देखरेख में व्यायाम करवाते हैं।

कई स्तर पर चलाए जाते हैं पाठ्यक्रम – फिटनेस प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम के लिए कम से कम 12वीं पास होना आवश्यक है। इस क्षेत्र में कई स्तर पर पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। इनमें स्नातक, स्नातकोत्तर डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा एरोबिक्स पाठ्यक्रम या प्रशिक्षक सर्टिफिकेट कार्यक्रम जैसे पेशेवर पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। ये आधारभूत पाठ्यक्रम करीब 80 घंटे की अवधि के होते हैं जिसमें से 30 घंटे कक्षा में पढ़ाई होती है और बाकी भाग प्रायोगिक होता है। इन पाठ्यक्रमों के दौरान आमतौर पर शारीरिक शिक्षा, खेल की आधारभूत जानकारी, जिमानास्टिक, योग, एरोबिक्स, किक बॉक्सिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ दवाइयों, प्राथमिक चिकित्सा, फिजियोथैरेपी, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य शिक्षा और विभिन्न खेलों का अभ्यास भी कराया जाता है।

अपार संभावनाएं – अरुण के मुताबिक फिटनेस प्रशिक्षक के तौर पर शुरुआत में अपनी में पहचान बनाना और लोगों का विश्वास जीतना सबसे बड़ी चुनौती होती है। यदि एक बार पहचान बना ली तो कमाई के अच्छे मौके मिल जाते हैं। जिम, स्पा, बड़े-बड़े होटल, हेल्थ क्लब, फिटनेस सेंटर आदि जगहों पर फिटनेस प्रशिक्षक की भारी मांग है। बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी अपने कर्मचारियों के लिए समय-समय पर फिटनेस कार्यक्रम कराती हैं, जहां फिटनेस परिक्षकों की अच्छी खासी मांग होती है।

“अच्छे शरीर वाले युवाओं के लिए फिटनेस प्रशिक्षक एक शानदार करिअर हो सकता है। हालांकि इसके लिए उन्हें बेहतर संस्थान से कोर्स करना होगा। कुछ सालों के अनुभव के बाद फिटनेस प्रशिक्षक दो से ढाई लाख रुपए महीना तक भी कमा सकता है।”
– अरुण चौहान, फिटनेस प्रशिक्षक, शेप यू, न्यू मंगलापुरी

इन संस्थानों से कर सकते हैं पाठ्यक्रम

’ इंदिरा गांधी शारीरिक शिक्षा एवं खेल विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली।
’ एसएआइ, नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान, पटियाला, पंजाब।
’ सिम्बोसिस स्वास्थ्य विज्ञान विभाग, पुणे।
’ लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा कॉलेज, ग्वालियर।
तमिलनाडु शारीरिक शिक्षा एवं खेल विश्वविद्यालय, तमिलनाडु।
– गोल्ड्स जिम विश्वविद्यालय, मुंबई।

वेतन – शुरुआत में फिटनेस प्रशिक्षक के तौर पर 15 से 20 हजार रुपए महीने वेतन मिलता है। अनुभव हो जाने पर आप फिटनेस सलाहकार के तौर पर हर घंटे 5 से 10 हजार रुपए तक कमाई हो सकती है। इसके अलावा फिटनेस सेंटर खोलकर अपना व्यापार भी शुरू करने के विकल्प खुले रहते हैं।