स्टार्टअप कंपनियों के संस्थापकों के लिए पिछला 14 महीने (31 दिसंबर 2022 से 27 फरवरी 2024) उतार-चढ़ाव वाला रहा है। हालांकि अधिकतर फाउंडर्स के शेयरों की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है। कुल फाउंडर्स में से केवल एक के स्टॉक में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

ET (इकनॉमिक टाइम्स) के प्रणव मुकुल ने स्टॉक की कीमतों और शेयर होल्डिंग पैटर्न के विश्लेषण कर पता लगाया है कि जोमैटो (Zomato) के दीपिंदर गोयल और पॉलिसी बाजार (Policybazaar) के यशीश दहिया और आलोक बंसल जैसे कुछ लोगों ने भारी मुनाफा कमाया है।

वहीं पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा की संपत्ति में गिरावट देखी गई है। ET ने अपनी रिसर्च के लिए BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) के आंकड़ों का इस्तेमाल किया है। पहले उन सभी फाउंडर्स के नाम जान लेते हैं, जिनके स्टॉक का विश्लेषण किया गया है:

  1. 1.दीपिंदर गोयल (जोमैटो)
  2. 2.विजय शेखर शर्मा (पेटीएम)
  3. 3.साहिल बरुआ (डेल्हीवरी- को.फाउंडर)
  4. 4.सूरज सहारन (डेल्हीवरी- को.फाउंडर)
  5. 5.मोहित टंडन (डेल्हीवरी- को.फाउंडर)
  6. 6.फाल्गुनी नायर (नायका)
  7. 7.यशीश दहिया (पॉलिसी बाजार को.फाउंडर)
  8. 8.आलोक बंसल (पॉलिसी बाजार को.फाउंडर)

पेटीएम के विजय शेखर शर्मा के अलावा सिर्फ फाल्गुनी नायर के शेयरों की कीमत में मामूली गिरावट आई है। यहां एक पैटर्न नोट किया गया है कि नए जमाने के इन स्टार्टअप के फाउंडर और को.फाइंडर अपनी ही फर्मों में बहुत कम हिस्सेदारी रखते हैं। लेकिन नायका इस मामले में अपवाद है, क्योंकि इस कंपनी के प्रमोटर्स (फाल्गुनी नायर एंड फैमली) ने अधिकांश स्टेक्स (52%) अपने पास रखा है।

जोमैटो के गोयल को सबसे ज्यादा फायदा

31 दिसंबर, 2022 को जोमैटो के संस्थापक और CEO दीपिंदर गोयल की अपनी कंपनी में 4.2% हिस्सेदारी थी। तब इतनी हिस्सेदारी की कीमत 2,200 करोड़ रुपये थी, जो 27 फरवरी को लगभग 6,000 रुपये हो गई। यानी शेयर्स की कीमत तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई। इस अवधि में गोयल की हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं आया।

अन्य का हाल?

इसी अवधि में पॉलिसी बाजार के यशीश दहिया और आलोक बंसल के शेयरों की कीमत दोगुना से ज्यादा हो गई है। दहिया और बंसल के पास कंपनी की 6% से अधिक हिस्सेदारी है। दहिया की हिस्सेदारी का मूल्य 31 दिसंबर, 2022 को 937 करोड़ रुपये था, जो 27 फरवरी 2024 को बढ़कर 2,372 करोड़ रुपये हो गया।

वहीं बंसल की हिस्सेदारी का मूल्य 31 दिसंबर, 2022 को 338 करोड़ रुपये था, जो 27 फरवरी, 2024 को 856 करोड़ रुपये हो गया। दहिया और बंसल दोनों ने भी पिछले 14 महीनों में अपनी हिस्सेदारी नहीं बदली है और उनके पास क्रमशः 20.9 मिलियन और 7.5 मिलियन शेयर हैं।

लॉजिस्टिक्स फर्म ‘डेल्हीवरी’ के तीन सह-संस्थापक साहिल बरुआ, सूरज सहारान और मोहित टंडन की संपत्ति में भी वृद्धि देखी गई है। इन्होंने उक्त अवधि के दौरान शेयर खरीदे या बेचे। साहिल बरुआ के पास अब 589 करोड़ रुपये मूल्य के 12.5 मिलियन शेयर हैं, उनके पास दिसंबर 2022 में लगभग 431 करोड़ रुपये मूल्य के 13 मिलियन शेयर थे।

सूरज सहारन के 11.1 मिलियन शेयरों की कीमत अब 521 करोड़ रुपये है। उन्होंने दिसंबर 2022 से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है, तब उनके पास 364 करोड़ रुपये के 10.9 मिलियन शेयर थे।

जहां तक मोहित टंडन की बात है तो वह डेल्हीवरी में हिस्सेदारी बेच रहे हैं। उनके पास 27 फरवरी तक 480 करोड़ रुपये के 10.2 मिलियन शेयर थे, जबकि 31 दिसंबर, 2022 तक उनके पास 359 करोड़ रुपये के 10.8 मिलियन शेयर थे।