देश की संपत्ति का 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ऊंची जाति यानी सामान्य वर्ग के लोगों के पास है। जबकि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के पास सिर्फ 2.6 प्रतिशत हिस्सा है। यह आंकड़े साल 2022 तक के हैं। वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब की ओर से बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ साझा की गई रिसर्च से यह जानकारी सामने आई है।

यह रिसर्च निश्चित रूप से सामाजिक-आर्थिक असमानता को उजागर करती है। रिसर्च यह भी बताती है कि देश की कुल संपत्ति का बड़ा हिस्सा बहुत कम लोगों के पास है और इससे पता चलता है कि सामाजिक-आर्थिक असमानता की जड़ें कितनी गहरी हैं।

मई, 2024 में जारी की गई इस रिसर्च को ‘टुवर्ड्स टैक्स जस्टिस एंड वेल्थ री-डिस्ट्रीब्यूशन इन इंडिया’ शीर्षक के साथ प्रकाशित किया गया है।

एनएसएसओ के एक सर्वे के अनुसार देश में ओबीसी वर्ग की आबादी 40.94%, एससी वर्ग की आबादी 19.59%, एसटी वर्ग की आबादी 8.63% और अन्य वर्गों की आबादी 30.80% है।

कुल संपत्ति में किस जाति की कितनी हिस्सेदारी है, इसे नीचे दी गई टेबल से समझ सकते हैं।

आदिवासी समुदाय से कोई अरबपति नहीं

साल ऊंची जातियों की हिस्सेदारी (प्रतिशत में)ओबीसी (प्रतिशत में)दलित (प्रतिशत में)
201380.317.81.8
201478.120.01.9
201578.417.64.0
201679.716.83.5
201780.116.13.7
201881.714.44.0
201981.415.23.5
202084.311.64.1
202186.010.13.9
202288.49.02.6

हिस्सेदारी और भागीदारी का सवाल

देश में हिस्सेदारी और भागीदारी का सवाल लगातार उठता रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हिस्सेदारी और भागीदारी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि देश में अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो आर्थिक सर्वे कराया जाएगा और इसके जरिए यह पता लगाया जाएगा कि देश के संसाधनों पर किस जाति-समुदाय का कितना हक है।

राहुल गांधी ने अपनी कई चुनावी सभाओं में कहा था कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो पहला काम यही किया जाएगा। अपनी चुनावी रैलियों में राहुल गांधी ने लगातार इस बात को भी कहा कि हिंदुस्तान में 40 फ़ीसदी धन सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के पास है।

muslim in india| hindu in india| chunav special
मुस्‍ल‍िमों के पास 9 प्रत‍िशत सोना (Source- Express Illustration by Manali Ghosh)

ऑक्सफैम इंटरनेशनल की रिपोर्ट

बीते साल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट जारी की थी और इससे भी यह जानकारी सामने आई थी कि भारत में सबसे अमीर 1% लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 40% से अधिक हिस्सा है। जबकि आधी आबादी के पास कुल संपत्ति का केवल 3% हिस्सा है। ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने कहा था कि भारत के दस सबसे अमीरों पर अगर 5% कर लगा दिया जाए तो इतना पैसा मिल सकता है जिससे सभी बच्चों को स्कूल भेजा जा सके।

ओबीसी की हिस्सेदारी 9%

वर्ल्ड इनिक्वालिटी लैब की रिसर्च कहती है कि देश की कुल संपत्ति में ओबीसी की हिस्सेदारी 9% है।

राहुल गांधी ने अपनी चुनावी रैलियों में जातिगत जनगणना का मुद्दा भी उठाया था और कहा था कि इससे पता चलेगा कि अलग-अलग क्षेत्रों में ओबीसी की कितनी हिस्सेदारी है। उनका कहना था कि देश में 90 फीसदी आबादी एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की है लेकिन मीडिया, प्राइवेट संस्थानों, नौकरशाही और कॉर्पोरेट में उन्हें आबादी के हिसाब से भागीदारी नहीं मिल पा रही है।

caste equation| chunav parinam| election result
दिल्ली में NDA सांसदों की बैठक (Source- PTI)

नए अरबपति भी ऊंची जातियों से हैं संबंधित

इस रिसर्च में शामिल एक नाम पेरिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अनमोल सोमांची का है। सोमांची कहते हैं कि इस रिसर्च से यह पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में जो नए अरबपति बने हैं, वे बड़ी संख्या में ऊंची जातियों से संबंध रखते हैं।

सोमांची कहते हैं कि जाति शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक नेटवर्क को तय करती है। दलितों को देश के कई इलाकों में जमीन का मालिक नहीं बनने दिया जाता है और इसका असर उनकी आर्थिक तरक्की पर पड़ता है।

‘स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023’ की रिपोर्ट

इसके अलावा अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की ओर से ‘स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023’ नाम से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एससी और एसटी वर्गों के लोग अन्य समुदायों के मुकाबले बेहद कम प्रतिष्ठानों के मालिक हैं। एससी-एसटी समुदायों के साथ सामाजिक तौर पर भेदभाव होने के आरोप लगते रहे हैं और कहा जाता है कि संसाधनों, शिक्षा और आर्थिक अवसरों पर तक उनकी पहुंच काफी कम है।

किस वर्ग के कितने हैं उद्योगपति

समुदाय का नामरोजगार करने वालों की संख्याउद्योगपति
एससी19.311.4
एसटी10.15.4
ओबीसी43.541.0
अन्य27.142.1

सवर्ण हिंदुओं के पास कुल संपत्ति का 41% हिस्सा

साल 2019 में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ दलित स्टडीज के द्वारा 2 साल तक किए गए अध्ययन के बाद यह बताया गया था कि देश की ऊंची जातियों के हिंदुओं जिनकी आबादी 22.3% है, के पास देश की कुल संपत्ति का 41% हिस्सा है और यह सबसे अमीर वर्ग है। जबकि 7.8% हिंदू आदिवासियों के पास सिर्फ 3.7% संपत्ति है।