उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर चल रहे उपचुनाव में बीजेपी और सपा के बीच जबरदस्त सियासी युद्ध चल रहा है। सपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी-अपनी पार्टियों की जीत के लिए पूरा जोर लगाया हुआ है। लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इन नौ विधानसभा सीटों में से एक सीट ऐसी भी है जिस पर बीजेपी उम्मीदवार का चुनाव प्रचार सपा की मौजूदा विधायक कर रही हैं। इसे लेकर उपचुनाव वाली सीट के साथ ही सोशल मीडिया पर भी माहौल गर्म है।
आपको बताते हैं कि यह सीट कौन सी है और बीजेपी के लिए प्रचार करने वाली वह विधायक कौन हैं। इस सीट का नाम फूलपुर है और यहां से बीजेपी के उम्मीदवार दीपक पटेल का समर्थन करने वालीं सपा विधायक पूजा पाल हैं।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर सपा की विधायक बीजेपी उम्मीदवार का चुनाव प्रचार क्यों कर रही हैं? इस बारे में भी हम खबर में बात करेंगे।

सपा को लोकसभा में मिली बड़ी जीत
सपा लोकसभा चुनाव की तर्ज पर इस उपचुनाव में भी बड़ी जीत हासिल करना चाहती है लेकिन फूलपुर की सीट पर पूजा पाल द्वारा बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन किए जाने की वजह से किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी नेता इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। पूजा पाल कौशांबी की चायल विधानसभा सीट से विधायक हैं। यह सीट फूलपुर से 60 किलोमीटर दूर है।
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 33 | 62 |
सपा | 37 | 5 |
कांग्रेस | 6 | 1 |
बीएसपी | 0 | 10 |
रालोद | 2 | – |
अपना दल (एस) | 1 | 2 |
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) | 1 | – |
पूजा पाल ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि वह बीजेपी उम्मीदवार का प्रचार व्यक्तिगत कारणों से कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति राजू पाल की हत्या के मामले में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने ही न्याय दिलाया था।
सीएम योगी से करूंगी सुरक्षा देने की मांग: विधायक
पूजा पाल ने बताया कि राजू पाल की हत्या के मामले में आरोपियों को हाल ही में लखनऊ जेल से प्रयागराज जेल भेज दिया गया है क्योंकि उन पर प्रयागराज में कई मामले लंबित हैं। अगर वे लोग प्रयागराज में ही रहते हैं, तो मेरी जान को लगातार खतरा बना रहेगा क्योंकि मैं हत्या के मामले में शिकायतकर्ता हूं और एक केस में गवाह भी हूं। विधायक ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर सुरक्षा देने की मांग करेंगी।
सीएम योगी से करूंगी सुरक्षा देने की मांग: विधायक
पूजा पाल ने बताया कि राजू पाल की हत्या के मामले में आरोपियों को हाल ही में लखनऊ जेल से प्रयागराज जेल भेज दिया गया है क्योंकि उन पर प्रयागराज में कई मामले लंबित हैं। अगर वे लोग प्रयागराज में ही रहते हैं, तो मेरी जान को लगातार खतरा बना रहेगा क्योंकि मैं हत्या के मामले में शिकायतकर्ता हूं और एक केस में गवाह भी हूं। विधायक ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर सुरक्षा देने की मांग करेंगी।

अतीक और अशरफ ने की थी हत्या
बताना होगा कि पूजा पाल के पति राजू पाल की जनवरी 2005 में माफिया डॉन से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ने अपने साथियों के साथ गोलियां मार कर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में 6 अन्य लोग भी आरोपी हैं। उस समय राजू पाल बसपा के विधायक थे। बीते साल उत्तर प्रदेश में तब जबरदस्त बवाल हुआ था, जब अस्पताल से निकलने के दौरान अतीक अहमद और अशरफ की तीन लोगों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ था।
शादी के 9 दिन बाद ही कर दी थी राजू पाल की हत्या
पूजा पाल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वजह से ही उन्हें और उनके समुदाय को न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि न्याय मिलने की उनकी लड़ाई दो दशक तक तक चली है और वह लोगों को सिर्फ यह बताना चाहती हैं कि उन्हें अब जाकर न्याय मिला है। बताना होगा कि शादी के महज 9 दिन बाद ही राजू पाल की हत्या कर दी गई थी लेकिन पूजा पाल अतीक अहमद और अशरफ के सामने नहीं डरी और पति के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी।
पूजा पाल जिस तरह खुलकर बीजेपी उम्मीदवार का प्रचार कर रही हैं, उससे सपा के भीतर जबरदस्त हलचल है। पूजा पाल घर-घर जाकर लोगों से बीजेपी उम्मीदवार दीपक पटेल के लिए वोट मांग रही हैं।
क्रॉस वोटिंग में आया था नाम
सपा इस पूरे मामले पर नजर रख रही है। याद दिलाना होगा कि इस साल फरवरी में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की वजह से जब पार्टी एक सीट हार गई थी, तब भी यह बात सामने आई थी कि पूजा पाल ने चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है। सपा नेताओं का कहना है कि उन्हें पूजा पाल के द्वारा बीजेपी का चुनाव प्रचार करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। साफ है कि पार्टी किरकिरी की वजह से कुछ बोलना नहीं चाहती।
फूलपुर सीट से सपा उम्मीदवार मुस्तफा सिद्दीकी हैं जबकि बसपा से जितेंद्र सिंह चुनाव मैदान में हैं। फूलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव इसलिए कराना पड़ा है क्योंकि यहां से बीजेपी के विधायक प्रवीण सिंह पटेल इस बार लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंच गए हैं। प्रवीण सिंह पटेल यहां से पिछले दो विधानसभा चुनाव जीते थे जबकि 2012 में सपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इसलिए यहां चुनावी मुकाबला कड़ा है।
फूलपुर सीट पर दलित मतदाता हैं सबसे ज्यादा
फूलपुर विधानसभा सीट पर 4.16 लाख मतदाता हैं। इसमें बड़ी संख्या दलित मतदाताओं की है, उसके बाद यादव, मुस्लिम और ब्राह्मण (क्रमशः 90,000, 70,000, 55,000 और 40,000) मतदाता हैं। जातीय समीकरणों के लिहाज से देखा जाए तो सपा उम्मीदवार को यहां पर बढ़त मिलती दिखाई देती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाता सपा को वोट देते हैं और लोकसभा चुनाव में दलित समुदाय का भी काफी हद तक झुकाव सपा की ओर दिखाई दिया है।
इन 9 सीटों पर हो रहा है उपचुनाव
विधानसभा सीट का नाम | संबंधित लोकसभा |
कटेहरी | अंबेडकर नगर |
मझवां | मिर्जापुर |
मीरापुर | मुजफ्फरनगर |
सीसामऊ | कानपुर नगर |
करहल | मैनपुरी |
फूलपुर | फूलपुर |
खैर | अलीगढ़ |
कुंदरकी | मुरादाबाद |
गाजियाबाद | गाजियाबाद |
बसपा भी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा कांग्रेस के बागी नेता सुरेश चंद यादव भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। कांग्रेस का भी फूलपुर में अच्छा वोट बैंक है।
बीजेपी प्रत्याशी दीपक पटेल की मां केसरी देवी 2019 में फूलपुर से ही लोकसभा का चुनाव जीती थीं। दीपक पटेल करछना सीट से बसपा के विधायक रहे हैं और 2018 में बीजेपी में शामिल हो गए थे।