फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास (Hamas) ने शनिवार (7 अक्टूबर) को इजरायल पर अचानक हमला कर दिया। उसके बाद से ही इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है। सोमवार तक मरने वालों की संख्या 1100 से अधिक हो गई थी। दोनों तरफ से घायल होने वाले लोगों की संख्या हजारों में है।

हमास और इस्लामिक जिहाद नाम के एक छोटे ग्रुप ने इजरायल के भीतर से 130 से अधिक लोगों को बंदी बना लिया है। बंदियों का इस्तेमाल इजरायल द्वारा कैद किए गए हजारों फिलिस्तीनियों की रिहाई के लिए किया जाना है। बंदियों को गाजा में रखे जाने की खबर है।

एसोसिएटेड प्रेस (AP) के अनुसार, हमास के मिलिटेंट विंग के लीडर मोहम्मद डेफ ने हमले की वजह बताई है। डेफ ने कहा है, ‘ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म’ गाजा की 16 साल की नाकाबंदी, इजरायली कब्जे और हाल की घटनाओं की पूरी श्रृंखला के जवाब में था। इजरायल-फिलिस्तीनी तनाव चरम पर है।” हालांकि जिस नेता ने यह बयान जारी किया उसके बारे में बहुत जाना जाता है।

कौन है मोहम्मद डेफ?

डेफ 2002 से हमास के मिलिटेंट विंग का प्रमुख है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक हालिया प्रोफाइल के अनुसार, उसका जन्म 1960 के दशक के दौरान गाजा में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। शुरुआत में उसे मोहम्मद दियाब इब्राहिम अल-मसरी के रूप में जाना जाता था। उस समय गाजा, मिस्र के नियंत्रण में था (1948 से 1967 तक)। 1967 से 2005 के बीच यह इजरायली शासन के अधीन था और फिर 2005 से 2007 तक यह फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अधीन आ गया। 2007 में हमास ने तख्तापलट कर नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। डेफ ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डेफ के चाचा और पिता ने 1950 के दशक में सशस्त्र फिलिस्तीनियों द्वारा उसी क्षेत्र में की गई छापेमारी में हिस्सा लिया था, जहां हमास के लड़ाकों ने शनिवार को इजरायल में घुसपैठ की थी।

डेफ ने हमास के लिए क्या-क्या किया है?

हमास की स्थापना 1980 के दशक के अंत में, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा (बगावत) की शुरुआत के बाद हुई थी। दोनों क्षेत्रों पर इजरायली कब्ज़ा 1967 के इज़रायली-अरब युद्ध के दौरान हुआ।

एफटी के मुताबिक, पहले इंतिफादा के समय डेफ की उम्र 20 साल के आसपास थी। बाद में डेफ को सुसाइड बॉम्बिंग का जिम्मेदार मानते हुए, इज़रायलियों ने जेल भेजा दिया। इजरायल के मुताबिक, उस हमले में कई दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। 1996 की हिंसा के लिए भी डेफ को जिम्मेदार माना गया, जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान गई थी।

ये बम विस्फोट ओस्लो शांति समझौते (Oslo Accords) के खिलाफ थे, जिस पर 1990 के दशक की शुरुआत में इजरायल और अधिकांश फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) ने हस्ताक्षर किया था। यानी ओस्लो शांति समझौता इजरायल की सरकार और फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के बीच हुआ था।

हमास इस समझौते के खिलाफ था। उसका कहना था कि 1948 के अरब-इजरायल युद्ध में इजरायल ने फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। अब अगर यह समझौता लागू होता है तो फिलिस्तीन के हाथ से और अधिक जमीन चली जाएगी।

एफटी रिपोर्ट में बताया गया है कि “डेफ ने याह्या अय्याश से तालीम हासिल की थी। बम बनाने में माहीर याह्या अय्याश अपने नाम के साथ “इंजीनियर” लगाता था। 1996 में इजरायल ने विस्फोटक से भरे मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर याह्या अय्याश की हत्या कर दी थी।” डेफ आगे चलकर हमास की सैन्य शाखा क़सम ब्रिगेड में शामिल हो गया।

एक हाथ, एक पैर और एक आंख नहीं है!

बीबीसी के अनुसार, डेफ ने हमास के मिलिटेंट विंग के गाजा कमांडर का पद भले ही जुलाई 2002 में संभाला हो, लेकिन वह वर्षों से इजरायल की मोस्ट वांटेड लिस्ट में टॉप पर था। इजरायली सेना ने डेफ को मारने की कई बार कोशिश की। लेकिन वो हर बार बच गया। जिस वर्ष डेफ ने सत्ता संभाली, एक इजरायली हेलीकॉप्टर ने गाजा सिटी के पास एक कार पर मिसाइलें दागीं, जिसमें हमास के दो सदस्य मारे गए। हमले में 15 बच्चों सहित कम से कम 40 अन्य लोग घायल हो गए थे।

अमेरिकी विदेश विभाग ने डेफ को आतंकवादी घोषित कर दिया है। विभाग का मानना है, “इजरायल और हमास के बीच 2014 के संघर्ष के दौरान, डेफ हमास की आक्रामक रणनीति का मास्टरमाइंड था।” 2014 में इज़राइल ने पुष्टि की कि उसने डेफ को मारने के लिए एक घर को टार्गेट कर हमला किया था। इस हमले में डेफ पत्नी और सात महीने का बेटा मारा गया था।

उस समय, न्यूयॉर्क टाइम्स ने सुरक्षा मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले एक इजरायली पत्रकार रोनेन बर्गमैन के हवाले से लिखा था, “डेफ हमास में एकमात्र प्रमुख सैन्य व्यक्ति हैं जो इतने लंबे समय तक जीवित रहे हैं। तथ्य यह है कि वह हत्या के कई प्रयासों से बचने और गंभीर चोटों से उबरने में सक्षम रहे हैं। इससे उनके लिए किंवदंती चली पड़ी की वह बुलेटप्रूफ हैं।”

एफटी के अनुसार कथित तौर पर कई जानलेवा हमलों से बचने के बावजूद डेफ ने एक हाथ और एक पैर खो दिया और व्हीलचेयर पर आ गया। वहीं अन्य संगठनों ने दावा किया है कि उसने एक आंख भी खो दी है।

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में इजरायली अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि डेफ ने ऐसे टार्गेट की तलाश की जिससे ज्यादा असर पड़े, जैसे कि कब्जे वाले क्षेत्रों में बसने वाले लोग और सैनिक, यरूशलेम और तेल अवीव में बसें लोग।