बसपा प्रमुख मायावती (BSP Chief Mayawati) के भाई आनंद कुमार (Anand Kumar) एक बार फिर चर्चा में हैं। मायावती के मुख्यमंत्री रहते उनके भाई आनंद कुमार और भाभी को लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की रियल स्टेट कंपनी ने 261 फ्लैट औने-पौने दाम पर आवंटित किए थे। द इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में सामने आया है कि कंपनी ने आनंद कुमार और उनकी पत्नी को 46% के डिस्काउंट पर 261 फ्लैट आवंटित किए थे। आवंटन प्रक्रिया में और भी तमाम गड़बड़ियां हैं।
कौन हैं आनंद कुमार?
यह पहला मौका नहीं है जब आनंद कुमार चर्चा में हैं। पहले बिल्डरों-रियल स्टेट डेवलपर्स से मेलजोल और सांठगांठ के से लेकर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगते रहे हैं। आनंद कुमार, मायावती से छोटे हैं। साल 1994 में नोएडा प्राधिकरण में बतौर क्लर्क नौकरी की शुरुआत की थी। लेकिन 6 साल बाद नौकरी छोड़ अपना कारोबार करने लगे। उस वक्त तक न तो आनंद और न ही उनके कारोबार की कहीं कोई खास चर्चा थी।
साल 2007 में जब मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं तब आनंद पहली बार लाइमलाइट में आए। मायावती के कार्यकाल में आनंद कुमार ने धड़ाधड़, एक के बाद एक कंपनियां खोलीं। उनका कारोबार रॉकेट की रफ्तार से फला-फूला।
मायावती के CM बनते ही चमकी किस्मत
साल 2013 में इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में खुलासा हुआ कि आनंद कुमार करीब 50 कंपनियां थीं, जिसमें से सिर्फ एक कंपनी ‘द होटल लाइब्रेरी क्लब प्राइवेट लिमिटेड’ (The Hotel Library Club Pvt. Ltd) ऐसे थी, जो मायावती के मुख्यमंत्री बनने यानी साल 2007 से पहले की थी। मार्च 2012 तक इस कंपनी का नेटवर्थ 750 करोड़ रुपए के आसपास था। कंपनी का मुख्यालय मसूरी हुआ करता था और यही कंपनी होटल शिल्टॉन (Hotel Shilton) का संचालन करती थी।
इंडियन एक्सप्रेस ने सरकारी दस्तावेजों के हवाले से यह खुलासा भी किया था कि तब आनंद कुमार की कंपनियों का नोएडा व ग्रेटर नोएडा की तमाम दिग्गज रियल स्टेट फर्म और कंपनियों से किसी न किसी रूप में कनेक्शन था। इसमें जेपी, यूनिटेक और DLF जैसे बिल्डर शामिल थे।
18000 परसेंट बढ़ी थी कमाई!
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2007 से 2014 के बीच 7 सालों में आनंद कुमार की संपत्ति में 18000 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। 2007 में उनकी कुल संपत्ति 7.1 करोड़ हुआ करती थी, जो 2014 आते-आते 1300 करोड़ रुपये पहुंच गई थी। इसी दौरान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आनंद कुमार की संपत्तियों की जांच शुरू की थी। आईटी डिपार्टमेंट ने यह भी आरोप लगाया था कि आनंद कुमार जिन कंपनियों के डायरेक्टर थे, उनमें शेल कंपनियों के जरिये पैसा लगाया गया था।
साल 2019 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता (Vichiter Lata) की नोएडा में करीब 400 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर दी थी। आनंद और उनकी पत्नी के नाम पर करीब 7 एकड़ का कॉमर्शियल प्लॉट था, जिसे IT डिपार्टमेंट ने सीज कर दिया था।
नोटबंदी में भी आए थे चर्चा में
नवंबर 2016 में जब सरकारी ने नोटबंदी की थी, उस वक्त भी आनंद कुमार चर्चा में आए थे। तब आनंद के खाते में 1.43 करोड़ रुपये जमा हुए थे, जिसकी जांच शुरू हो गई थी।