हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) रिपोर्ट के बाद बिजनेस वर्ल्ड की दिग्गज पत्रिका फोर्ब्स (Forbes) ने भी अदानी ग्रुप (Adani Group) की कथित वित्तीय अनियमितता का खुलासा किया है। फोर्ब्स ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अदानी (Gautam Adani) के बड़े भाई विनोद अदानी (Vinod Adani) को लेकर बड़ा दावा किया है।

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रिपोर्ट की मानें तो विनोद अदानी सिंगापुर की एक कंपनी Pinnacle Trade and Investment Pte. Lte को अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित करते हैं। इस कंपनी ने अदानी ग्रुप के प्रमोटर के स्टेक को गिरवी रखकर रूस के सरकारी बैंक से 240 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया है।

दावे के मुताबिक, विनोद अदानी द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित कंपनी ने लोन के लिए फंड्स एफ्रो एशिया ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड (Afro Asia Trade and Investments Limited) और वर्ल्डवाइड एमर्जिंग मार्केट होल्डिंग्स लिमिटेड (Worldwilde Emerging Market Holding Limited) को गारंटर के रूप में पेश किया था।

इन दोनों कंपनियों की अदानी ग्रुप में बड़ी हिस्सेदारी है। फोर्ब्स का यह भी आरोप है कि अदानी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों के केंद्र में विनोद अदानी ही हैं।  

भारतीय नागरिक नहीं हैं विनोद अदानी

विनोदभाई के नाम से मशहूर विनोद शांतिलाल अदानी ने अपने करियर की शुरुआत 1976 में मुंबई के भिवंडी में पावर लूम से की थी। बाद में उन्होंने सिंगापुर में एक कार्यालय के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने कमोडिटी पोर्टफोलियो का विस्तार किया। आज वह सिंगापुर और जकार्ता में कई व्यवसायों का प्रबंधन करते हैं।

वर्तमान में विनोद अदानी साइप्रस के नागरिक हैं लेकिन दुबई में रहते हैं। साइप्रस एक यूरेशियन द्वीप देश है, जिसकी राजधानी निकोसिया है। विनोद अडनी दुबई में चीनी, तेल, एल्यूमीनियम, तांबा और लोहे के स्क्रैप का व्यापार करते हैं। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, विनोद अदानी दुनिया के सबसे अमीर NRI (नॉन रेजिडेंट भारतीय) हैं।

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में भी विनोद अदानी का नाम

दिलचस्प यह है कि जिस हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद से अदानी ग्रुप की सात लिस्टेड फर्मों का मार्केट वैल्यू 125 अरब डॉलर घट गया है, उस रिपोर्ट में गौतम अदानी से ज्यादा विनोद अदानी का जिक्र है। 24 जनवरी को प्रकाशित हुई हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अदानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अदानी का नाम 54 बार आया है, जबकि उनके बड़े विनोद अदानी का नाम 151 बार आया है।

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में विनोद अदानी पर फर्जी कंपनी चलाने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट का दावा है कि विनोद अदानी की कंपनी का एड्रेस, काम और वहां काम करने वाले वर्कर्स का जानकारी स्पष्ट नहीं है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कई सरकारी एजेंसियां विनोद अदानी की जांच कर रही हैं। उनके खिलाफ विदेश में फर्जी कंपनी चलाने, उन कंपनियों से अबरों डॉलर कमाने और उन पैसों को अदानी ग्रुप में लगाकर ग्रुप की कंपनियों के शेयर का भाव बढ़ाने का आरोप है।