जजों की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम (Collegium ) और केंद्र सरकार के बीच एक तरीके से ठनी है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को एडवोकेट सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट में जज बनाने की सिफारिश की थी, जिसे केंद्र ने स्वीकार नहीं किया। केंद्र सरकार ने एडवोकेट सौरभ कृपाल के समलैंगिक विदेशी पार्टनर का हवाला दिया और कहा कि इससे ट्रांसपेरेंसी और संप्रभुता पर खतरा हो सकता है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार के इस तर्क का जवाब तो दिया ही। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने इस पर तीखी टिप्पणी की थी और उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) की पत्नी के जापानी मूल का होने का मुद्दा उठाया था।
कौन हैं एस. जयशंकर की पत्नी Kyoko Jaishankar
JNU से पढ़े विदेश मंत्री एस. जयशंकर की पहली पत्नी शोभा से यूनिवर्सिटी में ही मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच नजदीकी बढ़ी और फिर शादी कर ली। हालांकि विदेश मंत्री की पहली पत्नी शोभा का कैंसर के चलते निधन हो गया था। बाद में एस. जयशंकर साल 1996 में जापान में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन के रूप में नियुक्त हुए और साल 2000 तक यहां रहे। जापान में नियुक्ति के दौरान ही उनकी मुलाकात क्योको सोमेकावा (Kyoko Somekawa) से हुई। दोनों करीब आए और जयशंकर ने क्योको से शादी कर ली। दिलचस्प बात यह है कि जयशंकर और क्योको, दोनों का जन्मदिन एक ही दिन 9 जनवरी को आता है।
एस. जयशंकर से शादी के बाद अपना लिया हिंदू धर्म
विदेश मंत्री एस. जयशंकर से शादी के बाद क्योको जयशंकर (Kyoko Jaishankar) ने हिंदू धर्म अपना लिया। दोनों के तीन बच्चे ध्रुव, अर्जुन और बेटी मेधा हैं। आपको बता दें कि एस. जयशंकर की पत्नी क्योको जयशंकर बहुत लो प्रोफाइल रहती हैं और लाइमलाइट में आने से बचती हैं।
6 भाषाओं के जानकार हैं एस. जयशंकर
हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, रूसी, जापानी और हंगेरियन जैसी 6 भाषाओं के जानकार डॉ. एस जयशंकर ने इंटरनेशनल रिलेशंस में पीएचडी और एमफिल की डिग्री हासिल की है। महज 24 साल की उम्र में आईएफएस बनने वाले जयशंकर की रशियन और सेंट्रल एशियन पॉलिटिक्स पर बहुत अच्छी पकड़ मानी जाती है। खासकर, रूस और अमेरिका में उनका बहुत अच्छा नेटवर्क माना जाता है।
एस. जयशंकर (S. Jaishankar) के पिता के. सुब्रमण्यम भी नीतिगत मसलों के बेहद जानकार थे और उन्हें ‘फादर ऑफ इंडियन स्ट्रेटेजिक थॉट्स’ भी कहा जाता है। जबकि जयशंकर की मां संगीत की जानकार रही हैं, और संगीत में ही पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। डॉ. एस जयशंकर के भाई संजय सुब्रमण्यम (Sanjay Subrahmanyam) नामी इतिहासकार हैं।