न्यायिक नियुक्तियों (Judicial Appointments) को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) के बीच तकरार जारी है। केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू (Union Minister of Law Kiren Rijiju) लगातार बयान दे रहे हैं। वहीं न्यायिक बिरादरी की तरफ से भी कई जज और वकील सरकार पर आलोचनात्मक टिप्पणी कर रहे हैं। ताजा बयान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता (Ex-Judge Deepak Gupta) ने दिया है।
जस्टिस गुप्ता ने वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल की नियुक्ति पर सरकार द्वारा जताई गई आपत्ति की आलोचना की है। जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा है कि, “सौरभ कृपाल की नियुक्ति खारिज करने का यह आधार नहीं हो सकता कि उनके पार्टनर भारतीय नहीं हैं। ऐसे कई भारतीय हैं जिनके पार्टनर भारतीय नहीं हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की पत्नी जापानी हैं।”
बता दें कि एस. जयशंकर ने अपनी दूसरी शादी जापानी मूल की महिला क्योको सोमेकावा से की थी। पहली पत्नी शोभा की कैंसर से मृत्यु के बाद एस. जयशंकर ने क्योको से शादी की थी। क्योको और जयशंकर दोनों का जन्मदिन एक ही तारीख (9 जनवरी) को आता है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शादी के बाद क्योको ने हिंदू धर्म अपना लिया था। अब वह तीन बच्चों की मां हैं।
सौरभ को लेकर सरकार की आपत्ती
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक की गई जानकारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सौरभ कृपाल के नाम पर आपत्ति दर्ज कराई है। सौरभ कृपाल समलैंगिक हैं। उनके पार्टनर स्विट्जरलैंड के नागरिक हैं। सरकार को इन दोनों तथ्यों से आपत्ति है। कॉलेजियम की मानें तो सरकार को ये चिंता है कि देश में समलैंगिक विवाह को अभी मान्यता नहीं मिली है और सौरभ समलैंगिकों के अधिकारों के मुद्दे उठाते रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का जवाब
सरकार की आपत्ती पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि भारत का स्विट्ज़रलैंड के साथ दोस्ताना संबंध है। सरकार ये मान कर नहीं चल सकती कि सौरभ कृपाल के पार्टनर भारत विरोधी हैं। संवैधानिक पद संभालने वाले कई लोगों के पार्टनर दूसरे देशों के नागरिक रहे हैं।
सौरभ कृपाल के सेक्सुअल ओरिएंटेशन के संबंध ने कॉलेजियम ने स्पष्ट कहा है कि सभी भारतीय को अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन के साथ सम्मान से जीने का अधिकार है। सौरभ कृपाल अपने रूझान को लेकर हमेशा ओपन रहे हैं। यह उनके नेक नीयत को दर्शाता है। वह बेंच के लिए वो महत्वपूर्ण साबित होंगे।
बता दें कि चीफ जस्सिट डी वाई चंद्रचूड़ से पहले चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने भी 11 नवंबर, 2021 को सौरभ कृपाल के नाम की सिफारिश की थी।