करीब आधी सदी कांग्रेस के साथ रहने वाले नेता अश्विनी कुमार (Ashwani Kumar) का कहना है क‍ि कांग्रेस में एक समय राज्‍य स्‍तर के नेताओं को काफी महत्‍व द‍िया जाता था, लेक‍िन बाद में हाईकमान ने ही पूरी पार्टी का बोझ अपने कंधों पर ले ल‍िया। उन्‍होंने यह भी बताया क‍ि राहुल गांधी के साथ यह समस्‍या है क‍ि वह अपनी जायज बात लोगों तक सही तरीके से नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

कांग्रेस में पदाधिकारी से मंत्री तक

अश्‍व‍िनी कुमार 1976 में गुरदासपुर से कांग्रेस की राजनीत‍ि में बतौर पदाध‍िकारी शाम‍िल हुए थे। वह फरवरी 2022 तक कांग्रेस में रहे। इस दौरान वह पार्टी में व‍िभ‍िन्‍न पदों पर तो रहे ही, मनमोहन स‍िंह की दोनों सरकारों में मंत्री भी रहे। उन्‍होंने सोन‍िया गांधी के साथ सबसे ज्‍यादा करीब से काम क‍िया और राजीव गांधी के दौर में भी उनके करीब रहे।

जब PM को बताई UN जाने की इच्छा

अश्‍व‍िनी कुमार ने राजीव गांधी से जुड़ा एक क‍िस्‍सा शेयर क‍िया। यह बात 1986 की रही होगी। तब अश्‍व‍िनी कुमार सुप्रीम कोर्ट में वकील बने थे। उनकी उम्र 33-34 साल रही होगी। उन द‍िनों इतनी कम उम्र में सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाना बड़ी बात थी। जाह‍िर है, कुमार काफी खुश थे। उन्‍होंने यह खुशी राजीव गांधी के साथ भी शेयर करनी चाही।

तब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। कुमार ने उनका वक्‍त मांगा और म‍िल गया। वह अपनी खुशी लेकर प्रधानमंत्री के दफ्तर पहुंचे। दो-चार म‍िनट खड़े-खड़े ही बातचीत हुई।। इसी दौरन कुमार ने अपनी एक इच्‍छा जाह‍िर कर दी।

कुमार ने राजीव गांधी से कहा क‍ि वह एक बार संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत का प्रत‍िन‍िध‍ि बन कर जाना चाहते हैं। राजीव गांधी ने कहा क‍ि ठीक है। प्रत‍िन‍िध‍िमंडल सितंबर में जाता है। अगस्‍त के अंत में आप एक बार अमुक अफसर को याद द‍िला दीज‍िएगा।

अगस्‍त अंत में अश्‍व‍िनी कुमार ने संबंध‍ित व्‍यक्‍त‍ि को अपनी इच्‍छा और प्रधानमंत्री से हुई बातचीत के बारे में जानकारी दे दी। एक सुबह जब कुमार अखबार पढ़ रहे थे तो उन्होंने एक खबर देखी। उसमें प्रत‍िन‍िध‍िमंडल के न्‍यूयॉर्क जाने संबंधी खबर थी। खबर पढ़ कर कुमार को लगा क‍ि उनका चयन नहीं हुआ।

कुमार नाश्‍ता करके कोर्ट चले गए। लंच के दौरान उनके जून‍ियर्स ने उन्‍हें बताया क‍ि व‍िदेश मंत्रालय से उनके बारे में पूछा जा रहा था, क्‍योंक‍ि उन्‍हें न्‍यूयॉर्क जाना है। कुमार बड़े हैरान हुए। उनके पास पासपोर्ट भी नहीं था। उन्‍हें बताया गया क‍ि वह सब इंतजाम हो जाएगा।

कैसे हुआ था चयन?

उस समय कुमार के पास कोई पद नहीं था। न पार्टी में और न ही सरकार में। पर, कुमार प्रत‍िन‍िध‍िमंडल के सदस्‍य के तौर पर न्‍यूयॉर्क गए। बाद में कुमार ने पता क‍िया क‍ि यह कैसे हुआ। उन्‍हें मालूम हुआ क‍ि प्रधानमंत्री जब दक्ष‍िण अफ्रीका के दौरे पर थे, तभी उनके सामने प्रत‍िन‍िध‍िमंडल की मंजूरी के ल‍िए फाइल रखी गई थी। ल‍िस्‍ट में उन्‍होंने अपनी कलम से ‘अश्‍व‍िनी कुमार (सुप्रीम कोर्ट)’ ल‍िख द‍िया था।

अश्विनी कुमार से इंटरव्‍यू का पूरा वीड‍ियो

कुमार ने बताया क‍ि राजीव गांधी में यह खूबी थी क‍ि अगर वह क‍िसी बात के ल‍िए हां कर देते थे तो उसे पूरा भी करते थे। उन्‍होंने बताया यह बात सोन‍िया गांधी में भी है।