चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की गिनती देश के सबसे टेक सेवी जजों में होती है। वह लगातार कहते रहे हैं कि टेक्नोलॉजी कामकाज को आसान बनाती है और इससे मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) अदालती कामकाज में पारदर्शिता के लिए मोबाइल के इस्तेमाल के हिमायती हैं। हालांकि एक बार कोर्ट रूम में मोबाइल से रिकॉर्डिंग कर रहे एक शख़्स को देख वह थोड़ा असहज हो गए थे।
जब मोबाइल से रिकॉर्डिंग कर रहे शख्स पर पड़ी CJI की नजर
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ एक दिन कोर्ट में सुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर एक शख्स पर पड़ी। वह अपने मोबाइल से कोर्ट की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग कर रहा था। The Week की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘जस्टिस चंद्रचूड़ के मन में ख्याल आया कि आखिर शख़्स कोर्ट की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग कैसे कर सकता है? लेकिन चंद सेकेंड बाद भी उनके ख्याल बदल गए।
जस्टिस चंद्रचूड़ कहते हैं कि बाद में मेरी सोच बदल गई। मुझे लगा कि इसमें बड़ी बात क्या है! ओपन कोर्ट हियरिंग है और यहां कुछ भी गोपनीय नहीं है। ऐसे में रिकॉर्डिंग करने में क्या हर्ज।
CJI ने सुनाया कौन सा किस्सा?
हाल में सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने अपनी एक जूनियर सहकर्मी से जुड़ा एक वाकया साझा किया था। उन्होंने बताया कि उनकी जूनियर सहकर्मी एक हाईकोर्ट में आईपैड पर काम कर रही थीं। इसी दौरान कोर्ट के प्रशासनिक अधिकारी आए और नियमों का हवाला देते हुए आईपैड बंद करने को कह दिया। इसपर उनकी सहकर्मी ने जवाब दिया कि मैं नियम फॉलो कर रहीं हूं।
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए सीजेआई ने कहा था कि जजों को चाहिए कि वे वकीलों को गैजेट्स पर काम करने की इजाजत दें और यह भी तय करें कि बेहतर इंटरनेट की सुविधा मिले। सीजेआई ने कहा कि मोबाइल जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। कभी कोर्ट रूम में मोबाइल प्रतिबंधित हुआ करता था, लेकिन अब यह जरूरत बन चुका है।
सुप्रीम कोर्ट में Tech फ्रंट पर लगातार काम
आपको बता दें कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने सीजेआई बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में तमाम नई सुविधाएं शुरू की हैं। इसमें ई-फाइलिंग से लेकर वर्चुअल कोर्ट, ई पेमेंट और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं। कोरोना काल में केसेज की जानकारी और उसके मैनेजमेंट के लिए एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर भी डेवलप किया, जो खासा लोकप्रिय हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुआ AI का इस्तेमाल
सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए केसेज के लाइव ट्रांसक्रिप्शन की सुविधा शुरू हुई है। सीजेआई ने बताया था कि इसे प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है और शुरुआत में संविधान पीठ के मामलों का ट्रांसक्रिप्शन हो रहा है।