History of Humayun: बाबर (Mughal Emperor Babur) के सबसे बड़े बेटे हुमायूं (Mughal Emperor Humayun) का पूरा नाम नसीरुद्दीन हुमायूं था। उनका जन्म 1508 ई. (Humayun Birth Date) में हुआ था। वह 23 साल की उम्र में ही 30 दिसम्बर, 1530 को मुगल साम्राज्य (Mughal Empire) के शासक बन गए थे।

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बाबर (Babur) ने अपने चार बेटों में से हुमायूं को अपना उत्तराधिकारी चुना था। हुमायूं को भारत की गद्दी सौंपने को लेकर बाबर इतने आश्वस्त थें कि उन्हें 12 साल की उम्र में ही बदक्शाँ का गवर्नर बना दिया था। वह बचपन से ही बहुत धार्मिक प्रवृति के रहे।

हुमायूं के शासनकाल (Life of Humayun) में मुगल साम्राज्य उत्तर भारत, वर्तमान पाकिस्तान से लेकर अफगानिस्तान तक फैला हुआ था। हुमायूं की मौत गद्दी पर रहते हुए 48 साल की उम्र में एक हादसे (How Did Humayun Died?) में हो गयी थी।

मौत से पहले खाया था अफीम

हुमायूं को किताब और अफीम से असाधारण लगाव था। वह अक्सर अपने दल में एक लाइब्रेरियन को भी लेकर चलते थे। जहां तक अफीम की बात है, वह एक दिन में तीन बार अफीम का सेवन किया करते थे। अपनी मौत से ठीक पहले भी उन्होंने अफीम खाया था।

24 जनवरी 1556 की बात है। हुमायूं ने गुलाब जल से अफीम की एक खुराक ली और दिन की शुरुआत के लिए तैयार हुए। उन्होंने दिल्ली की सर्दी से बचने के लिए लम्बा पोस्तीन पहना हुआ था। उस रोज उनसे मिलने हज लौटे कुछ लोग आए थे। उन्होंने हाजियों को लाइब्रेरी की छत बुला लिया। लाल पत्थर से बनी लाइब्रेरी के बगल में ही एक मस्जिद भी थी, जहां लोग जुमे की नमाज के लिए जुटे थे।

हाजियों से मिलने के बाद हुमायूं ने ज्योतिष शास्त्र के एक विद्वान को बुलाया। वह उससे ग्रहों की चाल जानना चाहते थे। हुमायूं यह जानना चाहते थे कि आसमान में शुक्र ग्रह कब दिखाई देगा ताकि वह अपने कारिंदों को उस मौके पर प्रमोशन दे सकें।

हुमायूं की जीवनी लिखने वाली उनकी बहन गुलबदन बेगम के हवाले से बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि जब तेज हवा चलने के कारण हुमायूं को ठंड लगने लगी तो वह छत की सीढ़ियों से उतरने लगे। इसी बीच मस्जिद में अज़ान शुरू हो गयी। अज़ान देने वाले ने अभी पहले वाक्य के तीन शब्द ‘अल्लाह हु अकबर’ ही बोला था कि हुमायूं सजदे में बैठने के लिए झुके। तभी उनका पैर उनके लम्बे पोस्तीन में फंस गया और वह फिसलते हुए सीढ़ियों से गिर पड़े। वह सिर के बल गिरे थे। उनके सिर में चोट आयी थी और दाहीन कान से लगातार खून बह रहा था। इसके बाद उनकी आंख नहीं खुली। दो दिन बार 26 जनवरी, 1556 को उनकी मौत हो गयी।  

दिल्ली पर 10 साल किया था शासन (Legacy of Humayun)

गद्दी संभालने के बाद से हुमायूं को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बिहार में उन्हें शेर खां का मुकाबला करना पड़ा था, तो गुजरात में बहादुर शाह से। एक बार तो उन्हें दिल्ली की गद्दी छोड़कर भागना पड़ा थी और मुगल साम्राज्य का लगभग सफाया हो गया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी गद्दी दोबारा हासिल की। हुमायूं ने कुल 10 सालों दिल्ली पर शासन (How long Humayun reigned in India?) किया था।