केरल के त्रिशूर जिले में एक जंगली हाथी कई दिनों से उत्पात मचा रहा है। यह जंंगली हाथी त्रिशूर के कुथिरन क्षेत्र के आवासीय इलाकों में डर की वजह बना हुआ है। पिछले दो हफ्तों से जंगली हाथी कुथिरन के इरुम्पुपलम क्षेत्र में बार-बार आ रहा है, जिससे यहां रहने वालों में दहशत का माहौल है।
पिछले हफ्ते इस जंगली हाथी को भगाने के प्रयास में एक वन अधिकारी घायल हो गया था और विभाग का एक वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया था। अब इस जंगली हाथी को भगाने के लिए शुक्रवार को दो कुमकी हाथियों को तैनात किया गया है।
वन अधिकारियों के अनुसार, हाथी बुधवार और गुरुवार की रात को आवासीय क्षेत्रों में घुस आया था। उसे वापस जंगल में खदेड़ने के अभियान के तहत दो प्रशिक्षित हाथियों भरत और विक्रम को शुक्रवार को वायनाड स्थित उनके शिविर से लाया गया।
कैसे होते हैं कुमकी हाथी?
कुमकी हाथी (फारसी शब्द ‘कुम्की’ का मतलब है ‘मददगार’ या ‘सहायक’) ऐसे पालतू एशियाई हाथी होते हैं जिन्हें जंगल संरक्षण के लिए खास कामों में प्रशिक्षित किया जाता है। साधारण काम करने वाले हाथियों से अलग कुमकी हाथियों को इस तरह प्रशिक्षित किया जाता है कि वे मुश्किल या तनाव भरी स्थिति में भी शांत रहें और सिर्फ अपने महावत (संभालने वाले) के आदेश मानें।
कुमकी हाथियों का मुख्य काम होता है – जंगली हाथियों को गांवों से दूर भगाना, बचाव कार्यों में मदद करना और नए पकड़े गए हाथियों को काबू में लाने में सहायता करना है। उदाहरण के तौर पर- जब जंगली हाथी खेतों या गांवों में घुस आते हैं तो कुमकी हाथियों को भेजा जाता है ताकि वे बिना किसी हिंसा के उन हाथियों को वापस जंगल की ओर ले जाएं।
जब जंगली हाथियों को पकड़ा जाता है तो कुमकी हाथी उनके साथ चलते हैं और अगर वे गुस्सा दिखाते हैं तो उन्हें शांत रहने की ट्रेनिंग देते हैं।
इसके अलावा, कुमकी हाथी उन हाथियों की भी मदद करते हैं जो कुएं, कीचड़ या किसी खतरनाक जगह में फंसे होते हैं।
दक्षिण भारत में हैं सबसे मशहूर कुमकी हाथी
भारत के कुछ सबसे मशहूर कुमकी हाथी दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु और केरल में हैं, जहां इंसानों और हाथियों के बीच टकराव की घटनाएं अक्सर होती हैं। ऐसे ही एक प्रसिद्ध कुमकी हाथी कलीम ने साल 2023 की शुरुआत में लगभग 60 साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट लिया। तमिलनाडु के वन विभाग ने उसकी विदाई पर गार्ड ऑफ ऑनर (सम्मान समारोह) आयोजित किया। इस मौके का एक वीडियो, जिसे एक आईएएस अधिकारी ने साझा किया, में देखा गया कि बुजुर्ग कलीम हाथी ने जोर से चिंघाड़ की जबकि वर्दीधारी अधिकारी उसे सलामी दे रहे थे।
कुमकी हाथियों की सफलता का सबसे बड़ा राज उनके महावत
कुमकी हाथियों की सफलता का सबसे बड़ा राज उनके महावत होते हैं। ये उन्हें सिखाते, संभालते और जीवनभर साथ रहते हैं। महावत और हाथी के बीच भरोसे और समझ का गहरा रिश्ता होता है, इसी वजह से कुमकी हाथी जंगल संरक्षण में इतने उपयोगी होते हैं। महावत हाथियों को शांत रहना, आदेश मानना और जरूरत पड़ने पर बिना शोर किए काम करना सिखाते हैं। वे हाथियों की देखभाल, खिलाना-पिलाना, और सही दिशा में चलाना जैसे काम करते हैं। अक्सर महावत पूरे जीवन एक ही हाथी के साथ रहते हैं, जिससे दोनों के बीच गहरा लगाव और समझ बन जाती है।
