यमुना नदी का उद्गम पश्चिमी उत्तराखंड में यमुनोत्री के पास हिमालय में बंदरपंच पर्वत की चोटी से होता है। यमुना भारत में गंगा की सबसे लंबी सहायक नदी है। भारत के जनजीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण यह नदी हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली जैसे राज्यों से गुजरते हुए अंत में त्रिवेणी संगम (प्रयागराज) में मिल जाती है।
यमुना की कुल लंबाई (1,370) का मात्र दो फीसदी हिस्सा यानी करीब 22 किलोमीटर दिल्ली में बहता है। और सिर्फ इतनी ही दूरी में यह नदी करीब 80 फीसदी प्रदूषित कर दी जाती है।
क्या है पूरा मामला?
देश के ज्यादातर राज्य नदी से पीने का पानी निकालते हैं। दिल्ली में भी ड्रिंकिंग वाटर की आपूर्ति के लिए यही तरीका अपनाया जाता है। दिल्ली में यमुना का प्रवेश उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद से होता है। वहां एक बांध है, जिसे वजीराबाद बांध के नाम से जाना जाता है। दिल्ली सरकार इसी बांध से यमुना का पानी रोक कर, पीने का पानी निकाल लेती है।
वरिष्ठ पत्रकार सोपान जोशी ने पर्यावरण से जुड़ी अपनी किताब ‘जल थल मल’ में बताया है कि बरसात के मौसम को अपवाद मान लें तो इस बांध में हमेशा साफ पानी नजर आता है। यहां से पानी निकालने लेने के बाद आगे कुछ दूर यमुना खाली नजर आती है। फिर आगे जाकर नजफगढ़ नाले से उत्तर-पश्चिम दिल्ली का पूरा मैला पानी यमुना में डाल दिया जाता है।
दिल्ली सरकार का प्लान
7 दिसंबर 2020 को दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार यमुना की सफाई के लिए एक व्यापक कार्य योजना लेकर आई थी। यमुना की सफाई के लिए दिल्ली सरकार ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को अपग्रेड करने, हर घर को सीवेज सिस्टम से जोड़ने और मैले पानी को साफ करने की योजना बनाई थी। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, सरकार ने तय किया था कि दिसंबर 2022 तक यमुना में सीवेज का पानी नहीं डाला जाएगा। साथ ही 34 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 577 मिलियन गैलन गंदे पानी साफ करने का प्लान था।
देखें यमुना में खजाना खोजने वालों की कहानी:
नवंबर 2021 में यमुना सफाई प्रकोष्ठ के गठन को मंजूरी देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि सरकार फरवरी 2025 तक यमुना को साफ कर देगी। बाद में दिल्ली सरकार के जल मंत्री ने सत्येंद्र जैन अपनी ही सरकार द्वारा तय की गई डेडलाइन से पहले यमुना को साफ करने का दावा किया था। साल 2022 में Assocham द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सत्र में जैन ने कहा था कि ”हम 2025 तक नहीं, बल्कि दिसंबर 2023 में ही यमुना को साफ कर देंगे। मुझे विश्वास है कि हम आप सभी को दिल्ली में नदी के किसी भी हिस्से में डुबकी लगाने के लिए आमंत्रित करेंगे।”
मार्च 2022 में बजट पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था, ”यमुना में गिरने वाले सभी नालों की जांच की जाएगी और सीवेज को या तो एसटीपी में ले जाकर ट्रीट किया जाएगा या इसे इन-सीटू ट्रीटमेंट द्वारा साफ पानी में बदला जाएगा। दिल्ली सरकार का संकल्प है कि दिल्ली की जनता की तरफ से एक बूंद भी गंदा पानी यमुना में न गिरे” हालांकि सोसिदिया ने यमुना को साफ करने का लक्ष्य 2025 ही बताया था।