Online Scams in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट को लेकर चिंता जताए जाने के बाद एक बार फिर इसे लेकर बहस शुरू हो गई है। पिछले कुछ महीनों में टीवी, अखबारों, सोशल मीडिया पर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए लोगों की दुखभरी कहानियों की बाढ़ आ गई है और इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई को गंवा दिया है। डिजिटल अरेस्ट के जरिए साइबर अपराधियों ने लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसाने का डर दिखाकर उन्हें लाखों रुपये की चपत लगा दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इसे लेकर चिंता जताई है और आगाह किया है कि डिजिटल अरेस्ट के जरिए धोखाधड़ी की घटनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर हो रहे स्कैम को लेकर लोगों से कहा है कि उन्हें बहुत सावधान रहने की जरूरत है। इंडियन साइबरक्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी का सिर्फ एक तरीका है। इसके अलावा तीन अन्य ऑनलाइन स्कैम के जरिए भी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। ये स्कैम हैं- ट्रेडिंग, इन्वेस्टमेंट और रोमांस/डेटिंग स्कैम।
चार महीने में ही करोड़ों रुपये गंवाए
I4C की ओर से इस साल मई में जनवरी से अप्रैल तक के जो आंकड़े जारी किए गए थे उनके मुताबिक, भारतीयों ने डिजिटल अरेस्ट में 120.30 करोड़, ट्रेडिंग स्कैम में 1,420.48 करोड़, इन्वेस्टमेंट स्कैम में 222.58 करोड़ और रोमांस/डेटिंग स्कैम में 13.23 करोड़ रुपये गंवाए हैं।
आइए, इन चारों स्कैम के बारे में बारी-बारी से जानते हैं।
क्या है ट्रेडिंग स्कैम?
इस स्कैम में धोखेबाज सोशल मीडिया पर फ्री ट्रेडिंग टिप्स वाले विज्ञापन देते हैं और इसमें वे शेयर मार्केट के एक्सपर्ट्स की फोटो और फर्जी न्यूज आर्टिकल का इस्तेमाल करते हैं। इसका शिकार बनने वाले पीड़ितों से कहा जाता है कि वे एक व्हाट्सएप या टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन कर लें। ग्रुप को ज्वाइन करने वाले लोगों को शेयर में इन्वेस्टमेंट करके पैसे कमाने के बारे में टिप्स दी जाती हैं।
बिना जांच-पड़ताल के कर लिए एप इंस्टॉल
कुछ दिनों बाद उनसे कहा जाता था कि वे कुछ खास ट्रेडिंग एप्लीकेशन को इंस्टॉल कर लें और रजिस्टर भी कर लें जिसके जरिये उन्हें ज्यादा मुनाफा कमाने के बारे में बताया जाएगा। पैसा कमाने के लालच में लोग इन एप्लीकेशन पर इन्वेस्टमेंट करना शुरू कर देते थे जबकि इन एप्लीकेशन में से कोई भी स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया में रजिस्टर नहीं होता था। हैरान करने वाली बात यह है कि ट्रेडिंग स्कैम का शिकार होने वाले लोग इस बात की जांच ही नहीं करते थे।
इस स्कैम के पीड़ितों ने शेयर खरीदने के लिए कुछ विशेष बैंक अकाउंट्स में पैसे जमा किए और धोखाधड़ी करने वालों ने उनके द्वारा बताए गए डिजिटल वॉलेट में उन्हें कुछ फर्जी मुनाफा दिखाया लेकिन जब लोगों ने इस फर्जी मुनाफे को निकालने की कोशिश की तो उन्हें यह बताया गया कि वह ऐसा तभी कर सकते हैं जब उनके वॉलेट में 30 से 50 लाख रुपए तक जमा हो जाएं।
फर्जी मुनाफे पर भी देना होता है टैक्स
अब आप समझ सकते हैं कि निवेशकों को फंसा लिया गया था और अब वे अपने फर्जी मुनाफे को निकालने के लिए इन्वेस्टमेंट करते रहते थे और कई-कई मामलों में तो ऐसा होता था जब उन्हें इस फर्जी मुनाफे पर टैक्स भी देना होता है।
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट में लोगों के पास एक फोन कॉल आती है और इसमें उनसे कहा जाता है कि उन्होंने एक पार्सल भेजा है या उन्हें मिला है। इस पार्सल में कोई अवैध सामान, ड्रग्स, फर्जी पासपोर्ट या अन्य दूसरी बैन की हुई चीज है। जब पीड़ित इन धोखेबाजों के जाल में फंस जाते हैं तो धोखेबाज स्काइप या किसी और दूसरे वीडियो कॉलिंग प्लेटफार्म के जरिये उनसे संपर्क करते हैं। इस दौरान वह खुद को कानूनी अफसर बताते हैं और ऐसा लगता है कि वे किसी पुलिस स्टेशन या सरकारी दफ्तर से फोन कर रहे हैं।
धोखेबाज इस मामले को ‘बंद’ करने के लिए या कॉम्प्रोमाइज करने के लिए पैसे की मांग करते हैं। कुछ मामलों में पीड़ितों को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया। डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब यह है कि जब तक अपराधियों की मांगों को आप पूरा नहीं कर देते तब तक आपको उनके सामने ऑनलाइन मौजूद रहना पड़ेगा।
इन्वेस्टमेंट स्कैम में किया जाता है रिटर्न का वादा
इन्वेस्टमेंट स्कैम का शिकार बनने वाले लोगों को आमतौर पर किसी विदेशी नंबर से एक व्हाट्सएप मैसेज आता है। मैसेज भेजने वाले खुद को कंपनी का रिप्रेजेंटेटिव बताते हैं। रिप्रेजेंटेटिव लोगों से कहते हैं कि आप घर से काम करके 30 हजार रुपये कमा सकते हैं। जो लोग इसका जवाब देते हैं उन्हें कुछ संस्थाओं को फाइव स्टार रेटिंग देकर उनकी सोशल मीडिया रेटिंग को बढ़ाने के लिए कहा जाता हैं। जब यह काम पूरा हो जाता है तो पीड़ितों को एक कोड मिलता है।
इस कोड को उन्हें अपने टेलीग्राम ग्रुप के एडमिन को शेयर करना होता है। एडमिन लोगों से पूछता है कि आप पैसे कैसे लेना चाहते हैं और कुछ रिव्यू आदि करने के बाद 500 रुपये उनके खाते में जमा कर दिए जाते हैं। लोगों से कहा जाता है कि वे लोग एक प्रीपेड या मर्चेंट टास्क में शामिल हो जाएं और कुछ पैसे जमा करने के बाद उनसे उन्हें डेढ़ हजार से 1 लाख रुपए तक रिटर्न देने का वादा किया जाता है।
जो लोग ऐसा करने से मना करते हैं उन्हें ब्लॉक कर दिया जाता है लेकिन जो लोग इसमें शामिल होते हैं, उन्हें भरोसा दिया जाता है कि एक दिन उन्हें पैसा जरूर मिलेगा।
पुरुष बनते हैं रोमांस/डेटिंग स्कैम के शिकार
यह स्कैम भी ऑनलाइन ही होता है और इसका शिकार पुरुष होते हैं। पुरुष उनसे बात करने महिलाओं को विदेशी समझते हैं। यह महिलाएं पुरुषों के सामने शादी का प्रपोजल रखती हैं और फिर उनसे मिलने की बात कहती हैं। इस स्कैम में फंसने वाले पुरुषों को महिलाओं की ओर से फोन आता है कि उन्हें हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया है और यहां से बाहर निकलने के लिए पैसे की जरूरत है।
अमेरिकी एफबीआई ने ऐसे कई मामलों को हैंडल किया है। उनका कहना है कि रोमांस और डेटिंग स्कैम करने वाले अपने आप को सच्चा आदमी बताते हैं और लोगों को भरोसे में लेकर उनसे पैसे ठगते हैं।