आवारा कुत्तों को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान बांबे हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम पटेल ने एक ऐसा सवाल पूछा जिसने एडवोकेट की बोलती बंद कर दी। दरअसल वकील की दलील थी कि आवारा कुत्तों को एक तय सीमा में रखकर खाना दिया जाए तो एक्सीडेंट नहीं होंगे। जस्टिस गौतम पटेल का सवाल था कि आप हमें समझा सकते हैं और हम आपको। लेकिन कुत्ते और शेर से कैसे बात की जा सकती है। हम उन्हें किस भाषा में समझाएंगे?

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बांबे हाईकोर्ट नवी मुंबई की सीवुड्स सोसायटी में रहने वाले छह लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इन लोगों का कहना था कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाने की वजह से सोसायटी की मैनेजमेंट ने उन पर जुर्माना लगाया है। उनकी दलील थी कि हाईकोर्ट इस मसले पर कोई ठोस फैसला करे। वो नवी मुंबई नगर पालिका को कहे कि वो कुत्तों को खिलाने के लिए कुछ जगहों को तय कर दे जिससे बेवजह की मुसीबत से बचा जा सके। दूसरी तरफ कुछ डॉग लवर्स का कहना था कि ये रिट बेमतलब की है। कुत्ते आवारा जरूर हैं पर उन्हें भी देखभाल की जरूरत है।

जस्टिस बोले- बांबे हाईकोर्ट में कुत्ते अब सो जाते हैं

जस्टिस गौतम पटेल ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा कि बांबे हाईकोर्ट में भी ये समस्या थी। लेकिन हमने उसे बड़ी समझदारी से हल किया। अब यहां कुत्तों का आतंक नहीं है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि कुत्तों को थोड़ा प्यार और खाना दे दो तो वो सो जाते हैं। आप लोगों को चाहिए कि उन्हें थोड़ा खाना दें। उनकी देखभाल करें। उनका कहना था कि कुत्ते नहीं समझते कि सीवुड्स सोसायटी में उनका जाना मना है। कोर्ट का कहना था कि कुत्तों को खाना और प्यार नहीं मिलता तो वो गुस्से में आ जाते हैं और तभी वो किसी को अपना निशाना बनाने लग जाते हैं।

वालंटियर्स की लिस्ट बनाने को कहा

हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार कुत्तों को खिलाने की जगहें तय हो गईं तो ऐसे लोगों की जरूरत भी पड़ेगी जो उनके खाने और दवा का इंतजाम करे। कोर्ट ने एक लिस्ट बनाने को कहा जिसमें ऐसे लोग शामिल हों जो कुत्तों की देखभाल करने के इच्छुक हों। सुनवाई 20 मार्च को की जाएगी। हालांकि सोसायटी की मैनेजमेंट ने कुत्तों को खिलाने के लिए तीन जगहों का चुनाव किया है जो उसकी सीमा में हैं। लेकिन जस्टिस पटेल ने दो को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि दो एकड़ का प्लाट उनको खाना खिलाने के लिए बेहतरीन रहेगा। जिन दो जगहों को खारिज किया गया उनमें एक सड़क के बिलकुल किनारे था। कोर्ट का कहना था कि वहां कुत्तों को खिलाने से हादसे हो सकते हैं। जबकि दूसरी प्लाट स्कूल के सामने था।

सीवुड्स सोसायटी की तरफ से एडवोकेट आदित्य प्रताप ने अपनी दलीलें रखीं। जबकि डॉग लवर्स की तरफ से आभा सिंह पेश हुईं। एडवोकेट जल अंधयार्जुना को इस मामले में कोर्ट ने एमीकस क्यूरी बनाया था। उन्होंने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने का मसौदा कोर्ट के सामने रखा।