सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी पोस्टल बैलेट के जरिये वोट नहीं डाल पाएगा। यह मैसेज वॉट्सऐप पर ज्यादा वायरल है। विश्वास न्यूज को एक यूजर ने इस बारे में पड़ताल करने के लिए भेजा।
विश्वास न्यूज ने पोस्ट की जांच की और इसे फर्जी पाया। चुनाव आयोग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स से पोस्ट करते हुए इस दावे को गलत बताया है और कहा है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी निर्दिष्ट मतदाता सुविधा केंद्र पर पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपना वोट डाल सकते हैं।
क्या हो रहा है वायरल:
विश्वास न्यूज के चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 पर एक यूजर ने हमें एक वॉट्सऐप कन्वर्सेशन का स्क्रीनशॉट भेजा, जिसमें लिखा था, “एक बड़ी छुपी खबर ये है कि इस बार चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट में से बैलेट ही ग़ायब कर दिया है। अब कोई भी सरकारी कर्मचारी पोस्टल बैलेट के ज़रिये वोट नहीं डाल पाएगा।”
कैसे हुई पड़ताल
पोस्ट की जांच के लिए हमने इस पोस्ट में इस्तेमाल टेक्स्ट को गूगल लेंस की मदद से कॉपी किया और इसे गूगल ओपन सर्च किया। हमें चुनाव आयोग के आधिकारिक फेसबुक पेज द्वारा किया हुआ एक पोस्ट मिला, जिसमें इस टेक्स्ट के ग्राफिक्स को इस्तेमाल कर उस पर फेक न्यूज़ का लोगो लगाया गया था।
यह पोस्ट हमें इलेक्शन कमीशन के ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर भी मिली।
हमने इस विषय में भारत निर्वाचन आयोग में संयुक्त निदेशक अनुज चांडक से संपर्क साधा। उन्होंने कन्फर्म किया कि यह वायरल पोस्ट फर्जी है।
क्या होता है पोस्टल बैलेट?
पोस्टल बैलेट एक डाक मत पत्र होता है। चुनावों में इसका इस्तेमाल उन लोगों द्वारा किया जाता है, जो अपनी नौकरी के कारण अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान नहीं कर पाते।
बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) 7 चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा और 4 जून को नतीजे आएंगे।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस पोस्ट को फर्जी पाया। चुनाव आयोग ने इस दावे को गलत बताया और कहा कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी निर्दिष्ट मतदाता सुविधा केंद्र पर पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपना वोट डाल सकते हैं।
यह फैक्ट-चेक मूल रूप से विश्वास न्यूज़ द्वारा किया गया है। यहां इसे शक्ति कलेक्टिव के सदस्य के रूप में पेश किया जा रहा है।