लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक शख्स के नाचने का वीडियो मिला, जो खूब शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ दावा किया गया कि एनसीआर क्षेत्र में कहीं एक चोर को भीड़ ने पीटा और उसे गाने पर नाचने के लिए मजबूर किया। जांच के दौरान हमने पाया कि यह वीडियो भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है।

क्या है दावा?

X यूजर Ghar Ka Kalesh ने एक्स पर भ्रामक दावे के साथ वीडियो साझा किया।

अन्य उपयोगकर्ता भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।

इंस्टाग्राम पर कई मीम पेज भी इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने वीडियो को InVid टूल में अपलोड करके और वीडियो से कीफ़्रेम प्राप्त करके जांच शुरू की।

इससे हमें YouTube पर वीडियो का एक स्पष्ट लंबा संस्करण मिला।

इसके बाद हमने इस वीडियो का इस्तेमाल स्क्रीनग्रैब प्राप्त करने के लिए किया और फिर उसी पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया।

इससे हमें 11 दिन पहले YouTube पर पोस्ट किया गया एक और वीडियो मिला।

हैशटैग में दिए गए विवरण से पता चलता है कि वीडियो बांग्लादेश का हो सकता है।

हमें यह वीडियो TikTok पर भी मिला।

हमें कुछ पोस्ट भी मिली जिनसे पता चला कि यह वीडियो बांग्लादेश का था।

बांग्लादेश में भी इस वीडियो को शेयर किया गया जिसमें बताया गया कि एक लुटेरे को पकड़कर उससे डांस करवाया गया। 11 अगस्त को अपलोड किए गए एक वीडियो को दस लाख से ज़्यादा बार देखा गया।

यह वीडियो ब्लड डोनेशन बांग्लादेश वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा फेसबुक पर भी साझा किया गया।

कैप्शन में लिखा था (अनुवाद): नाचो पागल, चाहे कोई भी हो, अगर तुम चोर, लुटेरे को पकड़ते हो, तो तुम्हें खुद के साथ खूब नाचना पड़ता है और तुम्हें नाचना पड़ता है।

फिर हमने बांग्लादेश के एक वरिष्ठ तथ्य जाँचकर्ता तौसीफ अकबर से संपर्क किया। उन्होंने हमारे साथ एक पोस्ट शेयर की जो सबसे पहले फेसबुक पर दिखाई दी थी।

राजशाही, बांग्लादेश के रहने वाले एमडी इदरीश अली ने वीडियो में दिख रहे व्यक्ति के कई वीडियो शेयर किए थे। कैप्शन में लिखा था (अनुवाद): भाई, यह क्या है?
रैगिंग का एक लेवल होता है
तुम लोगों ने उस लेवल को भी पार कर लिया है, वे हमेशा याद रखेंगे।

इस पोस्ट में चोर को पकड़े जाने और फिर लोगों द्वारा डांस करवाने के कई वीडियो थे।

तौसीफ ने भी पुष्टि की कि वीडियो बांग्लादेश का है।

निष्कर्ष: बांग्लादेश का वीडियो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पकड़े जाने के बाद चोर की रैगिंग के रूप में वायरल हो रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।