लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि व्हाट्सएप सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है। वीडियो में सड़कों पर भारी भीड़ दिखाई दे रही है। वीडियो के साथ दावा किया गया कि वीडियो में मुंबई के मुलुंड चेक नाका तक नासिक हाईवे पर ट्रैफिक दिख रहा है।
वीडियो को AIMIM की रैली बताया गया। जाँच के दौरान हमने पाया कि यह दावा भ्रामक है। यह वीडियो तिमोर-लेस्ते का है, मुंबई का नहीं।
क्या है दावा?
X यूजर रविचंद्रन ने वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ अपनी प्रोफ़ाइल पर शेयर किया।
अन्य यूजर भी यही वीडियो शेयर कर रहे हैं।
वीडियो को व्हाट्सएप ग्रुप पर भी शेयर किया गया।

जांच पड़ताल:
हमने वीडियो को डाउनलोड करके और उसे InVid टूल में अपलोड करके जांच शुरू की। हमने वीडियो से कीफ्रेम प्राप्त किए और प्राप्त स्क्रीनशॉट पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया।
हमें फेसबुक पेज पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला जिसका शीर्षक था: Tín thác – lòng Chúa thương xót

शीर्षक में कहा गया था: 10 सितंबर, 2024 की दोपहर को तिमोर-लेस्ते के टैसी टोलू में पोप फ्रांसिस की अध्यक्षता में आयोजित मास में 600,000 से अधिक लोग शामिल हुए। लोगों ने पोप को हाथ हिलाया।
हमें YouTube चैनल पर SAP News TL शीर्षक से वीडियो का एक लंबा संस्करण मिला।
यह वीडियो चार दिन पहले यहां अपलोड किया गया था और इसके दृश्य AIMIM रैली के रूप में शेयर किए जा रहे वीडियो से काफी मिलते-जुलते थे।
हमें यह वीडियो दूसरे फेसबुक पेज पर भी मिला।

हमें vaticannews.com पर तिमोर-लेस्ते की उनकी यात्रा के बारे में एक रिपोर्ट मिली।
सितंबर के महीने में उनकी यात्रा के बारे में कई रिपोर्टें थीं।

निष्कर्ष: पोप की यात्रा के लिए तिमोर-लेस्ते में एकत्रित भीड़ का वीडियो हाल ही में मुंबई में हुई AIMIM रैली के रूप में गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।