उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का नाम अक्सर लिया जाता है। जनरल बिपिन रावत की दिसंबर, 2021 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी।

मंगलवार को गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उत्तराखंड में ‘सेना के जवान और सेवानिवृत्त सेना कर्मियों के परिवार’ बड़ी संख्या में हैं। शाह ने कांग्रेस पर जनरल रावत को उचित सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया।

General Anil Chauhan CDS: गवाना गांव के हैं जनरल चौहान

वर्तमान में सीडीएस की जिम्मेदारी निभा रहे जनरल अनिल चौहान भी इसी क्षेत्र से संबंध रखते हैं। वह पौड़ी गढ़वाल के गवाना गांव के रहने वाले हैं। गवाना गांव जनरल बिपिन रावत के गांव से 120 किलोमीटर दूर है।

गवाना गांव के लोग सितंबर, 2022 के उन पलों को याद करते हैं, जब जनरल चौहान को सीडीएस के पद पर नियुक्त किया गया था। गवाना श्रीनगर से लगभग 16 किलोमीटर दूर है और उत्तराखंड के अन्य गांवों की तरह ही एक दूरस्थ गांव है। यहां के युवा रोजगार के लिए पलायन कर चुके हैं। हालांकि बुजुर्ग अभी भी गांव में रुके हैं। देश के रक्षा ढांचे का हिस्सा होने के बाद भी यह गांव केंद्र सरकार के द्वारा सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना की वजह से प्रभावित हुआ है।

गवाना गांव के 17 साल के युवा योगेश कपरूवान ने बताया कि उन्होंने सेना में जाने के अपने सपने के बदले होटल मैनेजमेंट में करियर बनाने का विकल्प चुना है। वह बताते हैं कि पहले वह ऐसे 8 से 10 लोगों को जानते थे जो सेना में जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन अब इनकी संख्या गिरकर 2 से 3 रह गई है।

योगेश स्पष्ट रूप से कहते हैं कि अब वह सेना में नहीं जाना चाहते।

इंडियन एक्सप्रेस की पारुल कुलश्रेष्ठ ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में राजस्थान के कूचामन कस्बे के बारे में बताया है कि अग्निपथ योजना लागू होने से पहले यह कस्बा सशस्त्र बलों में जाने का सपना देखने वाले अभ्यर्थियों से गुलजार रहता था लेकिन अब यहां के हालात बेहद निराशाजनक हैं। फोटो पर क्लिक कर पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

Agnipath yojna
कुचामन शहर में आखिरी बची ‘डिफेंस एकेडमी’ में से एक। (Parul Kulshrestha)

योगेश के चचेरे भाई नितिन ने भी 2 साल तक तैयारी करने के बाद सेना में जाने की कोशिश छोड़ दी है। 19 साल के नितिन बताते हैं कि हालांकि उन्होंने कुछ महीने पहले आवेदन किया था लेकिन अगर उनका चयन नहीं होता है तो वह अपने लिए होटल में काम ढूंढेंगे। उनके पिता उपेंद्र कपरूवान भी ऋषिकेश के होटल में बतौर कुक काम करते हैं।

नितिन कहते हैं कि जिन लोगों की हैसियत है, वे देहरादून, दिल्ली या उससे आगे भी होटल इंडस्ट्री की नौकरी के लिए जा सकते हैं। वह कहते हैं अब शायद ही गांव में कोई बचा हुआ है।

Agnipath protest: युवाओं ने किया था विरोध

केंद्र सरकार के द्वारा जून 2022 में अग्निपथ भर्ती योजना लाई गई थी। इसके विरोध में उत्तराखंड में जबरदस्त प्रदर्शन हुए थे। हालांकि सेना से जुड़े कुछ अधिकारियों का कहना था कि अग्निपथ के आने के बाद सेना में भर्ती होने वाले युवाओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।

उत्तराखंड में अग्निपथ योजना के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद इसमें शामिल युवाओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर दिए गए थे। लेकिन चुनाव में इससे होने वाले सियासी नुकसान के खतरे को भांपते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का आदेश दिया था।

इस सबके बाद भी बीजेपी यहां मतदाताओं की एक बड़ी पसंद बनी हुई है। नितिन कहते हैं कि वह इस चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे। वह कहते हैं कि उनके पास बीजेपी को वोट देने की कोई वजह नहीं है लेकिन वह मोदी को पसंद करते हैं।

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दर्शन सिंह चौहान। (Photo Source- Indian Express)

जनरल अनिल चौहान के चाचा दर्शन सिंह चौहान अपनी पत्नी मीना देवी के साथ गांव में ही रहते हैं। 58 साल के दर्शन सिंह चौहान बताते हैं कि लोगों के पास गांव में नहीं रहने की कई वजह हैं। इसमें से एक बड़ी वजह पानी की लगातार आपूर्ति न होना भी है। जबकि सरकार के द्वारा चलाई गई जल जीवन मिशन योजना के तहत यहां पाइप लाइन बिछाई गई हैं। इसके अलावा यहां अच्छी सड़कें भी नहीं हैं।

Agnipath yojna: ‘अग्निपथ योजना के फायदे भी हैं’

गांव में ही रहने वाले 61 साल के विनोद कपरूवाण कहते हैं कि अग्निपथ योजना के कुछ फायदे भी हैं। उनके मुताबिक पहला फायदा यह है कि 4 साल की ट्रेनिंग के बाद जो अग्निवीर रिटायर होंगे वह सेना में रहकर काफी कुछ सीख चुके होंगे और अनुशासित भी होंगे।

विनोद कहते हैं कि हालांकि अगर जरूरी हो तो अग्निपथ योजना में कुछ एडजस्टमेंट किये जा सकते हैं। विशेषकर बात जब नौकरी की सुरक्षा को लेकर हो। वह कहते हैं कि जब रिटायर्ड अग्निवीर का पहला बैच वापस आएगा तभी इस बात का पता चल सकता है कि इस योजना में क्या किसी बदलाव की जरूरत है। विनोद बताते हैं कि विपक्ष ने यहां अग्निपथ योजना को लेकर जिस तरह का प्रचार किया है, उससे कई युवा इस योजना को लेकर डर गए हैं।

BJP Ram Mandir: राम मंदिर की वजह से देंगे बीजेपी को वोट

विनोद के ही एक पड़ोसी ने अपनी पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर कहा कि अग्निपथ के अलावा बेरोजगारी, पलायन, बुनियादी सुविधाओं की कमी भी यहां की समस्या है। इसके अलावा पौड़ी गढ़वाल से कांग्रेस के उम्मीदवार गणेश गोदियाल ने इस इलाके में काफी काम किया है। लेकिन इसके बावजूद लोग बीजेपी को वोट देंगे। वह इसके पीछे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को वजह बताते हैं।

गवाना गांव से लगभग 35 किलोमीटर दूर मार्गदना गांव है। मेजर जनरल (रिटायर्ड) भुवन चंद्र खंडूड़ी इसी गांव से हैं। खंडूड़ी एक वक्त में उत्तराखंड बीजेपी के शीर्ष नेताओं में से थे और राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे। खंडूड़ी का गांव भी लगभग वीरान ही दिखाई देता है।

Bhuwan Chandra Khanduri: खंडूड़ी के बेटे-बेटी बीजेपी में

खंडूड़ी का नाम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए काम करने की वजह से चर्चा में आया। खंडूड़ी ब्राह्मण समुदाय से आते हैं लेकिन इस इलाके के ठाकुर मतदाताओं का भी उन्हें साथ मिला। इसके अलावा सेना में होने का फायदा भी उन्हें मिला।

खंडूड़ी अब राजनीति में सक्रिय नहीं हैं लेकिन उनकी बेटी रितु खंडूड़ी भूषण उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष हैं और उनके बेटे मनीष खंडूड़ी भी हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। मनीष खंडूड़ी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पौड़ी गढ़वाल सीट से चुनाव लड़ा था और तब उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।

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आनंद सिंह सजवान (Photo Source- Indian Express)

‘सेना में नहीं रहा पहले जैसा आकर्षण’

इसी गांव में रहने वाले 62 साल के आनंद सिंह सजवान बताते हैं कि उन्होंने जम्मू और कश्मीर में बतौर सैनिक सेवाएं दी हैं और अमृतसर में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार की कार्रवाई में भी हिस्सा लिया था। सजवान कहते हैं कि उन्हें इस बात का हमेशा पछतावा रहेगा कि उनके बेटे सेना में भर्ती होने के लिए जरूरी फिजिकल टेस्ट पास नहीं कर सके। सजवान यह भी मानते हैं कि सेना की नौकरी में पहले जैसा आकर्षण नहीं रहा।

Agnipath Scheme: सेना भर्ती वाला कोचिंग संस्थान बंद

पास के ही गांव चौरास में कुछ समय पहले सेना में भर्ती के लिए एक बड़ा कोचिंग संस्थान हुआ करता था। लेकिन अग्निपथ योजना आने के बाद यह बंद हो गया है। क्या इसका कोई असर चुनाव में वोटिंग पर भी पड़ेगा, इस बारे में सजवान कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में इसका ज्यादा असर दिखाई दे सकता है।

Anil Baluni Pauri Garhwal: बीजेपी ने दिया है बलूनी को टिकट

पौड़ी गढ़वाल सीट से बीजेपी ने राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज अनिल बलूनी को टिकट दिया है। अनिल बलूनी इस महीने की शुरुआत में चुनाव प्रचार के दौरान जनरल बिपिन रावत के गांव गए थे। इस दौरान उन्होंने अग्निपथ योजना पर बात नहीं की और कांग्रेस पर हमला बोला। बलूनी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जनरल बिपिन रावत के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

Uttarakhand Election 2024: कांग्रेस ने बनाया अग्निपथ को मुद्दा

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने अग्निपथ योजना के विरोध को मुद्दा बनाया है। हालांकि यह मुद्दा उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर चर्चा में नहीं आ सका क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव प्रचार से दूर रहे।

उत्तराखंड में लोकसभा की 5 सीटें हैं। इन सभी सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा।