लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी के नेताओं की नाराजगी और दर्द रह-रहकर सामने आ रहा है। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में यमुनापार के अध्यक्ष विनोद प्रजापति ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं ने पूरे मनोयोग से बूथों पर अपना काम नहीं किया।
वह यह कहने से भी नहीं चूके कि हम लोग समाजवादी पार्टी से नहीं अपनों से ही चुनाव लड़ रहे थे। बीजेपी के नेताओं और पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रही है।
इलाहाबाद की लोकसभा सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। यहां से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार उज्जवल रमण सिंह ने लगभग 59 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के उम्मीदवार नीरज त्रिपाठी को हराया है।
उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड, मणिपुर, पुडुचेरी, बिहार, और महाराष्ट्र तक में बीजेपी और एनडीए के भीतर विरोधी सुर सामने आ रहे हैं।पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी नेताओं की अंतरकलह सामने आई थी।
कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एससी, एसटी और ओबीसी के अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलने और उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मुद्दा उठाया था।
बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में फिर से सरकार बनाने के बाद राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई और राष्ट्रीय नेतृत्व का फोकस भी इस राज्य पर ही था।

बीजेपी के पूरी ताकत झोंकने और पूरब से लेकर पश्चिम तक सहयोगियों को जोड़कर चुनाव मैदान में उतरने के बाद भी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
यूपी में 29 सीटों का हुआ नुकसान
| राज्य | 2019 में मिली सीटें | गंवाई सीटें |
| उत्तर प्रदेश | 62 | 29 |
| महाराष्ट्र | 23 | 14 |
| पश्चिम बंगाल | 18 | 6 |
| राजस्थान | 25 | 11 |
| बिहार | 17 | 5 |
| कर्नाटक | 25 | 8 |
| हरियाणा | 10 | 5 |

केंद्र के सात, यूपी के दो मंत्री हारे चुनाव
उत्तर प्रदेश के नतीजे बीजेपी के लिए बेहद खराब रहे हैं। इसका पता इससे चलता है कि यहां पार्टी के सात केंद्रीय मंत्री और योगी सरकार के दो मंत्रियों को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
चुनाव हारने वाले केंद्रीय मंत्री
| लोकसभा सीट | हारे हुए पूर्व मंत्री का नाम | हार का अंतर |
| अमेठी | स्मृति ईरानी | 1.67 लाख |
| चंदौली | महेंद्र नाथ पांडे | 21,565 |
| मुजफ्फरनगर | संजीव बालियान | 24,672 |
| लखीमपुर खीरी | अजय मिश्रा टेनी | 34,329 |
| फतेहपुर | साध्वी निरंजन ज्योति | 33,199 |
| जालौन (एससी) | भानु प्रताप सिंह वर्मा | 53,898 |
| मोहनलालगंज (एससी) | कौशल किशोर | 70,292 |
यूपी सरकार के मंत्री हारे
| लोकसभा सीट | हारे हुए पूर्व मंत्री का नाम | हार का अंतर |
| मैनपुरी | डिंपल यादव | 2.21 लाख |
| रायबरेली | दिनेश प्रताप सिंह | 3.90 लाख |
मोदी और राजनाथ की जीत का अंतर घटा
हालात इतने खराब रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की जीत का अंतर भी 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले काफी गिर गया।
| लोकसभा सीट | उम्मीदवार का नाम | 2019 में जीत का अंतर | 2024 में जीत का अंतर |
| वाराणसी | नरेंद्र मोदी | 4.79 लाख | 1.52 लाख |
| लखनऊ | राजनाथ सिंह | 3.47 लाख | 1.3 लाख |
यूपी में इन जगहों पर भी सामने आई लड़ाई
पश्चिम उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर सीट पर हार के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच जुबानी जंग हुई। सलेमपुर सीट से चुनाव हारे रविंद्र कुशवाहा ने राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम और सहयोगी दल सुभाषपा के अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर निशाना साधा था।

झारखंड की दुमका लोकसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी रहीं सीता सोरेन ने अपनी हार के लिए पार्टी संगठन के नेताओं को खुलकर जिम्मेदार ठहराया था।

अब 10 सीटों पर होनी है टक्कर
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच जोरदार टक्कर होनी है। राज्य में अगले कुछ महीनों के भीतर 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही बीजेपी में कई राज्यों से चुनाव नतीजों को लेकर आवाज उठ रही है। कई जगहों पर लोकसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों ने अपनी हार के लिए पार्टी के नेताओं को ही दोषी ठहराया है।

किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा
ऐसा सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं हुआ है बल्कि झारखंड सहित अन्य प्रदेशों से भी हुआ है। राजस्थान में पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। किरोड़ी लाल मीणा कई बार मंत्री और विधायक रहे हैं और उनके इस्तीफा देने के बाद से ही राजस्थान बीजेपी के अंदर वरिष्ठ नेताओं की सरकार से नाराजगी को लेकर खबरें जोर-शोर से चल रही हैं।
किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी को देखते हुए उन्हें दिल्ली बुलाया गया और यहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे इस्तीफा देने की वजह के बारे में पूछा है। हालांकि किरोड़ी लाल मीणा पहले भी तीन बार इस्तीफा दे चुके हैं। पार्टी उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है।
