40 सदस्यों वाली यूपी भाजपा की टास्क फोर्स ने लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली हार की वजहों के बारे में बताया है। इसमें पार्टी की अंदरूनी लड़ाई से लेकर जातीय समीकरण और सरकारी कर्मचारियों के असहयोग को मुख्य वजह बताया गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश के 12 जिलाधिकारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है क्योंकि टास्क फोर्स ने बताया था कि इनका सरकारी कर्मचारियों पर जरूरी नियंत्रण नहीं था। लेकिन उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली हार पर और अधिक आत्मचिंतन की जरूरत है।

लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर जांच 29 फरवरी को हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से शुरू की जानी चाहिए थी। इस बैठक में उत्तर प्रदेश की 80 में से 50 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया गया था। चुनाव समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल थे।

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बदलापुर सीट से विधायक रमेश चंद्र मिश्रा। (Source-Rameshforbadlapur/FB)

समिति के सदस्यों को 2 घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा था क्योंकि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की लोक कल्याण मार्ग पर बैठक हुई थी और वहां उत्तर प्रदेश में 50 लोकसभा सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों के नामों की सूची तैयार कर ली गई थी।

जब आधिकारिक मीटिंग हुई तो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने ये नाम पढ़कर बताए तो इन्हें लेकर कुछ विरोध हुआ। एक आम विचार यह था कि ‘पार्टी जैसा सही समझे’।

उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों को मुश्किल से 20 मिनट में ही मंजूरी दे दी गई और इसमें लगभग 65% मौजूदा सांसद थे। पार्टी को ऐसा लगता था कि बीजेपी को इस बात का भरोसा था कि उत्तर प्रदेश में ‘डबल इंजन की सरकार’ अजेय है और यह उसकी जीत सुनिश्चित करेगी।

राजनीतिक दल 2024 में मिली सीटें2019 में मिली सीटें
बीजेपी 3362
सपा 375
कांग्रेस61
बीएसपी 010
रालोद2
अपना दल (एस)12
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम)1

योगी के सुझाव को किया नजरअंदाज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया था कि 35 मौजूदा सांसदों को बदल दिया जाना चाहिए लेकिन उनके इस सुझाव को नजरअंदाज कर दिया गया और पिछली बार जीते बीजेपी के 27 सांसद इस बार चुनाव हार गए।

यह भी ध्यान देने लायक बात है कि बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ का गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर के आसपास की सभी सीटों पर जीत दर्ज की है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से लगती हुई सीटों पर बीजेपी को हार मिली है।

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खराब नतीजों के बाद सामने आ रही कार्यकर्ताओं की नाराजगी। (Source-PTI)

उत्तर प्रदेश भाजपा की टास्क फोर्स ने वाराणसी और लखनऊ संसदीय सीटों का दौरा नहीं किया। अगर टास्क फोर्स के सदस्य वाराणसी गए होते तो उन्हें पता चलता कि वाराणसी और इसके आसपास के बड़े प्रोजेक्ट्स के ठेके उत्तर प्रदेश के ठेकेदारों को नहीं बल्कि पश्चिमी भारत के ठेकेदारों को दे दिए गए और इसे लेकर यहां पर अच्छी-खासी नाराजगी थी।

उत्तर प्रदेश भाजपा में मनमुटाव का संकेत इस बात से मिलता है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद लगभग एक महीने तक दिल्ली में ही रहे।