दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्र सरकार से यह अपील की है कि भारतीय करेंसी पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीर लगाई जाए, उनका मानना है कि इससे देश में “समृद्धि” आएगी।

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केजरीवाल के इस बयान के बाद भाजपा-कांग्रेस समेत देश भर से अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, गुजरात चुनाव से ठीक पहले भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की तस्वीर नोट पर छापने की उनकी मांग को हिन्दू वोट लुभाने और “सॉफ्ट हिंदुत्ववादी” की कथित छवि से बाहर आने के तरीके के तौर पर देखा जा रहा है। अक्टूबर 2021 में अरविंद केजरीवाल ने अयोध्या की तीर्थयात्रा की थी उस समय भी वहां उनके द्वारा दिए गए बयानों को लेकर इस ही तरह की चर्चाएं आम थीं। कब-कब आए हैं केजरीवाल इस तरह की राजनीति को लेकर चर्चा में, आइए जानते हैं।

केजरीवाल का अयोध्या दौरा

अक्टूबर 2021 में अरविंद केजरीवाल ने अयोध्या की तीर्थयात्रा की थी, वहां उनके माथे पर एक बड़ा सा ‘टीका’ लगा था। केजरीवाल ने अपनी इस यात्रा में कहा था कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे रामलला के सामने झुकने का मौका मिला और मैं चाहता हूं कि सभी को यह मौका मिले। मैं अपनी ताकत के मुताबिक यह कोशिश करूंगा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को यहां दर्शन करा सकूं। उन्होंने इस दौरान यह वादा भी किया था कि अगर यूपी में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो प्रदेश के सभी लोगों को अयोध्या में रामलला के मुफ्त में दर्शन कराए जाएंगे।

उनके इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कटाक्ष करते हुए कहा था “पहले केजरीवाल भगवान राम के बारे में गलत कहते थे, लेकिन अब जब उन्हें लगता है कि राम के बिना वे जीत नहीं पाएंगे, तो वे रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या आ रहे हैं, यह अच्छा है कि वे अब भगवान राम के महत्व को समझ रहे हैं। ऐसा कोई विपक्ष का नेता नहीं है जिसने 6 दिसंबर 1992 को स्वर्गीय बाबूजी कल्याण सिंह की आलोचना नहीं की थी, उन्होंने कभी राम के लिए कुछ नहीं किया, लेकिन अब चुनाव जीतने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।”

दिल्ली में यमुना के तट पर भगवान गणेश की पूजा

केजरीवाल ने अयोध्या यात्रा से कुछ वक़्त पहले ही कोरोना की महामारी के दौरान अपनी पत्नी के साथ यमुना के तट पर भगवान गणेश की पूजा की थी, जिसका सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि सभी को अपने बच्चों में आध्यात्मिकता और देशभक्ति के इस मिश्रण को विकसित करना चाहिए। यह त्यौहार हम सब भारतवासियों को एकजुट होकर तमाम परेशानियों और परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति देता है।

“मैं राम और हनुमान का भक्त”

एक साल पहले दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने भाषण देते हुए कहा था कि उनकी सरकार दिल्ली की सेवा करने के लिए रामराज्य से प्रेरित 10 सिद्धांतों का पालन करती है और वह राम और हनुमान के भक्त हैं। उन्होने वादा भी किया था कि अयोध्या में बन रहा राम मंदिर तैयार हो जाएगा तो वे दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को वहाँ की मुफ्त तीर्थ यात्रा कराएंगे।

“श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन हुआ था मेरा जन्म”

हाल ही में गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल ने एक बयान में कहा था कि जिस दिन मेरा जन्म हुआ, उस दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी थी। मुझे भगवान ने एक स्पेशल काम देकर भेजा है। वो है इन ‘कंस की औलादों’ का नाश करने के लिए है।

गुजरात के ही दाहोद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर आम आदमी पार्टी गुजरात में सत्ता में आती है, तो वह भगवान राम के दर्शन के इच्छुक लोगों की अयोध्या यात्रा का पूरा खर्च वहन करेगी।

दिल्ली में राम मंदिर की रेप्लिका बनवाई

2021 में दीपावली के दौरान अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अक्षरधाम में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की अनुकृति-रेप्लिका बनवाई थी और वहां उन्होंने अपने परिवार के साथ लक्ष्मी पूजन भी किया था। एक बार वह इंटरव्यू के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ भी कर चुके हैं। साथ ही उत्तराखंड चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल ने राज्य को पूरी दुनिया के हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक राजधानी बनाए जाने का वादा भी किया था। 2021 में गोवा के चुनाव से पहले केजरीवाल ने वहां के हिंदुओं को मुफ्त में अयोध्या ले जाने की बात कही थी। यह कुछ ऐसे उदाहरण है जिन्हें अरविंद केजरीवाल की राजनीति के बदलते हुए रूप के तौर पर देखा जा सकता है।