Fahad Ahmad NCP Ticket Anushakti Nagar: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में तमाम बड़े चर्चित चेहरों के बीच एक चेहरा फहद अहमद का भी है। फहद अहमद को विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने को एक बड़ा सरप्राइज माना जा रहा है। फहद अहमद महाराष्ट्र में सपा की युवा शाखा के अध्यक्ष रहे हैं लेकिन उन्हें टिकट एनसीपी (शरद पवार) से मिला है। फहद का यह पहला विधानसभा चुनाव है। वह अणुशक्ति नगर से चुनाव लड़ रहे हैं।

यहां से महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की बेटी सना मालिक भी चुनाव लड़कर अपना राजनीतिक करियर शुरू कर रही हैं। सना मालिक एनसीपी (अजित पवार) के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में लगभग हर सीट पर टिकट के लिए जोरदार लड़ाई चल रही है। महा विकास अघाड़ी (MVA) और महायुति में शामिल दलों के बीच भी एक-एक सीट को लेकर जबरदस्त झगड़ा है।

महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक खबरों के मुताबिक, बीजेपी ने अजित पवार के गुट वाली एनसीपी से कहा था कि उसे नवाब मलिक को चुनाव मैदान में नहीं उतारना चाहिए क्योंकि बीजेपी ने नवाब मलिक पर आरोप लगाया था कि उनके अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध हैं। नवाब मलिक को 2022 में ईडी ने मनी लांड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था और वह 18 महीने तक जेल में रहे थे।

ऐसा माना जा रहा है कि नवाब मलिक ने बीजेपी की मांग को देखते हुए अणुशक्ति नगर से खुद के बजाय अपनी बेटी सना मलिक को टिकट दिलवा दिया लेकिन बाद में खुद भी मानखुर्द शिवाजी नगर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।

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कौन हैं फहद अहमद?

फहद अहमद की उम्र 32 साल है और वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले हैं। वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज के पूर्व छात्र हैं।

फहद अहमद ने 2018 में मुंबई में एससी-एसटी और ओबीसी के छात्रों के लिए फीस माफी वापस लेने के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। यहां से उन्हें काफी चर्चा मिली थी। वह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मुंबई में हुए विरोध प्रदर्शनों का चेहरा भी बने थे।

जुलाई, 2022 में वह सपा में शामिल हुए थे और पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र में युवा शाखा का अध्यक्ष बनाया था। फहद अहमद का कहना है कि वह देश का बंटवारा करने वाली ताकतों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

अबू आजमी और नवाब मलिक की लड़ाई

फहद अहमद को टिकट मिलने के पीछे वजह महाराष्ट्र की सियासत के दो बड़े मुस्लिम नेताओं के बीच की खींचतान है। ये नेता हैं सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अबू आजमी और एनसीपी नेता नवाब मलिक। नवाब मलिक अबू आजमी के निर्वाचन क्षेत्र मानखुर्द शिवाजी नगर से चुनाव लड़ रहे हैं। इसे देखते हुए आजमी ने एनसीपी (शरद पवार) से फहद अहमद को उम्मीदवार बनाने के लिए कहा और तुरंत ही फहद को अणुशक्ति नगर से एनसीपी (एसपी) का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।

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सपा से शुरू की थी मलिक और आजमी ने राजनीति

नवाब मलिक और अबू आजमी के बीच पुरानी राजनीतिक लड़ाई है। दोनों ने ही सपा से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी हालांकि कुछ सालों बाद दोनों के राजनीतिक रिश्ते खराब हो गए। अक्टूबर, 2001 में अबू आजमी ने नवाब मलिक को सपा से बाहर कर दिया और नवाब मलिक शरद पवार के नेतृत्व वाली अविभाजित एनसीपी में शामिल हो गए थे।

नवाब मलिक इस विधानसभा चुनाव में मानखुर्द शिवाजी नगर से चुनाव लड़ रहे हैं। मानखुर्द शिवाजी नगर से समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी भी चुनाव लड़ रहे हैं। वह तीन बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं। निश्चित रूप से इससे इस इलाके में मुस्लिम मतदाताओं का वोट इन दोनों बड़े नेताओं के बीच बंट जाएगा। लेकिन अणुशक्ति नगर में फहद अहमद के चुनाव लड़ने की वजह से सना मलिक को नुकसान हो सकता है।

मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा सीट पर 53% जबकि अणुशक्ति नगर में 23% मुस्लिम मतदाता हैं। फहद अहमद को शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस का गठबंधन होने की वजह से अच्छी संख्या में मुस्लिम वोट मिल सकते हैं।

बीजेपी के इशारे पर चुनाव लड़ रहे मलिक?

चुनाव के दौरान चलने वाली चर्चाओं में एक चर्चा यह भी है कि क्योंकि बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी का गठबंधन है इसलिए कुछ लोग इस बात से भी इनकार नहीं करते कि नवाब मलिक के अबू आजमी के खिलाफ चुनाव लड़ने के फैसले के पीछे बीजेपी का हाथ हो सकता है।

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शिवाजी मानखुर्द नगर के रहने वाले इदरीस सैयद कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय इस तरह के चुनावी घटनाक्रम से खुश नहीं है और नवाब मलिक के यहां से चुनाव लड़ने को उनका समुदाय मुस्लिम वोटों में बंटवारा करने और अबू आजमी को कमजोर करने की रणनीति के रूप में देखता है।