सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (9 जुलाई) को पतंजलि आयुर्वेद को यह सबूत देने का निर्देश दिया था कि उसने अप्रैल में उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग विभाग द्वारा प्रतिबंधित उसके 14 प्रॉडक्ट्स की बिक्री और विज्ञापन बंद कर दिए हैं। इस दौरान कंपनी ने दावा किया कि उसने सभी स्टोर मालिकों, विज्ञापन आउटलेटों को उन उत्‍पादों की ब‍िक्री रोकने संबंधी सर्कुलर दे द‍िया था और मीड‍िया के जर‍िए भी इसे प्रचार‍ित कर द‍िया था। लेक‍िन, एनडीटीवी और हिंदुस्तान टाइम्स के स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया गया है कि बैन किए गए प्रॉडक्‍ट्स अभी भी स्टोर्स में खुलेआम बिक रहे हैं।

खुलेआम बिक रहे बैन प्रॉडक्ट्स

एनडीटीवी का दावा है क‍ि उसके स्टिंग ऑपरेशन में पता चला है कि जिन 14 प्रॉडक्‍ट्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें से अधिकांश दिल्ली-एनसीआर और कई अन्य राज्यों में पतंजल‍ि के फ्रेंचाइजी स्टोर्स पर ग्राहकों के लिए उपलब्ध हैं।

वहीं,हिंदुस्तान टाइम्स में भी दावा है क‍ि चार शहरों- दिल्ली, लखनऊ, पटना और देहरादून में पतंजलि स्टोर्स में जाने पर उसे वे अधिकांश उत्पाद ब‍िकते म‍िले, ज‍िन्‍हें बैन करने का आदेश है।

इस दौरान स्वासारि वटी, दृष्टि आई ड्रॉप्स, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट सहित कई उत्पाद दुकानों में पाए गए। जब पूछताछ की गई तो दुकानदार ने कहा कि उसे ये प्रॉडक्‍ट्स बेचना बंद करने के लिए नहीं कहा गया है।

14 पतंजलि प्रोडक्ट्स पर लगा था बैन

दरअसल, अप्रैल में उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने 14 पतंजलि आयुर्वेद, दिव्य फार्मेसी उत्पादों पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया है और 15 अप्रैल को उसी संबंध में आदेश जारी किया है। नियमों का बार-बार उल्लंघन करने पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 159(1) के तहत यह कार्रवाई की गई है।

शीर्ष अदालत का मंगलवार का आदेश उत्तराखंड सरकार के हलफनामे के बावजूद पारित किया गया, जिसमें अदालत को सूचित किया गया था कि 15 अप्रैल को लगाया गया प्रतिबंध राज्य के एक अन्य विभाग द्वारा प्रक्रियात्मक आधार पर रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद 8 जुलाई को पतंजलि को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। हालांकि, पतंजलि के वकील ने कहा कि कंपनी को अभी तक प्रतिबंध हटाने के संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है और कंपनी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से बंधी हुई है।

पतंजलि को दाखिल करना होगा हलफनामा

पतंजलि आयुर्वेद ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने उन 14 उत्पादों की बिक्री बंद कर दी है जिनके लाइसेंस अप्रैल में उत्तराखंड में एक राज्य प्राधिकरण द्वारा निलंबित कर दिए गए थे।

योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा स्थापित कंपनी ने जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ को बताया कि उसने 5,606 फ्रेंचाइजी स्टोरों से वो 14 प्रॉडक्‍ट्स वापस लेने को कहा है। साथ ही पतंजलि आयुर्वेद ने यह भी कहा कि उसने सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इन उत्पादों के विज्ञापन वापस लेने के लिए कहा है।

अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को एक हलफनामा दाखिल कर यह बताने का आदेश दिया कि बैन किए गए 14 उत्‍पादों की ब‍िक्री रोक दी गई है। पतंजलि के वकीलों ने हलफनामा दाखिल करने के निर्देश को स्वीकार कर लिया है। यह हलफनामा दो सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाना है। मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।

गौरतलब है कि अदालत एलोपैथी के खिलाफ बोलने वाले वाले और कुछ बीमारियों के इलाज के दावे करने वाले पतंजलि के विज्ञापनों के खिलाफ आईएमए द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है।

इन पतंजलि प्रॉडक्‍ट्स को किया गया है बैन

1. स्वसारि गोल्ड (Swasari Gold)
2. स्वसारि वटी (Swasari Vati)
3. ब्रोंकोम (Bronchom)
4. स्वसारि प्रवाही (Swasari Pravahi)
5. स्वासारी अवलेह (Swasari Avaleh)
6. मुक्तावटी एक्स्ट्रा पावर (MuktaVati Extra Power)
7. लिपिडोम (Lipidom)
8. बीपी ग्रिट (Bp Grit)
9. मधुग्रिट (Madhugrit)
10. मधुनाशिनीवटी एक्स्ट्रा पावर (MadhunashiniVati Extra Power)
11. लिवामृत एडवांस (Livamrit Advance)
12. लीवोग्रिट (Livogrit)
13. आईग्रिट गोल्ड (Eyegrit Gold)
14. पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप (Patanjali Drishti Eye Drop)

पतंजलि फूड्स को राहत

वहीं, दूसरी ओर पतंजलि फूड्स को राहत देते हुए, बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते कंपनी के कच्चे पाम तेल के आयात पर लगाए गए 62 लाख रुपये के बढ़े हुए सीमा शुल्क के आदेश को रद्द कर दिया। जस्टिस केआर श्रीराम और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने पाया कि तेल पर जो कस्टम ड्यूटी जो 13 मई, 2021 को रात 8.20 बजे से 9 बजे के बीच लगाई गयी थी उसे उसी दिन लगभग 9.24 बजे जारी एक टैरिफ अधिसूचना के आधार पर और बढ़ा दिया गया था। कोर्ट ने माना कि बढ़ी हुई ड्यूटी लगाना कानून के खिलाफ है। हौरतलब है कि पतंजलि आयुर्वेद समूह समूह का हिस्सा, पतंजलि फूड्स मुख्य रूप से खाद्य तेल व्यवसाय में शामिल है।