राष्ट्रपति भवन में दाल रायसीना की शुरुआत करने वाले शेफ मचीन्द्र कस्तुरे मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 60 वर्ष के थे। कस्तुरे के परिवार में उनकी पत्नी, बेटी और बेटा हैं। पत्नी हेमलता मराठी न्यूज रीडर हैं। बेटी वेदवंती मुंबई में सहायक फिल्म निर्देशक हैं। बेटा वैष्णव एक प्रमुख होटल चेन में मैनेजमेंट ट्रेनी हैं।

मचीन्द्र कस्तुरे ने राष्ट्रपति भवन में एग्जीक्यूटिव शेफ के तौर पर प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को बेहतरीन शाकाहारी और प्रणब मुखर्जी को स्वादिष्ट मांसाहारी भोजन परोसा।

तीन दशक का अनुभव

महाराष्ट्र के पुणे निवासी शेफ मचीन्द्र कस्तुरे को तीन दशक से अधिक का अनुभव था। कस्तुरे भारतीय व्यंजन, मेन्यू प्लानिंग, प्रोफेशनल किचन सेटअप, फूड एंड बेवरेज प्रोडक्शन, वीआईपी आउटडोर कैटरिंग और बैंक्वेट ऑपरेशंस में कुशल माने जाते थे। उन्हें वर्ष 2014-15 का सर्वश्रेष्ठ शेफ का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। इसके अलावा वह वर्ष 2019 में गोल्डन हैट से सम्मानित किए जा चुके थे।

गोल्डन हैट सम्मान के साथ मचींद्र कस्तुरे (Photo Credit – Facebook/chefkasture)

दाल रायसीना का प्रयोग

मचींद्र कस्तुरे को राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने आमटी और पूरन पोली का सादा खाना परोसने और शाकाहारी भोजन पकाने के लिए चुना था।

प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से पहले प्रत्येक राष्ट्रपति अपने रसोइए को राष्ट्रपति भवन में लाते थे। कस्तुरे को साल 2007 में भारतीय पर्यटन विकास निगम से प्रतिनियुक्ति पर लाया गया था, जहां वह नई दिल्ली स्थित द अशोक में कार्यकारी शेफ के रूप में काम कर रहे थे। प्रेसिडेंट हाउस में नियुक्ति पहले उन्हें कुछ टेस्ट पास करना पड़ा था, जिसके बाद 8 साल के टेन्योर पर एग्जीक्यूटिव शेफ रखा गया था।

कस्तुरे ने राष्ट्रपति की रसोई का आधुनिकीकरण किया। उन्होंने ने ही राष्ट्रपति भवन में कॉम्बी ओवन की शुरुआत की थी, जिसमें एक साथ और बड़ी मात्रा में खाना पकाया जा सकता है।

कस्तुरे ने राष्ट्रपति भवन में रहते हुए खानों के साथ की प्रयोग भी किया। उन्होंने साधारण काले नमक का उपयोग करके, अंजीर कोफ्ते और मां की दाल का एक प्रकार ‘दाल रायसीना’ जैसे विशेष व्यंजन बनाया था। कस्तुरे विदेश यात्राओं पर राष्ट्रपति पाटिल के साथ जाते थे।

जब प्रणव मुखर्जी ने की अनोखे डिश की मांग

बात उस वक्त की है, जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे। वह स्वीडन की यात्रा से लौटे थे। उन्होंने कस्तुरे के कामने कैवियार की मांग रख दी। उस वक्त तक कैवियार का दिल्ली में आसानी से मिलना मुश्किल था। कैवियर ‘अनफर्टिलाइज्ड एग’ होता है। आसान भाषा में कहें तो यह कुछ विशेष प्रजातियों की मछलियों का अंडा होता। ब्लैक, ऑलिव ग्रीन, ग्रे और ऑरेंज कलर में पाए जाने वाले कैवियार की कीमत उसकी क्वालिटी पर निर्भर करती है। यह 8000 से 18,000 रुपये प्रति 30 ग्राम का मिलता है।

प्रणव मुखर्जी की मांग को पूरा करने के लिए कस्तुरे को काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि वह कामयाब हुए और कैवियार को तीन अलग-अलग व्यंजनों में पेश किया। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कैवियार का आनंद लिया और कहा कि वह इसे एक सप्ताह के लिए दोपहर के भोजन के मेनू के हिस्से के रूप में लेना चाहेंगे।

राष्ट्रपति भवन का कार्यकाल

मचीन्द्र कस्तुरे ने राष्ट्रपति भवन में एग्जीक्यूटिव शेफ के तौर पर आठ साल काम किया। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे वीवीआईपी कार्यक्रमों में 2000-2500 लोगों के खान-पान का सफल आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने भारत और विदेश के कई प्रमुख मेहमानों को तरह-तरह का व्यंजन परोसा।

राष्ट्रपति भवन में रहते हुए उन्होंने अतिथि राष्ट्राध्यक्षों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के लिए 110 सफल वीवीआईपी औपचारिक राजकीय भोज का आयोजन किया।

कस्तुरे ने 2015 के गणतंत्र दिवस के मौके पर अतिथि के रूप में आए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा लिए भी भोजन पकाया था। हालांकि कस्तुरे नवंबर 2010 में भी ओबामा को खाना परोस चुके थे, जब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 125 लोगों के लिए मुगल गार्डन में स्टेट डिनर का आयोजन किया था।

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर एक आधिकारिक राजकीय भोज का आयोजन किया गया था, जिसमें कई डिप्लोमैट्स, राजनेता और वीवीआईपी शामिल हुए थे। उस भोज का आयोजन भी कस्तुरे की निगरानी में ही हुई थी।

पढ़ाई लिखाई और शुरुआत

मचीन्द्र कस्तुरे ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई ह्यूमैनिटीज में सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी से की थी। 1983 में उन्होंने मुंबई के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड केटरिंग टेक्नोलॉजी से डिप्लोमा किया। कस्तुरे के भीतर खाना बनाने का शौक अपनी मां को देखकर जगा।