लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन करने के बाद सपा की नजर अब हरियाणा पर है। सपा हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर दावेदारी कर रही है और वह चाहती है कि कांग्रेस उसके लिए इन सीटों को छोड़ दे। लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी तक सपा को इस मामले में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है जबकि विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है और 5 सितंबर से राज्य में नामांकन भी शुरू होने हैं।
ऐसे में हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहा है कि क्या सपा और कांग्रेस के बीच हरियाणा में भी चुनावी गठबंधन हो सकता है? याद दिलाना होगा कि उत्तर प्रदेश में दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा था और इसके बेहतर नतीजे देखने को मिले थे।
2024 में हुआ बीजेपी को बड़ा नुकसान
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 33 | 62 |
सपा | 37 | 5 |
कांग्रेस | 6 | 1 |
बीएसपी | 0 | 10 |
रालोद | 2 | – |
अपना दल (एस) | 1 | 2 |
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) | 1 | – |
हरियाणा में सपा के विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें मांगने के तार उत्तर प्रदेश के उपचुनाव से जुड़े हुए हैं। उत्तर प्रदेश में जल्द ही 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है और यहां कांग्रेस की कोशिश सपा से कुछ सीटें झटकने की है।
राजनीतिक गलियारों में चल रही खबरों के मुताबिक, हरियाणा में कांग्रेस अगर सपा के लिए नरम रूख दिखाएगी तभी सपा भी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए बड़ा दिल दिखाएगी।

हरियाणा में तीन से पांच सीटें मांग रही सपा
हरियाणा में सपा तीन से पांच सीटों की मांग कर रही है। हरियाणा में अहीरवाल के इलाके में यादव मतदाताओं की अच्छी संख्या है। अहीरवाल में गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, पटौदी, नारनौल, नांगल चौधरी, बावल, कोसली और अटेली विधानसभा सीटें आती हैं।
इसके अलावा नूंह जिले में पड़ने वाली तीन विधानसभा सीटों- नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना में मुस्लिम मतदाता निर्णायक हैं। यादव व मुस्लिम मतदाताओं को मूल रूप से सपा का समर्थक माना जाता है इसलिए इस समीकरण को देखते हुए सपा कुछ सीटों पर अपनी दावेदारी जता रही है।
खबरों के मुताबिक, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले में कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से बातचीत की है।

कांग्रेस नहीं दिखती तैयार
कांग्रेस सपा को हरियाणा में विधानसभा सीटें देने के लिए तैयार नहीं दिखाई देती। राज्य में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का सपा से गठबंधन है लेकिन हरियाणा में गठबंधन को लेकर किसी भी राजनीतिक दल से कोई बातचीत नहीं हुई है।
पिछले महीने हिसार में आयोजित कांग्रेस की एक रैली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र और रोहतक से लोकसभा के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि समाजवादी पार्टी का हरियाणा में कोई जनाधार नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर तो हमारा सपा के साथ गठबंधन है लेकिन राज्य के स्तर पर अखिलेश यादव की अगुवाई वाले इस दल के साथ कोई गठबंधन नहीं है।
लोकसभा चुनाव में दिल्ली, हरियाणा में किया था गठबंधन
यहां बताना जरूरी होगा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। 10 लोकसभा सीटों वाले हरियाणा में कांग्रेस ने 9 और आम आदमी पार्टी ने एक सीट पर चुनाव लड़ा था लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से यह ऐलान कर दिया था कि वह हरियाणा के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। हरियाणा के साथ ही दिल्ली में भी इन दोनों ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था।

एक-एक सीट भी है बेहद अहम
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को ऐसी उम्मीद है कि वह राज्य की सत्ता में 10 साल से बैठी भाजपा को हटा सकती है। 90 सीटों वाले हरियाणा में कांग्रेस जानती है कि उसके लिए एक-एक सीट भी बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए पार्टी हर सीट पर पूरी ताकत और संसाधन जुटाकर चुनाव लड़ना चाहती है।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुआ नुकसान
राजनीतिक दल | विधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट |
कांग्रेस | 15 | 1 | 31 | 0 | 5 |
बीजेपी | 47 | 7 | 40 | 10 | 5 |
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का घटा
राजनीतिक दल | लोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में) | लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में) |
कांग्रेस | 28.51 | 43.67 |
बीजेपी | 58.21 | 46.11 |
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में सपा के द्वारा सीटें मांगे जाने का उत्तर प्रदेश के उपचुनाव से सीधा कनेक्शन यह है कि हरियाणा में अगर कांग्रेस मजबूत है तो उत्तर प्रदेश में सपा मजबूत है। उत्तर प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनके नाम- फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी और सीसामऊ हैं।
यूपी में चार से पांच सीटें मांग रही कांग्रेस
जिस तरह सपा हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें मांग रही है, इसी तरह कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश में 10 में से कम से कम चार से पांच सीटों पर मजबूती से दावेदारी कर रही है। इसे लेकर वह सपा से ज्यादा एक्टिव है और इन सभी विधानसभा सीटों पर सपा से पहले ही प्रभारी भी घोषित कर चुकी थी।

बड़े नेता सुलझाएंगे मसला
अगर कांग्रेस हरियाणा में सपा को कुछ सीटें नहीं देती है तो उत्तर प्रदेश में सपा अपना रुख सख्त कर सकती है। यह कहा जा सकता है कि अगर कांग्रेस सपा को हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें नहीं देती है तो पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में सपा से कुछ सीटें हासिल कर पाना मुश्किल हो जाएगा। इस मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आगे बढ़कर कोई हल निकाल सकते हैं।
बीजेपी के साथ मिलकर लड़ेगी हलोपा
दूसरी ओर, बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में गोपाल कांडा के नेतृत्व वाली हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। हालांकि हलोपा के साथ अभी सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत फंसी हुई है क्योंकि हलोपा छह सीटों पर दावेदारी कर रही है लेकिन बीजेपी उसे अधिकतम दो से ज्यादा सीटें नहीं देना चाहती।