सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल (Supreme Court Bar Counsil) के अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट विकास सिंह (Advocate Vikas Singh) ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ( CJI DY Chadrachud) को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के सदस्यों के जीवन और आजीविका से जुड़े मसले की लिस्टिंग के संबंध में पत्र लिखा है। एडवोकेट विकास सिंह ने कहा है कि हमारे साथ भी सामान्य याचिकाकर्ताओं जैसा व्यवहार किया जा रहा है और भेदभाव बरता जा रहा है। जिस तरह की तरजीह मिलनी चाहिए, वैसी नहीं मिल रही है।

क्या-क्या लिखा है चिट्ठी में?

सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने CJI चंद्रचूड़ को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि ‘हमारे साथ जिस तरीके का भेदभाव किया जा रहा है, उम्मीद है कि ऐसी स्थिति न पैदा हो कि हमें अपनी मांग के लिए प्रदर्शन का सहारा लेना पड़े…’। विकास सिंह ने अपने खत में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट में हमेशा से यही प्रैक्टिस रही है कि किसी भी दिन लिस्ट मामले को उसी दिन सुना जाता है और सामान्य मामलों को उस दिन लिस्ट मामलों पर तरजीह देकर सुनवाई नहीं होती है।

जो मामले लिस्ट में होते हैं, कई बार उसके याचिकाकर्ता बहुत दूर या दूसरे शहरों से आते हैं, वकीलों को भी बहुत तैयारी करनी पड़ती है।

Live Law की एक रिपोर्ट के मुताबिक एडवोकेट विकास सिंह (Advocate Vikas Singh) ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि ‘एक वकील के जीवन में उसका चेंबर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस एनवी रमन्ना के कार्यकाल में ही निर्धारित जमीन पर चैंबर्स का 40% साइट प्लान तैयार हो गया था। वह खुद चेंबर ब्लॉक की नींव रखना चाहते थे। सुप्रीम कोर्ट के सबसे नजदीक यही आखिरी खाली जमीन है। बार काउंसिल ने रिट पिटिशन इसलिये डाली थी, ताकि पूरे 1.33 एकड़ जमीन पर चैंबर्स का निर्माण किया जा सके। इस मामले में देरी से वकीलों और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों की आजीविका पर प्रभाव पड़ रहा है…’।

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने SC में एक याचिका दाखिल की है और मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डेवलपमेंट को यह आदेश देने की मांग की है कि वह सुप्रीम कोर्ट के पीछे स्थित 1.33 एकड़ जमीन को सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का चेंबर बनाने के लिए आवंटित करने का आदेश दे।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 12 सितंबर 2022 को मंत्रालय को नोटिस जारी किया था और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 3 नवंबर निर्धारित की थी। हालांकि बाद में मामला 21 नवंबर के लिए स्थगित कर दिया गया था और उस दिन भी सुनवाई नहीं हुई थी। मामले की अगली डेट 9 जनवरी 2023 की थी, लेकिन उस दिन बेच 4.30 बजे ही उठ गई थी और मामले की सुनवाई नहीं हो पाई थी। 10 जनवरी को दोबारा मामला मेंशन हुआ लेकिन सुनवाई के लिए कोई डेट नहीं मिली थी।

इसी मामले पर CJI दे चुके हैं नसीहत

एडवोकेट विकास सिंह ने 10 जनवरी को भी CJI चंद्रचूड़ के सामने इस मामले को उठाया था। बाद में CJI चंद्रचूड़ ( CJI DY Chadrachud) ने एडवोकेट विकास सिंह की प्रतिक्रिया पर तीखी टिप्पणी की थी और कहा था कि हमारी कोर्ट में हम जैसा नियम बनाएंगे वहीं प्रैक्टिस होगी, कोई हमें डिक्टेट करने की कोशिश ना करें। (पूरी खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…)