जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने कहा है कि उन्हें पहले से डर था कि ऐसा कुछ (सीबीआई रेड) हो सकता है और इस वजह से उन्होंने अपने किताब की पांडुलिपि पहले ही सुरक्षित जगह पर रखवा दी थी।
मलिक के घर सहित कुछ ठिकानों पर 22 फरवरी को सीबीआई ने छापा मारा था। मलिक कुछ दिनों से अस्पताल में पैर का इलाज करवा रहे हैं। सीबीआई की कार्रवाई के बाद उन्होंने अस्पताल से ही इंडियन एक्सप्रेस से बात की।
उन्होंने छापेमारी की टाइमिंंग को लेकर कहा कि यह लोकसभा चुनाव से जुड़ी है। सरकार चाहती है कि उसके आलोचकों की आवाज दबाई जाए।
किताब कब छपवाएंगे सत्यपाल मलिक?
सत्यपाल मलिक ने बताया कि उनकी आने वाली किताब का संभावित नाम ‘द ट्रुथ अबाउट कश्मीर’ है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कश्मीर पर अपनी आने वाली किताब के बारे में एक सार्वजनिक सभा में बात की थी। इस तरह लोगों को इस बारे में पता चला। मुझे अहसास हो गया था कि किताब की 200 पन्नों की पांडुलिपि घर पर रखना ठीक नहीं रहेगा। आज की छापेमारी से यह साबित हो गया कि मैं सही था। चुनाव की घोषणा हो जाने और आचार संहिता लागू हो जाने के बाद मैं तत्काल किताब छपने के लिए दे दूंगा। कई प्रकाशक इसे छापने के लिए मेरे संपर्क में हैं।’
क्या-क्या ले गए CBI वाले?
छापे के दौरान बरामदगी या जब्ती के बारे में मलिक ने बताया कि उन्हें उनके स्टाफ ने बताया कि कुछ कागजात ले जाए गए हैं, लेकिन कंप्यूटर जब्त नहीं किया गया है, क्योंकि वह कंप्यूटर इस्तेमाल ही नहीं करते।
मलिक ने बताया कि ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ अफसरों ने सीबीआई को इस बात के सबूत दिए हैं कि जिस प्राइवेट कंपनी को ठेका दिया गया है उसका चयन तत्कालीन राज्यपाल के निर्देश पर किया गया था, यह सरासर गलत है। इस आरोप का कोई आधार नहीं है।
मलिक ने यह भी कहा, ‘मैं चार राज्यों में राज्यपाल रहा। जम्मू-कश्मीर के बाद भी दो राज्यों का राज्यपाल बनाया गया। क्या मैं कभी ऐसे भ्रष्टाचार में शामिल होऊंगा? अगर मैंने भ्रष्टाचार किया होता तो क्या मुझे दो और राज्यों का राज्यपाल बनाया जाता?
क्यों हुई छापेमारी?
सीबीआई ने 22 फरवरी, 2024 को देश के आठ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश में 30 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था। इनमें से तीन सत्यपाल मलिक से जुड़े थे। उनके दिल्ली, गुरुग्राम और बागपत (यूपी) स्थित घरों पर अफसरों ने दबिश दी थी। यह कार्रवाई जम्मू डिविजन के किश्तवाड़ जिले में चल रही कीरू पनबिजली परियोजना से जुड़ा एक ठेका दिए जाने में कथित रूप से भ्रष्टाचार किए जाने के मामले में की गई।
मलिक ने पहले भी जांच पर जताया था असंतोष
सत्यपाल मलिक ने अगस्त 2023 के आखिरी सप्ताह में जनसत्ता.कॉम के संपादक विजय कुमार झा से बातचीत में भी किताब लिखने की अपनी योजना के बारे में बताया था। साथ ही, कीरू पनबिजली परियोजना से जुड़े मामले की जांच को लेकर भी अपना पक्ष रखा था। ये है इंटरव्यू का पूरा वीडियो:
सीबीआई की कार्रवाई पर मलिक ने कहा कि वह तो असल में इस मामले को सामने लाने वाले शख्स हैं। यह तो वही मामला है जिसके बारे में मैंने कहा था कि 150 करोड़ रुपए का ऑफर था, लेकिन मैंने फाइल पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया था। मैंने जिन लोगों के नाम लिए थे, उन पर कार्रवाई करने के बजाय सीबीआई ने मामला सामने लाने वालों को ही निशाना बनाने और परेशान करने का फैसला किया है।