नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला। नतीजे आने के करीब एक महीने बाद से ही लगातार भाजपा नेताओं के मुसलमानों पर हमले बोलने वाले बयान आ रहे हैं। भाजपा की मार्गदर्शक संस्था माने जाने वाले आरएसएस की ओर से सबको जनादेश का सम्मान करने का संदेश देने के बावजूद भाजपा नेता मुसलमानों पर हमलावर हैं। सबसे ताजा बयान गिरिराज सिंंह का है।
गिरिराज सिंंह ने कहा कि भारत में मुसलमानों को रहने देना भारी भूल रही। जब धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ था तो मुसलमानों को यहां नहीं रहने देना था। आरएसएस से जुड़ी पत्रिका पांचजन्य के हैंडल से एक्स पर गिरिराज सिंंह का कोट पोस्ट किया गया। इसके मुताबिक-
मुसलमानों को यहां रहने दिया गया, यह सबसे बड़ी गलती हुई। जब देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था, फिर मुसलमानों को यहां क्यों रहने दिया गया? अगर उन्हें (मुसलमानों) यहां ना रहने दिया गया होता तो आज यह नौबत ही नहीं आती। : गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
गिरिराज सिंंह एक बार नवादा और लगातार दो बार बेगूसराय से सांसद बने हैं और नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में भी मंत्री बनाए गए हैं। चुनाव से पहले भी उन्होंने मुसलमानों पर निशाना साधते हुए कहा था- मुझे देशद्रोहियों का वोट नहीं चाहिए।
गिरिराज सिंंह का ताजा बयान सुनिए
गिरिराज सिंंह के बयान का कई लोगों ने समर्थन किया, पर सोशल साइट पर कई लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया भी दी। बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंंह ने कहा है कि जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ था तो मुसलमानों को यहां रहने देने की छूट देना बड़ी गलती थी। उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर घमासान छिड़ा हुआ है।

सोशल मीडिया पर छिड़ा घमासान
Darab Farooqui @darab_farooqui ने गिरिराज सिंह का बयान शेयर करते हुए एक्स पर लिखा- लगे रहो, गिरिराज। मैं भारतीय पैदा हुआ और ज्यादा से ज्यादा तुम यही कर सकते हो कि मुझे मार दो। लेकिन, फिर भी मैं एक भारतीय के रूप में ही मरूंगा।
Tanya Ghosh @TanyaGhosh2312 ने ताना मारा- गिरिराज सिंह सहित सभी आर्य लोगों को भी वहीं भेज दिया जाए, जहां से वे आए हैं। भारत में केवल द्रविड़ लोगों को रहना चाहिए।
पत्रकार Rohini Singh @rohini_sgh ने लिखा- अगर मुसलमान भारत में न होते तो भाजपा भी न होती और गिरिराज सिंंह मंत्री नहीं बन पाते…
भाजपा नेताओं के मुस्लिम विरोधी बयान
इससे पहले पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता शुवेंदु अधिकारी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास की जरूरत नहीं है। उन्होंने जो हमारे साथ, हम उनके साथ का नया नारा दिया और कहा कि भाजपा को अल्पसंख्यक मोर्चा भंग कर देना चाहिए। अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने भी कहा कि उनके राज्य में मुसलमानों की संख्या काफी बढ़ गई है और यह उन्हें काफी दर्द देता है।
इन सबसे पहले चुनाव नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही गिरिराज सिंंह ने यह भी कहा था कि एक मौलवी ने उनसे झूठ कहा कि वोट दिया था, लेकिन जब उसे खुदा का हवाला दिया तो उसने सच कबूल कर लिया। गिरिराज का कहना था कि मोदी सरकार की सारी योजनाओं का लाभ लेने के बावजूद मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देते हैं।
देश में मुसलमानों की आबादी 15 फीसदी से ऊपर
देश में मुसलमानों की आबादी 15 फीसदी से ऊपर बताई जाती है। मुस्लिम मतदाता देश की कई सीटों पर निर्णायक भूमिका में हैं। देश की 15 लोकसभा सीटें मुस्लिम बहुल हैं।इसके बावजूद लोकसभा में इनकी भागीदारी काफी कम रही है।
543 सदस्यीय 18वीं लोकसभा में 26 मुस्लिम सांसद चुने गए हैं। इनमें से भाजपा के केवल एक हें। 2019 में भी इनकी संख्या 22 ही थी। 1980 में सबसे ज्यादा मुसलमान सांसद चुने गए थे। तब भी इनकी संख्या 49 थी।

भाजपा ने मुसलमानों को पहले से भी कम टिकट देना शुरू किया
2014 में सत्ता में आने के बाद से भाजपा ने मुसलमानों को पहले से भी कम टिकट देना शुरू किया। दूसरी पार्टियां भी ऐसा ही कर रही हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों (कांग्रेस, सपा, टीएमसी, एनसीपी, राजद, सीपीएम) ने 2024 में 78 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, जबकि 2019 में इन्होंने 115 मुसलमानों को टिकट दिया था।
India Today-Axis My India के आंकड़ों के मुताबिक 2024 लोकसभा चुनाव में मुसलमान इंडिया गठबंधन के साथ रहे हैं। (28 प्रतिशत) कांग्रेस को 2019 की तुलना में 2024 में पांच फीसदी ज्यादा (38 प्रतिशत) मुस्लिम वोट मिले।
हिंदुओं की आबादी के लिहाज से दुनिया के टॉप 10 देश (प्यू रिसर्च का 2020 का आंकड़ा)
देश | हिंंदू आबादी |
भारत | 1,093,780,000 |
नेपाल | 28,600,000 |
बांग्लादेश | 13,790,000 |
इंडोनेशिया | 4,210,000 |
पाकिस्तान | 3,990,000 |
श्रीलंका | 3,090,000 |
यूएस | 2,510,000 |
मलेशिया | 1,940,000 |
यूके | 1,030,000 |
यूएई | 660,000 |
नेपाल में 2021 की जनगणना के मुताबिक 5.09 प्रतिशत आबादी मुसलमान है, जबकि हिंदू 81.19 प्रतिशत हैं। वहां दूसरे नंबर पर बौद्ध हैं। बौद्ध धर्म मानने वाले 8.2 प्रतिशत लोग हैं।