हरियाणा के विधानसभा चुनाव की बढ़ती सरगर्मी के बीच भाजपा के कई नेता अपनी ही पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। राज्य में सरकार चला रही बीजेपी के कई नेता टिकट को लेकर गजब की बेचैनी दिखा रहे हैं और इसके लिए पार्टी से बगावत तक करने का संकेत दे रहे हैं। पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंंह भी इन्हीं मेंं से एक हैं। उन्होंने इस बार टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ने की भी घोषणा कर दी है। जनसंपर्क कार्यक्रमों में वह भाजपा के लिए प्रचार करते हुए अपनी बात भी खुल कर कह रहे हैं।
हरियाणा की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और गुरुग्राम लोकसभा सीट में आने वाली बादशाहपुर सीट से पूर्व विधायक राव नरबीर सिंह ने एक बार फिर बीजेपी नेतृत्व को चेताया है कि पार्टी इस बार उनका टिकट काटने की गलती ना करे। कुछ दिन पहले राव नरबीर सिंह ने ऐलान किया था कि वह बादशाहपुर से चुनाव जरूर लड़ेंगे।
अधिकारियों ने हरियाणा में मचा रखी है लूट: नरबीर
राव नरबीर ने रविवार को एक बैठक के दौरान कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था और तब वह प्रदेश में बहुमत तक हासिल नहीं कर पाई थी। वह यह भी कह रहे हैं कि जिस तरह मंत्री रहते उन्होंने विकास का काम किया था, जनता वैसा ही विकास फिर देखना चाह रही है। उन्होंने अफसरों पर भी निशाना साधते हुए अपनी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा- अधिकारियों ने हरियाणा में लूट मचा रखी है और खास कर गुरुग्राम में हर काम के लिए आम जनता से अधिकारी पैसे ले रहे हैं।
राव नरबीर सिंंह 2011 से भाजपा में हैं और इससे पहले दो बार विधायक रह चुके थे। 2014 में वह तीसरी बार भाजपा के टिकट पर विधायक बने। मनोहर लाल खट्टर की सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। 2019 में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया था।
हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी को जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी थी लेकिन अब उसने जेजेपी के साथ भी गठबंधन तोड़ दिया है।
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली थीं 40 सीटें
राजनीतिक दल | विधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट |
कांग्रेस | 15 | 1 | 31 | 0 | 5 |
बीजेपी | 47 | 7 | 40 | 10 | 5 |
आरती सिंह राव भी चुनाव लड़ने को तैयार
राव नरबीर सिंह के अलावा गुरुग्राम से सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव भी खुलकर ऐलान कर चुकी हैं कि वह विधानसभा का चुनाव जरूर लड़ेंगी। वह इसके लिए तैयारी भी कर रही हैं। उनको अपने पिता का भी पूरा समर्थन हासिल है।
कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल भी हिसार में सक्रिय हो रहे हैं और उनके बयान से इस तरह की अटकलें हैं कि उनका परिवार हिसार विधानसभा सीट से टिकट मांग सकता है।

नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल हिसार से विधायक और हरियाणा सरकार में मंत्री रही हैं।
निश्चित रूप से इस तरह के ऐलान बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव में बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।
हरियाणा में हाल में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए बेहद खराब रहे हैं। ऐसे में नेताओं का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़ने की घोषणा करना विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए मुसीबत बढ़ा सकता है।
अहीरवाल में टिकट बंटवारा आसान नहीं होगा
राव नरबीर सिंह के अलावा 2019 में बादशाहपुर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार रहे मनीष यादव और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पूर्व ओएसडी जवाहर यादव भी इस सीट से टिकट मांग रहे हैं। लेकिन राव नरबीर सिंह ने जिस तरह खुलकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला है, उससे यह साफ है कि बीजेपी के लिए बादशाहपुर और अहीरवाल के इलाके में टिकटों का बंटवारा करना आसान नहीं होगा। क्योंकि राव नरबीर सिंह का अहीरवाल के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ राजनीतिक रिश्ते बेहद खराब हैं।
2019 के विधानसभा चुनाव में जब राव नरबीर सिंह का टिकट काट दिया गया था तो यह माना गया था कि इसके पीछे राव इंद्रजीत सिंह का ही हाथ है। राव इंद्रजीत सिंह जब इस बार गुरुग्राम से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे तब अहीरवाल के कई बड़े नेताओं के साथ ही राव नरबीर सिंह भी उनके चुनाव प्रचार से लगभग गायब रहे थे।

राव इंद्रजीत भी दिखा रहे बागी तेवर
अहीरवाल के इलाके में बीजेपी के लिए राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों को टिकट दे पाना बेहद मुश्किल होगा। राव इंद्रजीत सिंह इस बार भी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने की वजह से खासे नाराज हैं और कह चुके हैं कि हरियाणा में सरकार बनाने का रास्ता अहीरवाल से होकर जाता है।
अहीरवाल के इलाके में गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, नांगल चौधरी, बावल, कोसली, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, पटौदी, नारनौल और अटेली विधानसभा सीटें आती हैं।

राव इंद्रजीत सिंह ने पिछले दिनों गुरुग्राम से बाहर निकलकर भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट और हिसार तक भी अपने समर्थकों तक पहुंचने की कोशिश की है।
राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा को खुलकर जाहिर भी कर चुके हैं लेकिन बीजेपी स्पष्ट रूप से कह चुकी है कि वह मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ेगी।
किसान भी खड़ी करेंगे मुसीबत
बीजेपी के लिए मुश्किलें कई जगह से सामने आ रही हैं। किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान किसान खुलकर बीजेपी को यह बता चुके हैं कि जब तक केंद्र की सरकार एमएसपी को लेकर गांरटी कानून नहीं बनाती, तब तक वे बीजेपी का विरोध करते रहेंगे।

विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस बात का डर है कि किसान उनके लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन को ताकत हरियाणा से ही मिली थी क्योंकि टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर बैठे पंजाब के किसानों की हरियाणा के किसानों और विपक्षी राजनीतिक दलों ने खुलकर हिमायत की थी।
बीजेपी लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार को भुलाते हुए हरियाणा में चुनाव से पहले तमाम बड़े ऐलान कर रही है और पार्टी नेताओं को चुनाव के मोर्चे पर लगा रही है। लेकिन नेताओं की सियासी महत्वाकांक्षा उसके लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है।