प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों BJP के लिए चुनाव अभियान में ज़ोर-शोर से जुटे हुए हैं। पार्टी के स्टार प्रचारक होने के नाते वह आए दिन अलग-अलग राज्यों में जाकर भाजपा के लिए रैलियां और रोड शो कर रहे हैं। अंजिश्नु दास और सुखमनी मलिक के इस विश्लेषण में जानते हैं इन भाषणों में पीएम मोदी किन-किन मुद्दों को उठा रहे हैं या किन बातों का जिक्र कितनी बार कर रहे हैं।

कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमला करना, विकास, विश्वगुरु और 2047 तक विकसित भारत के वादे को पूरा करना, यह सब इस बार पीएम मोदी के भाषणों का हिस्सा नहीं रहे हैं। 16 मार्च को चुनावों की अधिसूचना जारी होने के बाद से ये विषय प्रधानमंत्री के भाषणों से गायब रहे हैं। वहीं, 5 अप्रैल को कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने के बाद बयानबाजी हिंदू-मुस्लिम मुद्दों, एससी/एसटी, संपत्ति के दोबारा से बंटवारे और धर्म के आधार पर आरक्षण की ओर मुड़ गई।

द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा 17 मार्च से 15 मई तक पीएम मोदी द्वारा दिए गए 111 भाषणों के विश्लेषण (जो कि narendramodi.in पर उपलब्ध है) से सामने आता है कि कैसे प्रमुख विषयों में बदलाव ने उनकी पार्टी के प्रचार अभ‍ियान का ट्रैक बदला है।

अपने भाषणों में किन मुद्दों का जिक्र कर रहे हैं पीएम मोदी?

Source- Indian Express

प्रधानमंत्री ने अपने 45 भाषणों में रोजगार की बात की और यह आमतौर पर सरकारी परियोजनाओं और योजनाओं के माध्यम से उत्पन्न नौकरियों के संदर्भ में थी। पांच भाषणों में मुद्रास्फीति (Inflation) का उल्लेख किया गया था, जहां कहा गया कि इसे केंद्रीय योजनाओं द्वारा नियंत्रण में रखा गया।

मार्च 17-अप्रैल 5 तक दिए गए भाषणों में केंद्रीय योजनाओं पर फोकस

16 मार्च को MCC लागू होने के बाद और 5 अप्रैल को कांग्रेस द्वारा अपना घोषणापत्र जारी करने तक पीएम मोदी ने 10 भाषण दिए। इस दौरान कल्याणकारी योजनाएं और भाजपा द्वारा किया गया विकास पीएम मोदी के भाषणों के प्रमुख विषय थे। यह मुद्दे इस अवधि में उनके सभी 10 भाषणों में शामिल थे। भारत के बढ़ते वैश्विक कद और विश्वगुरु होने का भी 10 में से आठ भाषणों में प्रमुखता से उल्लेख किया गया। इस दौरान, कांग्रेस और विपक्ष के खिलाफ उनके हमले सभी 10 भाषणों में रहे जो भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार और कुशासन के आरोपों के इर्द-गिर्द घूमते रहे।

नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव अभियान में “400 पार” का लक्ष्य भी सामने रखा, जहां भाजपा का अपने सहयोगियों के साथ 400 से अधिक लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य है। इन पहले 10 भाषणों में इस लक्ष्य का आठ बार ज़िक्र था। 10 में से 6 भाषणों में पीएम मोदी ने राम और राम मंदिर को बीजेपी की उपलब्धि के तौर पर उठाया।

6 अप्रैल-20 अप्रैल तक दिए गए भाषणों में कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप का मुद्दा

इस दौरान प्रधानमंत्री ने 34 भाषण दिए, जिनमें कांग्रेस के घोषणापत्र पर सवाल उठाए गए। कांग्रेस का घोषणापत्र 5 अप्रैल को जारी किया गया था। राजस्थान के अजमेर में 6 अप्रैल की अपनी रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि इस घोषणापत्र पर ‘मुस्लिम लीग’ की छाप है। इस अवधि में, नरेंद्र मोदी ने अपने 34 भाषणों में से 7 में कांग्रेस के न्याय पत्र के “मुस्लिम लीग का घोषणापत्र” होने का दावा किया।

34 भाषणों में से 17 में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष ‘हिंदू विरोधी’ है, खासतौर पर जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होने के लिए। इस अवधि में राम और राम मंदिर का 26 बार उल्लेख हुआ। कांग्रेस के खिलाफ हमले में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के आरोप मुख्य थे, 27 भाषणों में इसका उल्लेख किया गया था। विकास, कल्याण योजनाएं और विश्वगुरु इस अवधि में प्रमुख विषय रहे, जिनका क्रमशः 32, 31 और 19 बार उल्लेख किया गया। हालांकि, इस दौरान ‘400 पार’ का नारा ठंडा हो गया। यह नारा 34 में से कुल 13 भाषणों में लगाया गया था।

21 अप्रैल-15 मई के बीच पीएम ने संपत्तियों के दोबारा से बंटवारे और धर्म के आधार पर आरक्षण पर बात की

इस दौरान पीएम मोदी ने 67 भाषण दिए। इस अवधि में कल्याणकारी योजनाएं और विकास प्रचार का सबसे मजबूत मुद्दा रहे, 67 में से 60 भाषण में इसका उल्लेख रहा। वहीं, राम और अयोध्या में राम मंदिर का 43 बार जिक्र किया गया। इस दौरान केवल 16 बार पीएम मोदी के भाषणों में ‘400 पार’ का जिक्र किया गया।

मंगलसूत्र और घुसपैठियों का जिक्र

21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में पीएम मोदी ने मुसलमानों का जिक्र किया और पहली बार ‘घुसपैठिए’ का उल्लेख किया। उनके कुल 111 भाषणों में 12 बार घुसपैठियों का जिक्र था। कई भाषणों में पीएम मोदी ने यह भी दावा किया कि हिंदू महिलाओं के ‘स्त्रीधन’ यानी उनके मंगलसूत्र छीने जाने का खतरा हो सकता है। मंगलसूत्र का पहला उल्लेख बांसवाड़ा भाषण में हुआ था। तब से इस अवधि में 67 में से 23 भाषणों में मंगलसूत्र का जिक्र आया।

21 अप्रैल से 15 मई के बीच हिंदू-मुस्लिम, कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक को लाभ पहुंचाने के लिए संपत्ति का बंटवारा, एससी, एसटी और ओबीसी जाति से आरक्षण छीनना जैसे मुद्दे 67 में से 60 भाषणों में शामिल थे। इस दौरान भी पीएम मोदी ने क्रमशः 63 और 57 भाषणों में कांग्रेस और विपक्ष के कुशासन और भ्रष्टाचार को उठाया।

पीएम मोदी ने इन्हें बताया था चार जातियां

पिछले साल,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि चार प्रमुख जातियां- महिलाएं, युवा, किसान और गरीब, भारत में विकास को बढ़ावा देंगी और ये उनके अभियान भाषणों के निरंतर विषय थे। पीएम मोदी अक्सर गरीबों के बारे में बात करते थे। नीति आयोग के अनुमान के अनुसार, उनके 111 भाषणों में से 84 में उन्होंने पिछले दशक में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए अपनी सरकार के काम का जिक्र किया। इसके अलावा 69 और 56 भाषण में क्रमशःकिसानों और युवाओं का उल्लेख किया गया।

पीएम के 81 भाषणों में महिलाएं शामिल रहीं जो हाल के चुनावों में भाजपा का फोकस हैं। पीएम मोदी ने सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर से लेकर लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण से लेकर ड्रोन दीदी कार्यक्रम तक भाजपा की महिला केंद्रित पहलों की बात की।