लोकसभा चुनाव 2024 में दूसरे चरण के मतदान से पहले एक बार फ‍िर ‘ह‍िंंदू-मुसलमान’ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान से ‘ज्‍यादा बच्‍चा पैदा करने का मुद्दा’ चुनावी हो गया है। एआईएमआईएम के मुख‍िया असदुद्दीन ओवैसी ने आंकड़े और बीजेपी नेताओं के नाम ग‍िना कर पलटवार क‍िया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह देश की संपत्ति को ‘घुसपैठियों और जिनके अधिक बच्चे हैं’, उनके बीच बांट सकती है। चुनावी व‍िवाद के बीच आंकड़े क्‍या कहते हैं, जानते हैं।

वैसे तो 2021 की जनगणना अभी तक हुई नहीं है, लेक‍िन नेशनल फैम‍िली हेल्‍थ सर्वे के डेटा के मुताब‍िक मुस्‍ल‍िम मह‍िलाओं के बच्‍चा पैदा करने की दर (फर्ट‍िल‍िटी रेट) इस तरह बताई गई:

2019-21 में 2.4

2015-16 में 2.6

2005-06 में 3.4

मुस्‍ल‍िम मह‍िलाओं की फर्ट‍िल‍िटी रेट (2.4) बाकी समुदायों की तुलना में ज्‍यादा है, पर इसके कम होने की रफ्तार अन्‍य समुदायों की मह‍िलाओं की तुलना में ज्‍यादा है।

विभिन्न धार्मिक समूहों की जनसंख्या में हिस्सेदारी

Source- India Census

भारत में हिंदू जनसंख्या

2001-11 की जनगणना के मुताबिक, भारत में हिंदू आबादी बहुतायत में है। 121 करोड़ की आबादी में करीब 97 करोड़ हिंदू रहते हैं। भारत की कुल जनसंख्या में से 79.8% हिन्दू हैं। 2001-2011 के दस सालों में हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर 16.8% रही थी। मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम (ईसाई बहुल), पंजाब (सिख बहुल), जम्मू और कश्मीर और लक्षद्वीप (इस्लाम बहुल) को छोड़कर सभी राज्यों में बहुतायत में हिंदू धर्म को मानने वाले हैं।

भारत में मुस्लिम जनसंख्या

2001-11 की जनगणना के मुताबिक, भारत में मुसलमान लगभग 17.22 करोड़ हैं यानी भारत की कुल आबादी का 14.2% इस्लाम का पालन करते हैं। विश्व की कुल मुस्लिम आबादी का लगभग 11% भारत में रहता है। इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बाद भारत में तीसरी सबसे अधिक मुस्लिम आबादी है।

भारत में प्रजनन दर में गिरावट

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, 2019 में मुस्लिम महिलाओं में प्रजनन दर 2.4, हिंदू महिलाओं में 1.9, क्रिश्चियन महिलाओं में 1.9 है। जैन, बौद्ध और सिख महिलाओं में प्रजनन दर क्रमशः 1.6, 1.4 और 1.6 है। भारत में महिलाओं में ओवरऑल फर्टिलिटी रेट 2.0 है।

मुसलमानों की आबादी पर क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “पहले जब उनकी सरकार थी, उन्होंने कहा था की देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे।” उन्होंने कहा, “घुसपैठियों को बांटेंगे। आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? क्या आपको ये मंजूर है?”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “ये अर्बन नक्सल वाली सोच। मेरी माताओ- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। इस हद तक चले जाएंगे।” उन्होंने कहा, “ये कांग्रेस का घोषणापत्र कह रहा है कि वे माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे और उनको बांटेगे जिनके बारे में मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।”

आपके कितने भाई-बहन हैं- असदुद्दीन ओवैसी का पीएम मोदी से सवाल

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी के बयान पर हमला बोलते हुए कहा, “देश के प्रधानमंत्री का अभी भाषण हुआ, कोई नई बात नहीं कही वह हमेशा बोलते हैं। उन्होंने क्या कहा कि मुसलमान बच्चे बहुत पैदा करते हैं। अब हम मोदी जी के इस भाषण का पोस्टमार्टम करते हैं। ताकि मोदी जी को भी मालूम हो जाये कि मोदी जी आप लंबी-लंबी फेंकते हैं मगर हम आपको सच्चाई बता देते हैं। सच्चाई यह है कि भारत में हमारी मुस्लिम माताओं-बहनों का जो फर्टिलिटी रेट है वह 2.6 है जो कम हुआ है। मतलब जो बच्चे पैदा कर रहे हैं मुसलमान वो कम हुआ है। हमारे हिंदू भाई-बहनों का उससे कम है जरूर मगर हमारा कम हुआ है।”

एआईएमआईएम प्रमुख ने आगे कहा, “मोदी जी कहते हैं कि बच्चे बहुत पैदा कर रहे हैं मगर आपके कितने भाई-बहन हैं 6, अमित शाह की कितनी बहनें हैं 6, रविशंकर प्रसाद के कितने भाई-बहन हैं 7 मगर लोगों को दिखाई देता है कि मुसलमान बच्चे बहुत पैदा कर रहे हैं।”

पीएम मोदी के बयान पर क्या बोले तेजस्वी यादव?

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी को बेरोजगारी और महंगाई पर बोलने की चुनौती दी और कहा कि हिंदू भी पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, “हम तो यही कहते हैं कि मुद्दे की बात करें प्रधानमंत्री। हाथ जोड़ कर उनसे विनती करते हैं कि नफरत की राजनीति छोड़ें। देश का नौजवान, देश का बुजुर्ग वर्ग, देश का व्यापारी और हमारी माताएं- बहनें सभी का अर्जुन की तरह एक ही निशाना है जो गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और खराब अर्थव्यवस्था है। इसलिए हाथ जोड़ कर पीएम से यही कहेंगे कि आप बताइये आपने 10 साल में क्या किया और आपका बिहार और देश के लिए क्या विजन है?”